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Diwali Kab Hai 2024: आज है दिवाली ! इस शुभ मुहूर्त में करें लक्ष्मी पूजन

Diwali Kab Hai 2024: आज है दिवाली ! इस शुभ मुहूर्त में करें लक्ष्मी पूजन दिवाली (Diwali) के त्योहार को लेकर लोग दो दिन इस पर्व को मना रहे हैं. लेकिन कई प्रकांड विद्वानों के मतानुसार इस पर्व को कुछ विशेष कारणों से 31 अक्टूबर को मनाया जाना अति शुभ है. जानिए लक्ष्मी पूजन (Laxmi Pujan) का शुभ मुहूर्त
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Karwa Chauth Katha Likhi Hui 2024: करवा चौथ की लिखी हुई व्रत कथा हिंदी में ! जानिए कौन थी करवा

Karwa Chauth Katha Likhi Hui 2024: करवा चौथ की लिखी हुई व्रत कथा हिंदी में ! जानिए कौन थी करवा करवा चौथ (Karwa Chauth Vrat Katha) की कई कथाएं प्रचलित हैं जिनमें एक साहूकार के सात भाइयों में एक बहन की कथा है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि करवा नाम की एक पतिव्रता स्त्री कैसे यमराज से भिड़ गई तभी से इस व्रत को करवा चौथ के नाम से पूजते हैं.
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Pitru Paksha 2024: पितृ पक्ष क्या होता है? गयासुर से कैसे बना गया, जानिए श्राद्धतर्पण के महापर्व के बारे में

Pitru Paksha 2024: पितृ पक्ष क्या होता है? गयासुर से कैसे बना गया, जानिए श्राद्धतर्पण के महापर्व के बारे में Pitru Paksha History: सनातन संस्कृति में पितृ पक्ष का विशेष महत्व है. श्राद्ध पक्ष हमारी कृतज्ञता का बोध कराती है..कैसे हुआ गया का निर्माण. गया में पिंडदान के बिना पितरों को क्यों नहीं मिलती हैं मुक्ति..इस पक्ष को महापर्व बता रहे हैं उत्तर प्रदेश राज्य मुख्यालय के स्वतंत्र पत्रकार प्रेम शंकर अवस्थी
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Somvati Amavasya Kab Hai 2024: सोमवती अमावस्या कब है? किस दिन करनी है पीपल की परिक्रमा, दो दिन है शुभ मुहूर्त

Somvati Amavasya Kab Hai 2024: सोमवती अमावस्या कब है? किस दिन करनी है पीपल की परिक्रमा, दो दिन है शुभ मुहूर्त Somvati Amavasya Kab Hai 2024: सोमवती अमावस्या को लेकर महिलाओं में कंफ्यूजन बना हुआ है. इसबार 2 और 3 सितंबर को अमावस्या तिथि पड़ हैं. लेकिन सौभाग्यवती स्त्रियां किस दिन व्रत और पीपल की परिक्रमा करेंगी इसका भ्रम बना हुआ है.जानिए पंडित ईश्वर दीक्षित ने क्या बताया है
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आरती कुंजबिहारी की लिखित लिरिक्स हिंदी: कृष्ण भगवान की आरती लिखित में ! Aarti Kunj Bihari ki

आरती कुंजबिहारी की लिखित लिरिक्स हिंदी: कृष्ण भगवान की आरती लिखित में ! Aarti Kunj Bihari ki आरती कुंजबिहारी की लिखित लिरिक्स हिंदी: भगवान श्री कृष्ण की पूजन विधि में आरती का विशेष महत्व है, जन्माष्टमी के दिन भगवान बाल गोपाल का अभिषेक करने के बाद उनको वस्त्र और पुष्प अर्पित करते हुए तत्पश्चात आरती करते हैं जिसमें शंख और वाद्य यंत्रों के साथ आरती करते हैं जिसे सुनकर कान्हा अति प्रसन्न होते हैं (Aarti Kunj Bihari Ki Shri Girdhar Krishna Murari Ki Hindi Lyrics)
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Hal Shashthi Lalahi Chhath Kab Hai 2024 : जानिए हरछठ या Lalahi Chhath के व्रत का क्या है महत्व ! बलराम जी के हल से जुड़ा हुआ है नाम

Hal Shashthi Lalahi Chhath Kab Hai 2024 : जानिए हरछठ या Lalahi Chhath के व्रत का क्या है महत्व ! बलराम जी के हल से जुड़ा हुआ है नाम HarChat 2024: हरछठ पर्व भाद्र पद माह के कृष्ण पक्ष की षष्ठी को मनाये जाने की परम्परा है.इस बार हरछठ पर्व जिसे हलषष्ठी भी कहते हैं, 25 अगस्त को मनाया जाएगा. उत्तर प्रदेश और बिहार में इस पर्व का विशेष महत्व है.इस पर्व को ललई और ललही छठ नामों से भी जाना जाता हैं.यह पर्व श्रीकृष्ण के ज्येष्ठ भ्राता बलराम को समर्पित है.क्योंकि उन्हीं के शस्त्र हल के नाम पर इस पर्व का नाम पड़ा है.नवविवाहिताएँ व महिलाएं अपनी संतान व पुत्रों की लंबी आयु के लिए यह व्रत करती है.
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Madhurashtakam Lyrics In Hindi: जन्माष्टमी में बालगोपाल को प्रसन्न करने के लिए करें मधुराष्टकम् का पाठ अधरं मधुरं वदनं मधुरं

Madhurashtakam Lyrics In Hindi: जन्माष्टमी में बालगोपाल को प्रसन्न करने के लिए करें मधुराष्टकम् का पाठ अधरं मधुरं वदनं मधुरं भगवान श्री कृष्ण (Shri Krishna) को प्रसन्न करने के आराधना करना भी एक मध्यम है.ऐसा ही एक ग्रंथ है महाप्रभु श्री वल्लभाचार्य (Vallabhacharya) द्वारा लिखित मधुराष्टकम् जिसमें भगवान श्री कृष्ण की मधुरता का वर्णन किया गया है.कहते हैं की इसके निरंतर पाठ करने से श्री कृष्ण की परमभक्ति प्राप्त होती हैं. पढ़ें मधुराष्टकं का पाठ (Madhurashtakam Adhram Madhuram Vadnam Madhuram)
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Raksha Bandhan 2024: रक्षाबंधन में भद्रा का साया ! भ्रम से बचें जान लीजिए पूरी बात, कब है शुभ मुहूर्त?

Raksha Bandhan 2024: रक्षाबंधन में भद्रा का साया ! भ्रम से बचें जान लीजिए पूरी बात, कब है शुभ मुहूर्त? Raksha Bandhan 2024: रक्षाबंधन के त्यौहार में अक्सर भद्रा का साया बना रहता है. इस बार भी भद्रा 19 अगस्त की रात अर्थात 18 रात बजे के बाद 02.21 बजे से दोपहर 01.30 बजे तक रहेगा. कई लोग भद्रा की पूरी बात जाने बिना ही भ्रम पाल लेते हैं. इस बार भद्रा मकर राशि में होने के कारण पाताल की भद्रा हैं जिससे पृथ्वी पर रहने वाले लोगों पर इसका कोई भी प्रभाव नहीं पड़ेगा. जानिए राखी बांधने का शुभ मुहूर्त.
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Kullu Bijli Mahadev Temple : कुल्लू की पहाड़ियों पर रहस्यमयी शिव मंदिर, 12 वर्षों में शिवलिंग हो जाता है चकनाचूर, इस प्रकार जुड़ते हैं बिजली महादेव

Kullu Bijli Mahadev Temple : कुल्लू की पहाड़ियों पर रहस्यमयी शिव मंदिर, 12 वर्षों में शिवलिंग हो जाता है चकनाचूर, इस प्रकार जुड़ते हैं बिजली महादेव हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में पहाड़ियों पर स्थित एक रहस्यमयी शिव मंदिर है.जिस पर 12 साल में एक बार शिवलिंग और पताका पर बिजली गिरती है.बिजली गिरने के बाद शिवलिंग टूटकर बिखर जाता है.जिसे दोबारा मक्खन से जोड़ा जाता है.सुंदर पहाड़ियों पर बने इस मंदिर को बिजली महादेव मन्दिर नाम से जाना जाता है.
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Gudiya kab hai 2024: गुड़िया कब है? नागपंचमी के दिन क्यों पीटी जाती हैं गुड़िया

Gudiya kab hai 2024: गुड़िया कब है? नागपंचमी के दिन क्यों पीटी जाती हैं गुड़िया Gudiya kab hai 2024: नाग पंचमी (Nag Panchami) के दिन ही गुड़िया मनाने का विधान है. इस वर्ष Gudiya का पर्व 9 अगस्त को मनाया जाएगा. जानिए की नाग पंचमी के दिन गुड़िया पीटने की परंपरा क्यों पड़ी.
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Fatehpur News: फतेहपुर का ऐसा शिवमंदिर जिसकी खोज क़रीब हज़ार साल पहले गाय चराते हुए एक चरवाहे ने की थी

Fatehpur News: फतेहपुर का ऐसा शिवमंदिर जिसकी खोज क़रीब हज़ार साल पहले गाय चराते हुए एक चरवाहे ने की थी सावन महीने में युगान्तर प्रवाह लेकर आ रहा सावन स्पेशल सीरीज जिसमें आप को मिलेगी शिव मंदिरों की वो अनसुनी व रोचक जानकारियां जो आपने शायद पहले न सुनी या पढ़ी हो. ऐसा ही एक शिव मंदिर है फतेहपुर के गाजीपुर क्षेत्र के चुरियानी गाँव मे स्थित रुरेश्वर धाम शिवमंदिर की माना जाता है कि इस मंदिर की खोज करीब एक हज़ार साल पहले हुई थी, जानिए इसके बारे में
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Lakhimpur Kheri Frog Temple: देश के इस इकलौते मन्दिर में मेंढक की होती है पूजा ! पीठ पर विराजमान है शिवजी, जानिए पौराणिक महत्व

Lakhimpur Kheri Frog Temple: देश के इस इकलौते मन्दिर में मेंढक की होती है पूजा ! पीठ पर विराजमान है शिवजी, जानिए पौराणिक महत्व हमारा देश कई रहस्यों से घिरा हुआ है.यहां कई ऐसे चमत्कारी और अनोखे प्राचीन शिव मंदिर हैं जिनकी अद्धभुत मान्यता है.लखीमपुर के ओयल कस्बे में मण्डूक तंत्र पर आधारित मेढक मन्दिर है,कहा जाता है कि यहां मेढक की पूजा होती है.यह देश का इकलौता मन्दिर है जहां मेंढक की पूजा होती है.यहां मेढक की पीठ पर शिवजी विराजमान रहते हैं,शिवलिंग का रंग तीन बार दिन में बदलता है.यहां सावन ,शिवरात्रि में भक्तों की अपार भीड़ उमड़ती है.
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