Kashi Vishwanath Police Pujari: काशी विश्वनाथ मंदिर में पुजारी की वेशभूषा में ड्यूटी करेंगे पुलिसकर्मी ! सपा अध्यक्ष ने साधा निशाना
Varanasi News Today
वाराणसी (Varanasi) के काशी विश्वनाथ मंदिर (Kashi Vishwanath Mandir) परिसर के गर्भगृह (Sanctum Sanctorum) में पुजारी की वेशभूषा में पुलिसकर्मियों को तैनात (Policeman dressed as priest) करने के निर्देश पुलिस कमिश्नर के द्वारा दिए गए हैं. श्रद्धालुओं को दर्शन के लिए सुविधा और सहयोग के लिए ये पहल की गई है. इसके लिए तीन दिन की विशेष ट्रेनिंग भी दी गयी है. इस पहल को लेकर अखिलेश यादव ने निशाना साधा है.
वाराणसी पुलिस कमिशनरेट की पहल
काशी विश्वनाथ मंदिर (Kashi Vishwanath Mandir) के गर्भगृह में अक्सर खाकी वर्दी पहने जवान भक्तों की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए तैनात रहते हैं. जिससे कई बार धक्का-मुक्की भी पुलिसकर्मियों की ओर से देखने को मिल जाती है जिससे भक्तों को ठेस पहुंचती है. अब वाराणसी पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल (Mohit Agarwal) की इस अनोखी पहल के जरिये भक्तों को बाबा के दर्शन के लिए ये पुलिस कर्मी उनके सहयोग व सुविधा के लिए इस तरह से गर्भगृह में तैनात रहेंगे.
पुलिसकर्मी पुजारी की वेशभूषा में तैनात, करेंगे सहयोग
मन्दिर के गर्भगृह (Sanctum sanctorum) परिसर के आसपास अब पुलिसकर्मियों को पुजारी की वेशभूषा (Priests dressed) में देखा जाएगा. वर्दी छोड़ पुजारी रूप में पुलिसकर्मी गेरुआ वस्त्र, धोती-कुर्ता, रुद्राक्ष माला, माथे पर त्रिपुंड लगाए दिखाई देंगे. इनकी ड्यूटी गर्भगृह परिसर के आसपास ही रहेगी. जिससे भक्तों को भी पुजारी के रूप में उन्हें देखकर अच्छा लग सकता है.
पुलिस कमिश्नरेट वाराणसी में 'नो टच रूल' (No Touch Rule) को लागू कर दिया है. इसके जरिए भक्तों को दर्शन के लिए अक्सर धक्का मुक्की का शिकार होना पड़ता था. उन सभी बातों का ध्यान रखते हुए पुलिसकर्मियों को पुजारी की वेशभूषा दी गई है. इसके लिए इन पुलिसकर्मियों को 3 दिन की विशेष ट्रेनिंग (Special Training) भी दी गई है.
पुजारी की ड्रेस में करेंगे गाइड
इसके साथ ही यहां पर पुजारी की वेशभूषा में तैनात पुलिसकर्मी श्रद्धालुओं को गाइड भी करेंगे कि उन्हें दर्शन के लिए किस और जाना है ऐसा नहीं है कि सभी पुलिसकर्मी पुजारी की वेशभूषा में रहता है नाथ रहेंगे कुछ लोग वर्दी में भी तैनात रहेंगे वीआईपी मूवमेंट के समय भी श्रद्धालुओं को दिक्कत ना हो जिसको लेकर भी तैयारी की गई है उस समय अक्सर जब वीआईपी मूवमेंट होता है तो पुलिसकर्मी श्रद्धालुओं को हटा देते हैं जिससे वह नकारात्मक भाव लेकर यहां से जाते हैं इन सब चीजों को ध्यान में रखते हुए इस पहल को इजाद किया गया है.
तीन दिन की दी गयी विशेष ट्रेनिंग
वीआईपी मूवमेंट के समय रस्सी से एक घेरा बना दिया जाएगा जिससे श्रद्धालु काफी दूरी पर रहेंगे और उन्हें धक्का भी नहीं लगेगा. पुजारी की वेशभूषा में तैनात पुलिस कर्मियों को विशेष ट्रेनिंग में इन बातों को भी बताया गया है जिसमें उन्हें मृदु भाषी होना किस तरह से श्रद्धालुओं से बात करना उनके प्रश्नों के उत्तर देना यह सब समाहित है जिससे श्रद्धालु मन में पुलिस जैसी भावना ना आए बल्कि एक मंदिर के पुजारी जैसी भावना उनके अंदर दिखाई दे इस सोच के साथ यह पहल की गई है.
अखिलेश यादव ने साधा निशाना
वही पुलिस कमिश्नर के इस पहल के बाद राजनीतिक सियासत भी शुरू हो गई है जहां पर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने एक्स पर पुलिस कर्मियों की इस वेशभूषा पर सवाल उठाए हैं जिस पर उन्होंने कहा कि इस तरह से तो कोई भी भोली भाली जनता को ठग सकता है. पुजारी की वेशभूषा में पुलिसकर्मियों का होना किस पुलिस मैन्युल के हिसाब से सही है. इस तरह का आदेश देने वालों को निलंबित किया जाए.