UP:जज़्बा,संघर्ष औऱ पत्नी की प्रेरणा से फतेहपुर के किसान का बेटा बना अधिकारी..!
यूपी के फतेहपुर के रहने वाले एक किसान पिता के बेटे ने अपने जज़्बे और संघर्ष से पूरे जनपद का नाम रोशन किया है..पढ़े युगान्तर प्रवाह की एक रिपोर्ट।
फतेहपुर:जिंदगी में यदि कुछ कर गुजरने का जज़्बा हो तो बड़ी सी बड़ी मुशीबत भी आपके सामने घुटने टेक देगी और सफ़लता आपके क़दम चूम लेगी।कुछ ऐसी ही जज़्बे और संघर्ष की कहानी है फतेहपुर के रहने वाले एक किसान के बेटे की।जिसके जीवन में कई बाधाएं आईं लेक़िन उसने कभी भी हार नहीं मानी और सफ़लता का वो मुकाम हासिल किया जिससे उसका और उसके परिवार ही नहीं पूरे जनपद का नाम प्रदेश में रोशन हुआ।
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जज़्बे और संघर्ष की ये कहानी है जनपद के बिंदकी तहसील की देवमई विकास खण्ड के लाल बक्सरा आलमपुर गाँव के रहने वाले युवा आदित्य कुमार पटेल की जिन्होंने उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की परीक्षा में सफलता हासिल कर युवा कल्याण विकास दल अधिकारी बने हैं।
आदित्य के सफलता की कहानी संघर्षों भरी है।इनके पिता देवनारायण गाँव में ही खेती किसानी करते हैं।आदित्य अपने पिता के इकलौते लड़के हैं।शुरुआती शिक्षा ज़िले से ही हासिल करने के बाद बीटेक रायबरेली से किया।इसके बाद नोयडा में एक प्रतिष्ठित कम्पनी में इंजीनियर के पद पर काम करने लगे।इसी बीच आदित्य की इकलौती बहन की तबियत ख़राब रहने लगी जिसकी वजह से आदित्य अपनी नोयडा की जॉब छोड़कर बहन के इलाज़ में जुट गए एक महीने तक हैलट में बहन भर्ती रही लेक़िन डॉक्टर उसे बचा नहीं सके और बहन की मौत हो गई।बहन की मौत ने आदित्य को अंदर तक झकझोर दिया।साल 2016 में आदित्य की शादी हो गई और उनका उत्तर प्रदेश पुलिस में कॉन्स्टेबल के पद पर चयन भी हो गया।
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आदित्य बताते हैं कि वह अपनी कॉन्स्टेबल की जॉब से खुश नहीं थे।घर की जरूरतों को पूरा करने के लिए उन्होंने जॉब तो कर ली लेक़िन उच्च पद प्राप्त करने की इच्छा उनके मन में बनी हुई थी।
आदित्य ने कहा एक दिन मेरी पत्नी अचला देवी ने मुझे फ़िर से सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी में जुट जाने की प्रेरणा दी।जिसके बाद मैंने पुलिस की नौकरी के बीच समय निकाल ,निकाल कर पढ़ाई करने में जुट गया।
अब जब आदित्य पटेल का चयन उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग में युवा कल्याण विकास दल अधिकारी के रूप में हुआ है तो उन्होंने अपनी इस सफलता का श्रेय अपने माता पिता के साथ साथ अपनी पत्नी को भी दिया है।उन्होंने कहा कि मेरी पत्नी मेरे लिए प्रेरणा बनी और संघर्ष के हर कदम पर कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी रही।आदित्य ने बताया उनकी इस सफलता के पीछे सबसे बड़ा योगदान उनकी पत्नी का ही है।