UP News: शिक्षा विभाग का गज़ब खेल ! रिक्शा वाले को भेज दिया 51 लाख का नोटिस, हांथ के छाले दिखाकर बिलख कर रोया
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उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के श्रावस्ती (Shravasti) जनपद में एक रिक्शे वाले को शिक्षा विभाग ने 51 लाख का रिकवरी नोटिश थमा दिया. रोते बिलखते युवक का वीडियो वायरल होने के बाद विभाग ने अपनी गलती मानी..पढ़ें पूरी ख़बर
Shravasti Rickshaw Driver Notice: यूपी के श्रावस्ती जनपद से दिल को झकझोर देने वाली खबर सामने आई है. एक कम पढ़े लिखे मजदूर को शिक्षा विभाग ने 51 लाख की रिकवरी नोटिश थमा दिया.
ये कहानी भिनगा क्षेत्र के गोंडपुरवा गांव के रहने वाले मनोहर यादव (Manohar Yadav) की है जो दिल्ली में रिक्शा (Rickshaw) चलाकर अपने परिवार का भेट भरते हैं. हांथ के गड्ढे और तकदीर की मिटी रेखाएं दिखाकर वो इतना रोया कि किसी का भी दिल पसीज जाए.
शिक्षा विभाग ने क्यों भेजा 51 लाख का नोटिस?
श्रावस्ती (Shravasti) में फर्जी शिक्षक बनकर नौकरी करने वालों के कई मामले प्रशासन ने पकड़े थे. बताया जा रहा है कि अंबेडकर नगर के सुरेंद्र प्रताप सिंह के एक व्यक्ति ने नव्वा पुरवा के उच्च प्राथमिक विद्यालय (जूनियर हाईस्कूल) में फर्जी सरकारी टीचर (Govt Teacher) के रूप में नौकरी की.
बताया जा रहा है कि जब शिक्षा विभाग ने पड़ताल की तो पता चला कि सुरेंद्र प्रताप सिंह नाम ही फर्जी है जिसने अबतक 14 जुलाई 2020 तक 51 लाख 63 हजार रुपये वेतन के तौर पर लेते हुए सरकार को चूना लगाया है.
विभाग ने रिक्शा वाले मनोहर यादव के घर इसका रिकवरी नोटिस भेज दिया. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार मनोहर इतना भी पढ़ा लिखा नहीं है कि वो सरकारी नोटिस भी पढ़ सके. बताया जा रहा है कि जब उसने किसी से इसका मतलब पूंछा तो उसके पैरों तले जमीन खिसक गई.
38 सेकेंड के वीडियो में कलेजा निकाल दिया मनोहर ने
मजदूर रिक्शा चालक मनोहर यादव को नोटिस मिलते ही उसकी नींद उड़ गई. परिवार का खाना पीना सब हराम हो गया. 38 सेकेंड के वायरल वीडियो में रोते बिलखते मनोहर ने अपने पढ़े लिखे हाथों के उन गड्ढों को दिखाया जो फफोले बनकर फूट चुके थे.
यूपी के श्रावस्ती जनपद के रहने वाले मनोहर यादव को शिक्षा विभाग ने भेजा 51 लाख का नोटिस..फर्जी शिक्षक बताकर भेजा गया रिकवरी नोटिस.. रिक्शा चालक है मनोहर..मामला थाना कोतवाली भिनगा के गौड़पुरवा गांव का है..वीडियो सोशल मीडिया में वायरल. #News #UttarPradesh@shravastipolice pic.twitter.com/ZfOrceLFJs
— युगान्तर प्रवाह (@yugantarpravah) December 24, 2024
शिक्षा विभाग भी सही ढंग से उसके मुंह से नहीं निकल रहा था. वीडियो में रोते बिलखते मनोहर यादव कहते हैं कि प्रधान के घर से उनको नोटिस मिला है. कल से खाना भी नहीं खाया है. इतना पैसा कहां से भरेंगे वो केवल रिक्शा चालते हैं. उनके पास कुछ नहीं है.
वीडियो वायरल होने के बाद शिक्षा विभाग ने मानी गलती
शिक्षा विभाग फर्जी शिक्षकों की जांच पड़ताड़ कराकर उसके खिलाफ मुकदमा और रिकवरी नोटिस भेज रहा था. बताया जा रहा है कि ऐसा ही एक नोटिस मनोहर यादव (Shravasti Rickshaw Driver Notice) के पास पहुंचा था.
ख़बर चलने के बाद विभाग ने मीडिया को जानकारी देते हुए कहा कि फर्जी टीचर सुरेंद्र प्रताप सिंह (नाम भी फ़र्ज़ी) ने नौकरी के दौरान 51.63 रुपए वेतन के रूप में लिए थे उसको बर्खास्त कर दिया गया है.
फर्जी टीचर का असली नाम देवमणि है..मनोहर यादव को भेजा गया नोटिस निरस्त किया जाता है.. विभाग ने अपनी गलती मानी लेकिन इस गलती की वजह से अगर उस मजदूर ने डर के मारे कोई गलत कदम उठा लिया होता तो उसका जिम्मेदार कौन होता?