फतेहपुर:पुतला दहन प्रकरण-कांग्रेसियों के खिलाफ दर्ज हुआ संगीन धाराओं में मुकदमा..जिलाध्यक्ष ने की यह मांग..!
रविवार को उन्नाव कांड को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे कांग्रेसियों के खिलाफ पुतला दहन मामले में देर रात संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज हो गया...पढ़े युगान्तर प्रवाह की एक रिपोर्ट।
फतेहपुर:उन्नाव कांड (Unnao news) को लेकर सरकार विरोधी प्रदर्शन करना कांग्रेसियों को भारी पड़ गया।पुलिस ने पांच नामज़द व क़रीब दो दर्जन अज्ञात कांग्रेसी कार्यकर्ताओं के खिलाफ पुलिस ने रविवार देर रात सदर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कर दिया।(Fatehpur news)
क्या है पूरा मामला..
दरअसल उन्नाव में रेप पीड़िता की जिंदा जलाकर हुई हत्या और फ़िर लखनऊ में सरकार का विरोध प्रदर्शन कर रहे कांग्रेसी कार्यकर्ताओं के ऊपर पुलिस द्वारा की गई लाठीचार्ज के विरोध में रविवार को कांग्रेसी नेताओं ने सदर कोतवाली क्षेत्र के डीएम चौराहे पर विरोध प्रदर्शन किया।
इसी दौरान कुछ कार्यकर्ताओं व नेताओं ने एक पुतले का दहन किया।जिस वक़्त पुतला दहन किया जा रहा था उस वक़्त कांग्रेसियों ने सरकार विरोधी नारेबाजी करते हुए योगी मुर्दाबाद के नारे लगाए।साथ ही विरोध प्रदर्शन कर रहे नेताओं ने जब मीडिया बाईट दी तो उसमें कहा कि हमने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का पुतला दहन किया है।जिस वक्त कांग्रेस का विरोध प्रदर्शन और पुतला दहन हो रहा था उस वक्त उसी चौराहे पर भारी पुलिस फोर्स की तैनाती थी।बावजूद इसके पुलिस ने ढिलाई बरती और पूरा तमाशा देखते रही।पुलिस के ढुलमुल रैवये के चलते ही कांग्रेसी कथित तौर पर मुख्यमंत्री का पुतला दहन करने में सफल हो गए।
पांच ज्ञात व क़रीब 20 अज्ञात लोंगो के खिलाफ मुकदमा.
पुतला दहन के बाद जिला प्रशासन ने पूरे मामले को गम्भीरता से लिया औऱ रविवार देर रात ही सदर कोतवाली में पुतला दहन में शामिल जिला अध्यक्ष कांग्रेस यूथ राजन तिवारी, कांग्रेस सेवा दल के जिलाध्यक्ष उदित अवस्थी, उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्य शिवाकांत तिवारी, कांग्रेसी नेता बबलू कालिया, व वीरेंद्र सिंह चौहान व क़रीब 20 अज्ञात के खिलाफ पुलिस ने संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है।
कांग्रेसी नेताओं पर दर्ज हुए मुकदमो के बाद जिलाध्यक्ष अखिलेश पांडेय ने युगान्तरप्रवाह से बातचीत करते हुए कहा कि राज्य सरकार अपनी नाकामी छिपाने के लिए पुलिस के माध्यम से फ़र्जी मुकदमे दर्ज करवा रही है।उन्होंने कहा कि पार्टी के कार्यकर्ताओं द्वारा एक सांकेतिक पुतला सरकार की जनविरोधी नीतियों औऱ बिगड़ी कानून व्यवस्था को लेकर फूंका गया था।इस पुतले पर न तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का चेहरा बना था और न ही उनका नाम लिखा था।अखिलेश ने जिला प्रशासन पर सत्ता धारी दल के इशारे पर काम करने का आरोप लगाया।साथ ही जिलाध्यक्ष ने चेतावनी दी कि यदि पार्टी नेताओं पर दर्ज हुए मुकदमें वापस नहीं लिए जाते तो पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए हमारी पार्टी सड़को पर उतर संघर्ष करने से गुरेज नहीं करेगी।