Amin Sayani Passes Away: रेडियो पर जादुई आवाज से दीवाना बनाने वाले अनाऊन्सर 'अमीन सयानी' का निधन ! इस जादुई आवाज को सुनने के लिए सड़कों पर पसर जाता था सन्नाटा
Amin Sayani
1952 से 90 में एक जादुई आवाज हमेशा कानों में गूंजती रहती थी. रेडियो पर गीतमाला कार्यक्रम (Geetmala Programme) की मेजबानी (Host) करने वाले और अपनी जादुई आवाज (Magical Voice) से मन मोह लेने वाले अमीन सयानी (Ameen Sayani) का 91 साल की उम्र में निधन (Death) हो गया. सयानी ने स्वाभाविक शैली, प्रभावशाली आवाज से लोगों के दिलों में जगह बनाई थी. राष्ट्रपति से लेकर प्रधानमंत्री ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है.
कौन थे अमीन सयानी?
अमीन सयानी की जादुई आवाज (Magical Voice) आप सभी ने 1950 से 90 दशक में रेडियो के वक्त बिनाका गीतमाला कार्यक्रम (Binaca Geetmala) के दौरान जरूर सुनी होगी. गीतमाला की मेजबानी के दौरान उनका पहला शब्द यही निकलता था 'नमस्कार बहनों और भाइयों, मैं आपका दोस्त अमीन सयानी बोल रहा हूँ. उनकी ये प्रभावशाली व जादुई आवाज ने सभी को दीवाना बना दिया था.
60 के दशक में जब टीवी नहीं थी तो लोग रेडियो पर ही कार्यक्रम सुना करते थे. रेडियो प्रस्तोता के रूप में सयानी ने प्रसिद्धि मिली. रेडियो में होस्ट के समय उनकी दमदार आवाज दर्शको का दिल जीत लेती थी. यही नहीं उनकी आवाज सुनने के लिए सड़कों पर सन्नाटा पसर जाता था. अब यह आवाज हमेशा के लिए खामोश हो गयी. 91 वर्ष की उम्र में अमीन सयानी का निधन हो गया.
42 वर्ष तक इस शो ने लोकप्रियता की हासिल
अमीन सयानी का जन्म 21 दिसम्बर 1932 को मुंबई में हुआ था. उनके सफर की बात करें तो बचपन से ही उनकी आवाज में अलग ही जादू था. अपनी मां की पाक्षिक पत्रिका रहबर के लिए काम करना शुरू कर दिया था. साल 1952 से 1988 तक रेडियो सिलोन पर गीतमाला को होस्ट करते हुए अपनी प्रभावशाली आवाज वाले अंदाज में पेश करते थे.
1988 के बाद गीतमाला ऑल इंडिया रेडियो के विविध भारती में चली गयी. 1994 तक राज किया, इस शो ने 42 वर्ष तक बड़ी लोकप्रियता हासिल की.उनकी आवाज नमस्कार बहनों और भाइयों से शुरुआत होती थी. अपनी आवाज से हर पीढ़ी के लोगों को अपना बना लिया. बाद में बढ़ती उम्र के बाद उन्होंने ब्रेक लिया. लेकिन उनकी जादुई आवाज सबके दिलों व दिमाग में बस गयी.
सयानी ने नाम पर करीब 54 हजार से ज्यादा रेडियो कार्यक्रम प्रोड्यूस व वॉयसओवर करने का रिकॉर्ड दर्ज है. उन्होंने करीब 19 हज़ार जिंगल्स के लिए आवाज दी. अमीन सयानी का नाम लिम्का बुक्स ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज है. वर्ष 2009 में उन्हें रेडियो के क्षेत्र में असाधारण योगदान के लिए भारत सरकार ने पद्मश्री से नवाजा.
प्रधानमंत्री ने किया शोक व्यक्त
अमीन सयानी को मंगलवार को दिल का दौरा पड़ने के बाद उन्हें मुम्बई के रिलायंस अस्पताल लाया गया. जहां उनका निधन हो गया. अमीन सयानी ने 91 वर्ष की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया. बेटे राजील सयानी ने उनकी निधन की जानकारी दी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके निधन पर शोक जताया है. उनका कहना है कि रेडियो पर उनकी आवाज में आकर्षण और गर्मजोशी थी. जिससे उन्होंने हर पीढ़ी के लोगों को अपना बना लिया. उनके निधन से बहुत दुखी हूं.