UP:फतेहपुर के छात्र की कोरोना पर लिखी गई कविता सोशल मीडिया में हो रही है वायरल..आप भी पढ़ें..!
फतेहपुर में रहने वाले एक छात्र की कोरोना पर लिखी कविता इन दिनों सोशल मीडिया में वायरल हो रही है..युगान्तर प्रवाह पर आप भी पढ़ें..
फतेहपुर:शहर के गाजीपुर बस स्टॉप अशोक नगर में रहने वाले छात्र प्रद्युम्न त्रिपाठी ने वैश्विक महामारी कोरोना पर एक कविता लिखी है।प्रद्युम्न वैसे तो विज्ञान के छात्र हैं।लेकिन कविता लिखने और पढ़ने में रुचि रखते हैं।(fatehpur corona virus news) इनके पिता सुरेश प्रसाद त्रिपाठी पेशे से प्राइमरी अध्यापक हैं।कोरोना के इस दौर में जब लोग हताश और निराश और घबराएं हुए हैं तो उनकी यह कविता लोगों को कोरोना का डटकर सामना करने की प्रेरणा दे सकती है।आप भी उनकी कविता को पढ़े.
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जब जब मनुष्य ने ठाना है हर कठिनाई को पहचाना है।
जो सम्भल गया वह मानव है जो न सम्भला वो दानव है।।
भय अंधेरी रातों का हो या फिर दिनभर के सन्नाटों का ।
इक नया सवेरा आता है भय सन्नाटों का मिट जाता है।।
काली अंधियारी घनघोर घटा भयभीत जरुर कर जातीं है। यही घटा बारिश की बूँदों संग धरती की प्यास बुझातीं है।।
अब डरकर नहीं लडकर इस अदृश्य शत्रु को हराना होगा।
जाति धर्म मजहब से हटकर सबको साथ निभाना होगा।।
भ्रगु मुनि की यह तपोभूमि अब इसका मान बढाना होगा।अब मिलकर इस विपदा से भारत को मुक्त कराना होगा।।
गंगा जमुना दोनों की धारा इस जनपद का मान बढाती हैं।
हम मिल जुलकर सब एक रहें वो यही बात समझाती हैं।।
कुछ दिन की कठिनाई है हर विपदा को टल जाना होगा।
संपूर्ण विश्व को अपने इस साहस का ज्ञान कराना होगा।।
बलिदान हुये देश की खातिर उनका ऋण चुकाना होगा।
सरहद में करते जो रक्षा उन सब का फर्ज निभाना होगा।।
आओ मिलकर करें प्रतिज्ञा सब मिलकर साथ निभायेंगे।
अपने जनपद और इस भारत को कोरोना मुक्त करायेंगे।।