Fatehpur News In Hindi: आबकारी अधिकारी की शर्त हर महीने भेजते रहो रिश्वत ! फिर दिल जो करे वो करते रहो, डीएम का चला हंटर
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फतेहपुर (Fatehpur) में जिला आबकारी अधिकारी (Excise Officer) सुरेश कुशवाहा (Suresh Kushwaha) को जिलाधिकारी (Dm) के द्वारा निलंबित (Suspended) कर दिया गया है. दरअसल उन पर शराब दुकानदार लाइसेंस धारकों से वसूली व रिश्वत (Bribe) लेने के पुख्ता सबूत मिले हैं. बताते चले कि शिकायतकर्ता ने रजिस्ट्री के माध्यम से पुख्ता सबूत के साथ पत्र लिखकर इसकी जानकारी दी थी लाइसेंस धारक के मुताबिक लगातार आबकारी अधिकारी द्वारा उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा था. पुलिस को साक्ष्य के आधार पर 15 फुटेज मिले हैं.
आबकारी अफसर उगाही के आरोप में हुए निलंबित
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के फतेहपुर (Fatehpur) में शराब लाइसेंस धारक द्वारा रजिस्टर्ड पत्र के माध्यम से आबकारी अधिकारी सुरेश कुशवाहा (Suresh Kushwaha) के खिलाफ पूरे साक्ष्य पेश करते हुए अवैध उगाही का आरोप लगाया गया है. दरअसल उनके द्वारा जिले में शराब दुकानदारों से अवैध वसूली की जा रही थी. जिसकी शिकायत की गई थी. करीब 15 वीडियो फुटेज भी शिकायतकर्ता के जरिये दिए गए थे. जो इस पूरे प्रकरण का राजफाश करने के लिए काफी था. डीएम सी इंदुमती (IAS C Indumati) ने इस मामले का संज्ञान लेते हुए आबकारी अधिकारी को निलंबित कर दिया और नायब तहसीलदार द्वारा कोतवाली में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 3/7 का मुकदमा दर्ज कराया है.
जिलाधिकारी सी इंदुमती ने किया निलंबित
गौरतलब है कि शराब लाइसेंस धारकों से आबकारी अधिकारी सुरेश कुशवाहा द्वारा अवैध रूप से उगाही की जा रही थी जिसके चलते पीड़ित ने उन्हें सबक सिखाने के लिए लेनदेन की सारी रकम का वीडियो बनाकर जिलाधिकारी को सौंप दिया जिस पर जिलाधिकारी ने वीडियो के आधार पर संज्ञान लेते हुए तत्काल प्रभाव से आबकारी अधिकारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराते हुए उन्हें निलंबित करने के साथ-साथ विभागीय जांच भी बैठा दी है.
डीएम के समक्ष पेश किए रिश्वत लेने के वीडियो
जनवरी महीने में जिलाधिकारी से शिकायत करने वाले शराब लाइसेंस धारक शिवलोचन नाम के शिकायतकर्ता ने बताया कि आबकारी अधिकारी उन्हें अपने ऑफिस में बुलाकर दुकान की खामियों को गिनाते हुए लाइसेंस रद्द करने की धमकी देते थे और फिर डरा धमका कर पैसों की मांग करते थे ऐसे में पीड़ित ने रिश्वत लेने का वीडियो बना लिया यही नहीं शिकायतकर्ता द्वारा जो पत्र जिलाधिकारी को दिया गया है, उसमें 5 दिसंबर से 7 दिसंबर के बीच 15 शराब लाइसेंस धारकों से रिश्वत लेने का वीडियो बनाया गया है.
आबकारी अधिकारी को हर महीने मिलते थे रिश्वत के 11 लाख रुपये
आबकारी अधिकारी पर हर महीने 2 हजार रुपये का गंभीर आरोप लगा है आंकड़ों की माने तो जिले में 464 देसी शराब की दुकानें हैं ऐसे में हर महीने के हिसाब से उन्हें रिश्वत का 9 लाख 28 हजार रुपये मिलता था. यही नहीं सरकारी भांग ठेकों से भी उन पर पांच हजार रुपये वसूलने का गंभीर आरोप लगा है इस तरह से भांग के ठेके से भी रिश्वत के रूप में उनकी अच्छी खासी कमाई हो जाती थी कुल मिलाकर उनके पास हर महीने 11 लाख रुपए रिश्वत के नाम पर आते थे.
लाइसेंस धारकों को ब्लैकमेल करने के लिए वह हर महीने जांच का हवाला देते थे ऐसे में इस झंझट से बचने के लिए लाइसेंस धारक और उनके बीच डील हो जाती थी एक बार डील होने का मतलब है प्रतिमाह 2 हज़ार रुपये देना होगा. फतेहपुर में देसी और अंग्रेजी शराब की रेट लिस्ट तय थी, यही नहीं हर लाइसेंसी ये पैसा लेते थे, यही नहीं सुविधा शुल्क की रकम न मिलने पर योजनाबद्ध तरह से दबाव बना रहे थे. सूत्रों की माने तो ऊपर से नीचे तक बंदरबांट होता था. अंग्रेजी व देसी के रेट लिस्ट अलग थे.