Fatehpur News: फतेहपुर के इस आरोपी को आजीवन कारावास ! मासूम के साथ हुई थी घटना, अंतिम समय तक डटी रही बुआ
Fatehpur Court News
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के फतेहपुर (Fatehpur) में 2 साल पहले मासूम के साथ कुकर्म और हत्या करने वाले आरोपी को पॉक्सो कोर्ट ने आजीवन कारावास (Life imprisonment) की सजा सुनाई है. मामला हुसैनगंज थाना (Husainganj Thana) क्षेत्र का है.
Fatehpur Court News: यूपी के फतेहपुर में 7 वर्षीय मासूम के साथ कुकर्म और हत्या (Murder) के मामले में पॉक्सो कोर्ट ने श्यामू पांडेय उर्फ शिवपूजन को आजीवन कारावास (Life imprisonment) की सजा सुनाई है साथ ही 1 लाख 30 हजार का जुर्माना भी लगाया है.
घटना हुसैनगंज थाना (Husainganj Thana) क्षेत्र के एक गांव की है. बताया जा रहा है कि अपराधी मासूम को बहला फुसलाकर अपने साथ ले गया था फिर सिर कूच कर उसकी हत्या की और शव को दफना दिया.
घर के इकलौते चिराग के साथ दरिंदगी
फतेहपुर (Fatehpur) के हुसैनगंज थाना (Husainganj Thana) क्षेत्र के एक गांव का रहने वाला 7 वर्षीय मासूम 18 जुलाई 2022 की दोपहर को घर के बाहर खेल रहा था तभी पड़ोसी श्यामू पांडेय उर्फ शिवपूजन की उसपर नज़र पड़ी.
बताया जा रहा है कि उसने बच्चे को बुलाया और दुकान से टॉफी और गुटका लेने के लिए भेज दिया. लौटने पर श्यामू बेटे को बहाने से साथ ले गया और कुकर्म करते हुए उसकी हत्या कर दी. लोगों और पुलिस के डर से उसने बच्चे का सिर कूच कर अपने खंडहर नुमा घर के नीचे दफन कर दिया.
बच्चे के खोने पर मचा हड़कंप, हताश हुए परिजन
बेटे के शाम तक घर ना लौटने पर चारों ओर हड़कंप मच गया. चारो ओर खोजबीन करने के बाद परिजन पुलिस के पास पहुंचे. मौके पर पहुंची पुलिस ने जब खोजबीन शुरू की तो पता चला कि श्यामू पांडेय ने मासूम को टॉफी और गुटका लेने के लिए भेजा था तभी अंतिम बार उसको देखा गया था.
पुलिस ने जब आरोपी को पकड़ कर कड़ाई से पूछताछ की तो उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया. बताया जा रहा है कि पिता की तहरीर पर पुलिस ने सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज करते हुए श्यामू पांडेय को जेल में भेज दिया.
65 दिनों तक चली कार्यवाही, परिजनों का बिगड़ा संतुलन
मासूम के कुकर्म और जघन्य तरीके से की गई हत्या के बाद पुलिस ने आरोपी श्यामू पांडेय के खिलाफ 11 अगस्त 2022 को कोर्ट में आरोप पत्र (Charge Sheet) दाखिल किया. सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता रविदत्त द्विवेदी ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि 65 तारीखों और 13 गवाहों के बयान के में लंबी बहस हुई.
परिजनों ने अपना मानसिक संतुलन तक खो दिया था. लेकिन बच्चे की बुआ अंतिम समय तक रही. बताया जा रहा है कि सारी दलीलों को सुनने के बाद शनिवार को पाक्सो कोर्ट के जज महेन्द्र कुमार द्वितीय ने आरोपी को दोषी ठहराते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई साथ ही 1.30 लाख का जुर्माना लगाया.
अंतिम समय तक डटी रही बुआ, फांसी का मलाल
7 वर्षीय मासूम भतीजे के साथ हुई जघन्य घटना के बाद बुआ अंतिम समय तक कोर्ट की कार्यवाही में डटी रही. 13 गवाहों में बुआ की गवाही अहम मानी गई.
बताया जा रहा है कि गवाह के रूप में उसने कहा था कि आरोपी को बच्चे के साथ खंडर की ओर जाते देखा था. कोर्ट के फैसले के बाद जहां एक ओर संतोष है वहीं फांसी की सजा ना मिलने से बुआ और परिजनों को मलाल है.