
Fatehpur News: फतेहपुर के जिला पंचायत अध्यक्ष से लाखों की ठगी ! लखनऊ में जमीन देने का झांसा, अब सत्ता की साख पर सवाल
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उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के फतेहपुर (Fatehpur) में भाजपा नेता और जिला पंचायत अध्यक्ष से लखनऊ में प्लॉट देने के नाम पर 50 लाख की ठगी हो गई. जालसाजों ने कूट रचित दस्तावेज दिखाकर विश्वास में लिया और लाखों रुपये हड़प लिए. पुलिस ने 5 आरोपियों पर केस दर्ज कर जांच शुरू की है. जानिए क्या था पूरा मामला

Fatehpur News: उत्तर प्रदेश की राजनीति में पैठ रखने वाले बड़े नाम भी ठगी के शिकार हो सकते हैं, इसका ताजा उदाहरण फतेहपुर में देखने को मिला. भाजपा के कद्दावर नेता और जिला पंचायत अध्यक्ष अभय प्रताप सिंह उर्फ पप्पू सिंह को लखनऊ में प्लॉट दिलाने के नाम पर 50 लाख रुपये की चपत लगा दी गई.
दिलचस्प बात यह है कि ये ठगी किसी आम ठग ने नहीं, बल्कि खुद को रसूखदार बताने वाले लोगों ने की, जिन्होंने इतने पक्के दस्तावेज दिखाए कि नेता जी भी चकमा खा गए. मामला सत्ता पक्ष से जुड़ा होने के चलते पुलिस ने फौरन हरकत में आकर जांच शुरू कर दी है.
ठगी की पटकथा: बड़े प्लॉट का बड़ा सपना
फतेहपुर (Fatehpur) के जिला पंचायत अध्यक्ष अभय प्रताप सिंह (Abhay Pratap Singh) से लाखों की ठगी चर्चा का विषय बनी हुई है. बताया जा रहा है कि नेता जी से इस 'सौदे' की शुरुआत महेश सिंह नामक व्यक्ति ने करवाई. महेश ने नेता जी की मुलाकात लखनऊ के अब्दुल साउद उर्फ साउद खान, सुनील कुमार (साधु विश्वकर्मा), तेज नारायण मिश्रा (टी. एन. मिश्रा) और योगेश्वर मिश्रा से कराई.
इन महाशयों ने दावा किया कि लखनऊ के गोमती नगर विस्तार में 2600 और 2684.5 वर्ग मीटर के दो प्लॉट उपलब्ध हैं, जो एक शिक्षण संस्थान के नाम पर दर्ज हैं. साउद खान ने खुद को पावर ऑफ अटॉर्नी धारक बताया और प्लॉट की खूबियां ऐसे गिनाईं कि नेता जी के दिल में सपनों का 'व्यावसायिक होटल' बनाने की चाहत जाग उठी.
बातचीत से विश्वास, विश्वास से लेन-देन, और लेन-देन से धोखा
4 हजार रुपये प्रति वर्ग मीटर की 'डील' फाइनल हो गई, लेकिन समस्या यह थी कि यह जमीन शिक्षण संस्थान के नाम अलॉट थी और उस पर विकास प्राधिकरण का टैक्स बकाया था. नेता जी को जब इस पर संदेह हुआ, तो साउद खान ने कानूनी आदेश और टैक्स जमा करने से जुड़े दस्तावेज दिखाए. नेता जी को लगा कि सब कुछ सही है और जल्द ही वहां उनका होटल खड़ा होगा.
14 अक्टूबर को इस भूखंड का एग्रीमेंट तैयार हुआ, जिसमें अब्दुल खान और योगेश्वर मिश्रा गवाह बने. इसके बाद 13 अक्टूबर को भाजपा नेता ने बैंक ऑफ बड़ौदा से 11 लाख और 20 लाख रुपये आरटीजीएस के जरिए साउद खान के एक्सिस बैंक अकाउंट में ट्रांसफर किए. फिर 11 जनवरी को लखनऊ स्थित अपने आवास पर दो गवाहों के सामने 19 लाख रुपये कैश में दिए.
बैनामा तो हुआ नहीं, सपनों का महल जरूर ढह गया
समस्या तब शुरू हुई जब नेता जी ने बार-बार साउद से रजिस्ट्री करवाने की बात कही, और हर बार उन्हें सिर्फ "थोड़ा और इंतजार कर लीजिए" वाला जवाब मिलता रहा. आखिरकार जब महीनों बीत गए और प्लॉट के नाम पर सिर्फ हवा हाथ लगी, तो नेता जी को समझ आया कि उनके साथ ठगी हो चुकी है. आपको बतादें कि ये मामला साल 2023 से शुरू हुआ था. जिसमें अंत में मुकदमा दर्ज कराया गया है.
पुलिस ऐक्शन में, लेकिन क्या मिलेगा न्याय?
शहर कोतवाल तारकेश्वर राय ने बताया कि पीड़ित की तहरीर के आधार पर 5 लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी, जालसाजी और अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. पुलिस जांच में जुटी है, लेकिन बड़ा सवाल यह है कि क्या नेता जी के 50 लाख वापस आएंगे या यह मामला भी ठंडे बस्ते में चला जाएगा?
