UP Fatehpur News: फतेहपुर के लिए खुशखबरी ! गंभीर मरीजों को जिला अस्पताल में मिलेगी ये सुविधा
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उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के फतेहपुर (Fatehpur) में प्लेटलेट्स (Platelets) की कमी से जूझने वाले मरीजों को जिला अस्पताल (Sadar Hospital) में ही सुविधा दी जाएगी. लंबे इंतजार के बाद ब्लड बैंक (blood bank) को ब्लड कंपोनेंट यूनिट (blood component unit) का लाइसेंस मिल गया है.
UP Fatehpur News: यूपी के फतेहपुर में अक्सर डेंगू, चिकनगुनिया, या अन्य किसी कारण से प्लेटलेट्स (platelets) की कमी से मरीजों को जूझना पड़ता था. मजबूरी में लोगों को प्राइवेट अस्पतालों या दूसरे शहरों के चक्कर लगाने पड़ते थे और इसके लिए मोटी रकम भी वसूली जाती थी.
लेकिन अब रहवासियों को जिला अस्पताल (Sadar Hospital) में ही ये सुविधा मिलने वाली है. लंबे इंतजार के बाद ब्लड बैंक (Blood Bank) को ब्लड कंपोनेंट सेपरेशन यूनिट (blood components unit) का लाइसेंस मिल गया है.
ढाई करोड़ की लागत से लगी ब्लड कंपोनेंट सेपरेशन यूनिट
फतेहपुर (Fatehpur) के मेडिकल कॉलेज (Medical College) से संबद्ध जिला अस्पताल (Sadar Hospital) को करीब ढाई साल के लंबे इंतजार के बाद ब्लड कंपोनेंट सेपरेशन यूनिट (blood components unit) का लाइसेंस मिल गया है.
21 नवम्बर को ड्रग्स कंट्रोलर एंड लाइसेंसिंग अथॉरिटी ने ईमेल के माध्यम हरी झंडी दे दी थी शुक्रवार दोपहर बाद ब्लड बैंक को लाइसेंस मिल गया है. जानकारी के मुताबिक जून 2022 में ही यूनिट बनकर तैयार हो गई थी उसके लाइसेंस के लिए अप्लाई किया गया था.
30 सितंबर 2022 को केंद्र और राज्य की संयुक्त टीम ने यूनिट का निरीक्षण करते हुए कुछ सुझाव दिया था. कमियों को पूरा करने के बाद ड्रग इंस्पेकर ने निरीक्षण किया और रिपोर्ट प्रेषित की थी. बताया जा रहा है कि करीब ढाई साल राज्य और केंद्र के बीच लाइसेंस अप्रूवल को लेकर मामला चलता रहा.
काफी जद्दोजहद के बाद आखिरकार 21 नवंबर 2024 को मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल, जिला अस्पताल के सीएमएस सहित विभागाध्यक्ष ब्लड बैंक को ईमेल के माध्यम से ब्लड कंपोनेंट सेपरेशन यूनिट का लाइसेंस दे दिया गया.
जिला अस्पताल के मुख्यचिकित्सा अधीक्षक डॉ पीके सिंह कहते हैं कि.. "अब हमारे मरीजों को प्लेटलेट्स के लिए दूसरे शहरों या प्राइवेट अस्पतालों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे.जिला अस्पताल के भर्ती मरीजों को निःशुल्क सुविधा दी जाएगी..कई बार डेंगू या अन्य बुखार से मरीजों को मजबूरी में रैफर किया जाता था..जो कि कभी-कभी उनके लिए घातक होता था..और लोगों को अपनी जान तक भी गवानी पड़ती थी"
आपको बतादें कि नवंबर मास के अंत तक सभी को ये सुविधा मिलने लगेगी.
क्या है ब्लड कंपोनेंट सेपरेशन यूनिट? कैसे करता काम?
ब्लड कंपोनेंट सेपरेशन यूनिट (blood components unit) के लाइसेंस के लिए सबसे ज्यादा दौड़ भाग करने वाले अशोक शुक्ला को यूनिट का टेक्निकल सुपरवाइजर बनाया गया है. अशोक कहते हैं कि मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ आरपी सिंह, सीएमएस डॉ पीके सिंह, विभागाध्यक्ष डॉ वरद वर्धन की कड़ी मेहनत से हमें यह सफलता मिली है.
अशोक ने कहा कि ब्लड कंपोनेंट सेपरेशन मशीन खून को कई भागों में विभाजित कर देती है जिससे "प्लाज्मा, प्लेटलेट्स, पैक्ड रेड ब्लड सेल(PRVC) और क्रायोप्रेसीपिटेट अलग-अलग हो जाते हैं". उन्होंने कहा कि अभी प्लाज्मा, प्लेटलेट्स और पीआरवीसी के लिए ही लाइसेंस दिया गया है. अशोक आगे बताते हैं कि अगर किसी व्यक्ति के अंदर हीमोग्लोबिन की कमी है तो उसे पूरा ब्लड चढ़ाने की आवश्यकता नहीं है केवल पीआरवीसी चढ़ा सकते हैं. इसी प्रकार से डेंगू के मरीजों को प्लेटलेट्स और बर्न केस में प्लाज़्मा सीधे तौर पर दिया जा सकता है.
एक यूनिट ब्लड से बचेंगी तीन जिंदगी, बच्चों को मिलेगा लाभ
फतेहपुर (Fatehpur) के जिला अस्पताल का ब्लड बैंक अब सही मायने में रिच हो गया है. मुख्यचिकित्सा अधीक्षक डॉ पीके सिंह कहते हैं अभी तक एक यूनिट ब्लड से एक व्यक्ति की जिंदगी बचती थी लेकिन ब्लड कंपोनेंट सेपरेशन यूनिट से अब तीन मरीजों को लाभ मिलेगा.
उन्होंने कहा कि बीमार बच्चों के लिए भी आवश्यकता अनुसार अब ब्लड दिया जा सकता है. डॉ पीके सिंह कहते हैं कि प्राइवेट अस्पतालों के मरीजों को इस सुविधा के लिए शुल्क देना पड़ेगा.
आपको बतादें कि इस समय ब्लड बैंक में पैथोलॉजिस्ट डॉ वरद वर्धन बिसेन, मेडिकल ऑफिसर डॉ अभिषेक सिंह, स्टॉफ नर्स पूजा तिवारी, ब्लड सेंटर टेक्नीशियन स्वाती भदौरिया, अखिलेश कुमार, बृजकिशोर, संतोष राजपूत, टेक्निकल सुपरवाइजर अशोक शुक्ला, काउंसलर दिवाली वर्मा सहित करीब 18 लोग कार्यरत हैं.