Prem Datt Tiwari:जब लोकसभा चुनाव प्रचार के लिए तीन दिन फतेहपुर में रुकीं थीं इंदिरा गाँधी
वरिष्ठ कांग्रेसी नेता व पूर्व विधायक प्रेम दत्त तिवारी का शनिवार दोपहर लखनऊ के पीजीआई अस्पताल में क़रीब 93 वर्ष की उम्र में निधन हो गया है, पढें युगान्तर प्रवाह की रिपोर्ट..
फतेहपुर:वरिष्ठ कांग्रेसी नेता व पूर्व विधायक प्रेम दत्त तिवारी का शनिवार दोपहर लखनऊ के पीजीआई अस्पताल में क़रीब 93 वर्ष की उम्र में निधन हो गया।
मूल रूप से फतेहपुर के बिंदकी तहसील के रहने वाले प्रेमदत्त आजीवन कांग्रेस के निष्ठावान सदस्य रहे।श्री तिवारी साल 1967 में पहली बार कांग्रेस के टिकट पर फतेहपुर की तत्कालीन खजुहा विधानसभा (वर्तमान में जहानाबाद) से विधायक चुने गए। ex mla prem datt tiwari
इसके बाद विधानसभा क्षेत्रों का परसीमन हुआ औऱ जहानाबाद विधानसभा क्षेत्र बना औऱ प्रेम दत्त तिवारी दूसरी बार 1974 में इस क्षेत्र से विधायक बने उन्होंने भारतीय क्रांति दल के क्षत्रपाल वर्मा को चुनाव हरा यह जीत दर्ज की थी।
फतेहपुर में तीन दिन रुकीं थीं इंदिरा गाँधी..
प्रेम दत्त तिवारी साल 1978 में हुए उपचुनाव में फतेहपुर लोकसभा सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार घोषित किए गए क्योंकि सांसद रहे बशीर अहमद की मौत हो जाने के चलते लोकसभा सीट रिक्त हो गई थी।
यह चुनाव कांग्रेस के लिए कितना महत्वपूर्ण था इसका अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि प्रेमदत्त तिवारी के लिए इंदिरा गाँधी ने फतेहपुर में तीन दिन रुककर पूरे ज़िले में प्रचार औऱ जनसभाएं की थी।लेकिन इमरजेंसी की वज़ह से कांग्रेस के प्रति लोगों का गुस्सा प्रेमदत्त की चुनावी हार का कारण बना औऱ जनता पार्टी के लियाकत हुसैन चुनाव जीत गए।
इसके बाद 1989 के विधानसभा चुनावों में एक बार फ़िर से कांग्रेस ने श्री तिवारी को जहानाबाद से प्रत्याशी बनाया लेकिन वो चुनाव हार गए।
शनिवार को उनके निधन पर कांग्रेस पार्टी द्वारा गहरी शोक संवेदना व्यक्त की गई है।यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने भतीज़े भानू तिवारी के नाम एक पत्र लिखकर शोक संवेदनाएं व्यक्त की हैं। fatehpur mla prem datt tiwari
फतेहपुर कांग्रेस कमेटी के जिलाध्यक्ष अखिलेश पांडेय ने शोक व्यक्त करते हुए कहा कि मेरे लिए उनका जाना व्यक्तिगत छति है।वह कांग्रेस पार्टी में हमारे अभिवावक थे हर समय उनसे प्रेरणा मिलती रहती थी।
वरिष्ठ समाजवादी विचारक सन्तोष द्विवेदी ने भी गहरी शोक संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि श्री तिवारी एक नेता के साथ साथ बहुत ही नेक इंसान थे।उनसे जब भी मुलाकात होती थी अपना पन महसूस होता था। mla prem datt tiwari biography
साहित्यकार डॉ चंद्रकुमार पांडेय ने श्री तिवारी के निधन पर गहरा शोक जताया है।उन्होंने बताया कि प्रेमदत्त तिवारी जी के पिता पंडित शिवदत्त तिवारी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे एक बार अंग्रेजों के शासनकाल में प्रेम दत्त जी को अंग्रेजों ने 24 घण्टे तक थाने में भूखा प्यासा बैठा रखा था उस व्यक्त उनकी उम्र मात्र 10 साल थी अंग्रेज अधिकारी प्रेम दत्त जी से उनके स्वतंत्रता संग्राम सेनानी पिता के बारे में जानकारी मांग रहे थे लेकिन उन्होंने अंग्रेजो की प्रताड़ना सह ली लेकिन कोई जानकारी नहीं दी थी।