Kerala Elephants Arattupuzha Video: केरल में मेले के दौरान भिड़ गए आपस में दो हाथी ! मेले में मची भगदड़, वीडियो हुआ वायरल
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क्या हो जब दो बलशाली हाथी (Elephants) किसी भीड़-भाड़ वाले क्षेत्र में लड़ (Fight) जाएं. समझ सकते हैं उस वक्त वहां क्या स्थिति होगी. केरल (Keral) के त्रिशूर (Trishur) से ऐसा ही हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. यहां अरातुपुझा उत्सव (Arattupuzha festival) के दौरान दो हाथी अचानक आपस में लड़ने (Collided) लगे. इस दौरान मेले में आये लोगों में भगदड़ मच गई. यही नहीं हाथी सामने खड़े दूसरे हाथी को खदेड़ ले गया. जिसका वीडियो वायरल हुआ है.
प्राचीन अरातूपुझा मंदिर में लगे मेले में दो हाथी भिड़े
दरअसल यह हैरान कर देने वाला मामला केरल (Kerala) के त्रिशूर (Thrissur) का है यहां पर प्राचीन अरातूपुझा मंदिर (Arattupuzha Temple) है. जहां पर देव महोत्सव को लेकर मेला का आयोजन किया गया था. इस मेले में हजारों की संख्या में लोगों की भीड़ होती है. इस मेले में आकर्षण का केंद्र हाथी (Elephants Video) रहते हैं जहां पर हाथियों के पीठ पर पुरम का प्रदर्शन किया जाता है. हर हाथी एक देवता का प्रतिनिधित्व करता है. शुक्रवार रात करीब साढ़े 10 बजे के आसपास मेले में कार्यक्रम के दौरान एक हाथी अचानक उग्र हो गया और सामने खड़े हुए दूसरे हाथी से जा भिड़ा.
मेले में हाथियों की लड़ाई देख मची भगदड़
इसके बाद दोनों हाथी आपस में लड़ गए. इस दौरान मेले में यह नजारा देख लोगों में भगदड़ मच गई. हर कोई इन बलशाली हाथियों से दूर हटने की जुगत में लगा रहा. थोड़ी देर बाद एक हाथी दूसरे हाथी को खदेड़ते हुए बाहर की ओर ले गया जिसका वीडियो भी सामने आ रहा है.
Kerala Elephants Attupuzha Festival Attack Video: केरला के त्रिशूर अरातूपुझा मंदिर में उत्सव के दौरान दो हांथी आपस में भिड़ गए, Video सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है#Kerala #Elephant #Attack #AttupuzhaFestival #Thrissur pic.twitter.com/WdGcAir0cJ
— युगान्तर प्रवाह (@yugantarpravah) March 23, 2024
फिलहाल बताया जा रहा है कि इस मामले में तीन लोगों को चोटे आई है. हालांकि जिस तरह से दोनों हाथी उग्र हुए थे उसे देख सब सन्न थे. गनीमत रही कि कोई बहुत बड़ा हादसा नहीं हुआ. फिलहाल मामले को कंट्रोल कर लिया गया है और हाथी के झगड़े का भी वीडियो वायरल हो रहा है.
क्या मान्यता है मन्दिर की?
ये प्राचीन मंदिर करीब 3 हज़ार वर्ष पुराना बताया जाता है. ऐसा सामने आया है कि इस मंदिर की मूर्ति में श्री राम के गुरु वशिष्ठ की दिव्य आत्मा यहाँ निवास करती है. यहां थिरुट, अता, नालिकेरामदुकल और करिकाभिषेकम प्रमुख प्रसाद हैं. समस्त दुःखो का नाश के लिए लोग यहां कार्यसिद्धि के लिए कामना लेकर पहुंचते हैं. ऐसी मान्यता है कि सच्चे मन से प्रार्थना करने पर यहां भक्तो की कामना पूरी होती है.