UP News: यूपी के इस जिले में अनुबंध में काम करेंगे तहसीलदार से लेकर लेखपाल ! अखिलेश ने सरकार को घेरा
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उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के गोरखपुर (Gorakhpur) में आउटसोर्सिंग से तहसीलदार, नायब तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक और लेखपाल के पदों में भर्ती को लेकर अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने भाजपा सरकार पर साधा निशाना.
UP Gorakhpur News: यूपी के गोरखपुर में नगर निगम ने आउटसोर्सिंग से तहसीलदार, नायब तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक और लेखपाल के पदों पर भर्ती के लिए लोगों से आवेदन मांगा है.
इस विज्ञापन के बाद सियासी गलियारों में हड़कंप मचा हुआ है. सोशल मीडिया एक्स पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने इसे पोस्ट करते हुए भाजपा निशाना साधा है.
क्या है नगर निगम के आवेदन में जिसपर विपक्ष हो रहा हावी?
गोरखपुर नगर निगम (Gorakhpur Municipal Corporation) ने अपने काम की अधिकता को लेकर सेवानिवृत्त अधिकारियों और कर्मचारियों की आउटसोर्सिंग के माध्यम से नियुक्त करने का फैसला किया है.
नगर निगम ने इसके लिए बाकायदा बीते 18 नवंबर को समाचार पत्रों में आवेदन के लिए विज्ञापन जारी करवाया है. आवेदन की अंतिम तारीख 7 दिसंबर 2024 रखी गई है.
इस आवेदन के अनुसार नगर निगम को 1 तहसीलदार मासिक वेतन 35 हजार, 1 नायब तहसीलदार मासिक वेतन 30 हजार, दो राजस्व निरीक्षक मासिक वेतन 29 हजार और 5 लेखपालों मासिक वेतन 27 हजार की आवश्यकता है.
विवाद के बाद गोरखपुर नगर निगम के आयुक्त गौरव सोगरवाल ने मीडिया को जवाब देते हुए कहा कि विज्ञापन में केवल सेवानिवृत्त अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए है इसमें कुछ भी नया नहीं है इससे पहले भी कई जगह ऐसी ही नियुक्तियां हुईं हैं. बढ़ते काम को लेकर ऐसा किया गया है.
अखिलेश ने भाजपा सरकार पर साधा निशाना
सपा मुखिया अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने सोशल मीडिया एक्स पर विज्ञापन की कटिंग शेयर करते हुए सरकार पर निशाना साधा है उन्होंने लिखा है कि..
बेहतर होगा कि भाजपा पूरी की पूरी ‘सरकार’ ही आउटसोर्स कर दे तो उसका एक जगह से ही सारा कमीशन, एक साथ सेट हो जाए। ऐसा करने से भाजपा को फुटकर में नौकरी और उसके बहाने आरक्षण को ख़त्म करने का महाकष्ट नहीं उठाना पड़ेगा।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) November 21, 2024
हम तो हमेशा से कहते रहे हैं, आज फिर दोहरा रहे हैं: नौकरी भाजपा के… pic.twitter.com/XPLHd7touT
बेहतर होगा कि भाजपा पूरी की पूरी ‘सरकार’ ही आउटसोर्स कर दे तो उसका एक जगह से ही सारा कमीशन, एक साथ सेट हो जाए. ऐसा करने से भाजपा को फुटकर में नौकरी और उसके बहाने आरक्षण को ख़त्म करने का महाकष्ट नहीं उठाना पड़ेगा. हम तो हमेशा से कहते रहे हैं, आज फिर दोहरा रहे हैं: नौकरी भाजपा के एजेंडे में है ही नहीं.
आउटसोर्सिंग PDA के ख़िलाफ़ एक आर्थिक साज़िश है. भाजपा इस प्रस्ताव को तत्काल वापिस करे और नौकरी-आरक्षण का सांविधानिक हक़ न छीने