Ajab-Gajab Agra News: शादी का अनोखा रिवाज ! शादी से पहले दुल्हन को सुनानी पड़ती है सुंदरकांड की चौपाइयां, तब जाकर होती है 7 नहीं बल्कि 4 फेरों वाली शादी
शादी का अनोखा तरीका
शादी (Marriage) हर समाज (Society) के अपने तौर-तरीको से होती है भारत में एक ऐसा भी समाज है, जहाँ पर दुल्हन (Bride) को शादी से पहले रामायण और सुंदरकांड (Sundarkand) की चौपाइयों को पढ़ने के साथ-साथ याद करके सुनाना भी पड़ता है. कहाँ पर होता है ये रिवाज कौन सा है ये समाज जानिए इस रिपोर्ट के जरिये.
कौन सा समाज है, जहाँ दुल्हन सुनाती है सुंदरकांड
अभी तक आप सभी ने कई धर्मो और जातियों में होने वाली शादियों (Marriages) में तरह-तरह के रीति रिवाजों (Rituals) के बारे में सुना और देखा भी होगा, कभी-कभी शादियों के बीच होने वाले रिवाज अचंभित (Shocked) करते है. ऐसा ही कुछ गुजरात और मध्यप्रदेश के राज्य में रहने वाले घुमंतू जाति बागरी समाज मे शादियों में एक अनोखा रिवाज निभाना पड़ता है. जिसके तहत शादी करने वाली दुल्हन को पवित्र रामायण और सुंदरकांड चौपाइयो (Sundarkand Recites) को याद करके सुनाना होता है.
आगरा में देखने को मिला ये अनोखा रिवाज
वर्तमान में इस समाज मे हुई एक शादी इस अनोखे रिवाज (Unique Ritual) के चलते सुर्खिया बटोर रही है. हालांकि ये परम्परा (Tradition) आज की नही है, दरअसल ताज नगरी आगरा में घुमंतू जाति बागरी समाज से ताल्लुख रखने वाले दीपक और रोशनी की शादी हुई है. जानकारी के अनुसार रोशनी झाँसी की रहने वाली है, जबकि दीपक आगरा के रहने वाला है. बीते मंगलवार के दिन ये दोनों शादी के पवित्र बंधन में बंधकर हमेशा हमेशा के लिए एक दूसरे के हो गए.
रामायण और सुंदरकांड के श्लोक सुनाने पर तय होती है शादी
वहीं नयी-नवेली दुल्हन ने बताया कि, उनके समाज मे जब किसी भी लड़की की शादी होती है तो उसे पहले से ही धार्मिक ग्रंथों जैसे रामायण, गीता और सुंदरकांड के कुछ श्लोको को याद कराया जाता है, जिसके तहत उसे 5 से 10 श्लोक याद होने चाहिए. उसने लड़के वालों को रामायण की चौपाई सुनाई थी, जिसके बाद ही उनकी शादी तय हुई थी, इसके साथ ही उनकी इस अनोखी शादी (Unique Marriage) के रिवाज में एक और ऐसी परंपरा है जिसे सुनकर आप भी हैरान रह जाएंगे दरअसल इस समाज मे 7 फेरो के बजाय 4 फेरों (Rounds) में ही शादियां सम्पन्न हो जाती है.
इस रिवाज का कारण
वहीं जब इस समाज से जुड़े लोगों और जानकारों से इस रिवाज के विषय में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि, ऐसा करने की केवल एक ही वजह है लोग अपने धर्म के बारे में और भी बारीकी से जाने क्योकि इस समाज के लोग बेहद कम पढ़े लिखे होते है. शायद इसीलिए रोशनी ने भी शादी के बाद भी पढ़ने की इच्छा जताई है.