Kanpur news : गर्मी से निजात पाने के लिए 6 किशोरों ने गंगा में लगाई छलांग, 2 की मौत से परिवार में कोहराम
कानपुर में एक बार फिर दिल दहला देने वाली घटना देखने को मिली जहां पर गंगा नहाने गए 6 किशोर तेज बहाव में फंस कर डूबने लगे आसपास के लोगों ने डूब रहे बच्चों को कड़ी मशक्कत के बाद बाहर निकाला। जब दो बच्चों में किसी भी तरह की कोई हरकत देखने को नहीं मिली तो आनन-फानन में उन्हें अस्पताल लेकर पहुंचे जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.
हाईलाइट्स
- कानपुर के जाजमऊ थाना क्षेत्र में गंगा में डूबे 6 बच्चे
- 2 बच्चो की हुई मौत,4 अस्पताल में भर्ती
- कानपुर के जाजमऊ थाना क्षेत्र का है मामला
6 children drowned in Ganga,2 died
दरअसल घटना जाजमऊ थाना क्षेत्र के सिद्धनाथ घाट की है। जानकारी के मुताबिक यह सभी बच्चे जाजमऊ सफीपुर इलाके के रहने वाले थे शुक्रवार दोपहर के समय सभी बच्चे खेलते हुए गंगा घाट पर पहुंच गए फिर सभी ने गंगा में डुबकी लगा दी लेकिन तेज बहाव और गंगा में गहराई की वजह से बच्चे डूबने लगे तभी आसपास के लोगों की निगाह उन पर पड़ी तो लोगों ने गंगा में छलांग लगाते हुए बारी-बारी से रितिक पांडेय, निखिल निषाद, विवेक निषाद, आर्यन निषाद, लक्ष्य सिंह व शिवा निषाद को निकाल लिया। लेकिन अफसोस लक्ष्य और शिवा की गंगा में डूबने से मौत हो गयी.
गंगा के तेज बहाव में डूबे बच्चे
आपको बता दें कि बीती 29 अप्रैल के दिन भी कानपुर के नरवल तहसील में बने तालाब में डूबने से चार बच्चों की मौत हो गई थी इस घटना के बाद लगातार प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे थे इस घटना को अभी 1 महीने का भी समय नहीं हुआ है आज एक बार फिर जाजमऊ स्थित गंगा नदी में 6 बच्चे नहाने गए और तेज बहाव में डूबने लगें बच्चो के चिल्लाने पर गोताखोरों ने गंगा नदी में छलांग लगाई और 6 बच्चो को बाहर निकाला जिसमे 2 बच्चो की मौत हो गई घटना की सूचना पर परिजनों में कोहराम मचा हुआ है.दो बच्चों की मौत के बाद प्रशासन सवालों के घेरे में है। वहीं घटना की सूचना पर पहुंचे परिजनों की चीख पुकार से अस्पताल परिसर में कोहराम मच गया घटना को गंभीरता से लेते हुए एसीपी कैंट भी पुलिस बल समेत घटनास्थल का जायजा लेने पहुंची
जहां पर उन्होंने कहां की आसपास के तमाम घाटों पर प्रशासन की ओर से गोताखोरों को तैनात किया गया है यदि गंगा में किसी तरह की कोई हलचल होती है तो वह तक हो और समय रहते उस पर काबू पा लेते हैं लेकिन इसके साथ-साथ गंगा किनारे रहने वाले लोगों को भी जागरूक होना होगा जिस तरह से बच्चे नासमझी करते हुए खुद की जान को खतरे में डालते हैं ऐसे में उनके परिजनों को भी ध्यान देने की आवश्यकता है.