UP:फर्रुखाबाद में टिड्डी दल का हमला..मचा रहा हड़कम्प..ऐसे किया किसानों ने बचाव..!
फर्रुखाबाद पहुँचे टिड्डी दल से किसानों के बीच हड़कम्प मचा रहा..हमले के अलर्ट पर जिला प्रशासन भी सक्रिय हो गया था..पढें युगान्तर प्रवाह की एक रिपोर्ट।
फर्रुखाबाद:जनपद के कम्पिल क्षेत्र में रविवार शाम घुसे टिड्डी दल के कारण रात भर किसानों में हड़कंप मचा रहा।रात भर पड़ाव डालकर टिड्डी दल ने खेतों में खड़ी फसलों को नुकसान पहुंचाया। जिलाधिकारी ने प्रभावित क्षेत्र का दौरा कर टिड्डियों द्वारा किये गए नुकसान को देखा और विभाग से क्षतिग्रस्त फसल का आंकलन कर सूचना मांगी है।
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गौरतलब है कि रविवार शाम टिड्डी दल जनपद की सीमा घुसा।कम्पिल क्षेत्र में किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचाने के बाद टिड्डी दल ने कायमगंज की तरफ रुख किया।जिससे किसान थोड़े निश्चिंत हो गए।लेकिन करीब डेढ़ घंटे बाद एक बार फिर आसमान काला दिखाई देने लगा।और टिड्डियों के दल ने हमला कर दिया।
अंधेरा होने के साथ ही टिड्डी दल ने पेड़ों पर डेरा जमा लिया।अचानक से लाखों की संख्या में टिड्डियों के बैठ जाने से कई यूकेलिप्टस के पड़ों से टहनियां टूट गयीं।जिले में टिड्डियों के हमले की जानकारी मिलने पर सोमवार दोपहर ही जिलाधिकारी मानवेन्द्र सिंह ने कृषि विभाग के अधिकारियों के साथ कम्पिल क्षेत्र के गांव जोगपुर का निरीक्षण किया।यहां सुबह अधिकारियों ने दवा का छिड़काव कर टिड्डियों को मारा था। करीब 15 मिनट रुककर जिलाधिकारी का काफिला मुख्यालय की तरफ चला गया। साथ में मौजूद उप कृषि निदेशक ने बताया कि टीम ने 80 प्रतिशत टिड्डियों को मार गिराया है। जिलाधिकारी ने कृषि विभाग को किसानों की क्षतिग्रस्त कृषि भूमि का आंकलन कर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए। किसानों ने अधिकारियों से टिड्डी दल द्वारा फसल को पहुंचाये जा रहे नुकसान का आंकलन कर मुआवजा देने की मांग भी की है।
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क्षेत्र में टिड्डी दल के आने की सूचना पर कृषि विभाग के सहायक निर्देशक डॉ वीरेंद्र कुमार के नेतृत्व में 13 सदस्यीय टीम ने कस्बे के शाकुन्तलम अतिथि गृह में डेरा जमा लिया है।टीम दवा लैम्डा सैहलोथ्रीन 5 प्रतिशत ई.सी. 2.5 मिली/लीटर का छिड़काव कर टिड्डियों को मारती है। टीम के पास दो ड्रोन हैं जिसे हवा में उड़ाकर टिड्डियों को काटकर मारा जाता है।टीम इंचार्ज ने बताया अभी ड्रोन उड़ाने की जरूरत नहीं पड़ी है। दवा से ही टिड्डियां मारी जा रही हैं।क्षेत्र में दवा छिड़काव के लिए जाने के बाबत पूछने पर टीम के निर्देशक डॉ वीरेंद्र कुमार ने बताया कि जब तक मुख्यालय से सूचना नहीं मिलती तब तक हम लोग दवा का छिड़काव करने कहीं नही जाते हैं। सोमवार सुबह गांव जोगपुर में टिड्डी दल के होने की जानकारी मिलने पर ड्रोन पायलट जैशिका, कार्तिक विनय, शोएब व अन्य सदस्यों के साथ दवा का छिड़काव कर टिड्डियों को मारा था।जैसे ही मुख्यालय से अन्य कहीं टिड्डियों के होने की जानकारी मिलती है वहाँ पहुंचकर छिड़काव किया जाएगा।
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किसानों ने ढोल नगाड़े पीपा इत्यादि बजाकर भगाया। तेज शोर व हवा चलने के कारण टिड्डी दल बिचलित होकर छोटे-छोटे झुण्ड में बंट गया। जो पूरी रात क्षेत्र के गांवों पर मंडराते रहे।
जानकार बताते हैं कि टिड्डियों को भगाने के लिए पारंपरिक तरीके अभी भी काफी कारगर साबित हो रहे हैं।जैसे तेज आवाज़ में शोर मचाना,ताली बजाना, खेतों में धुआं करना आदि।
अचानक से आई लाखों टिड्डियों को देखकर इन्हें खाने वाले पक्षी भी सहम गए। खेत में टिड्डियों के बैठने और उडऩे के दौरान कम ही पक्षी इनके आसपास भटकते नजर आए। गांवों में दिनभर छतों पर धमाचौकड़ी मचाने वाले बंदर भी छतों पर एक साथ बैठते उड़ते टिड्डी दल को देखकर भागते नजर आए।
किसान प्रभुदयाल कहते हैं कि अगर टिड्डी दल कहीं ठहर जाता तो काफी नुकसान होता किसानों ने टिड्डियों को कहीं भी रुकने नहीं दिया। शोर मचाने के साथ ही किसान इनको मारकर गिरा रहे थे। किसानों का कहना था इलाके में पहली बार पाकिस्तानी टिड्डी दल देखा है।अगर ये रुक जाता तो फसल और पेड़ पौधों के हरे पत्ते गायब ही हो जाते।और काफ़ी नुकसान हो जाता।