
Sitapur News: यूपी के सीतापुर में पत्रकार राघवेंद्र बाजपेई की दिनदहाड़े हत्या, परिवार ने कहा साजिश के तहत घटना को दिया अंजाम
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उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के सीतापुर (Sitapur) में एक दैनिक अख़बार के पत्रकार राघवेंद्र बाजपेई की गोली मारकर हत्या कर दी गई. बदमाश वारदात को अंजाम देकर मौके से फरार हो गए. आनन-फानन में उन्हें अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया. सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम भेज आगे की कार्रवाई में जुट गई है.

Sitapur News: यूपी के सीतापुर में लखनऊ-दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग पर शनिवार दोपहर अज्ञात बदमाशों ने पत्रकार राघवेंद्र बाजपेई (Raghvendra Bajpai Journalist) की सरेआम गोली मारकर हत्या कर दी.
बाइक सवार हमलावरों ने पहले उनकी बाइक को टक्कर मारी और फिर ताबड़तोड़ फायरिंग कर मौके से फरार हो गए. घटना इमलिया सुल्तानपुर थाना (Sultanpur Thana) क्षेत्र की बताई जा रही है.
गंभीर रूप से राघवेंद्र पत्रकार को जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. इस हत्याकांड के बाद पत्रकारिता जगत और राजनीतिक गलियारों में उबाल आ गया है. परिजनों ने इसे सुनियोजित हत्या करार दिया है, जबकि पुलिस को जांच में कुछ अहम सुराग मिले हैं.
हत्या से पहले पत्रकार को मिली थी धमकी, हमलावरों ने की थी रेकी
परिजन जयप्रकाश शुक्ला के अनुसार, राघवेंद्र बाजपेई को 10 दिन पहले किसी अज्ञात शख्स ने जान से मारने की धमकी दी थी. इतना ही नहीं, हत्या से कुछ घंटे पहले भी उनके पास एक फोन कॉल आया था, जिसके बाद वह घर से निकले थे. पुलिस सूत्रों के मुताबिक, हमलावरों ने इस वारदात की पहले से योजना बना रखी थी और उनकी गतिविधियों पर नजर रखी जा रही थी.
हत्या के तुरंत बाद पुलिस ने घटनास्थल से कुछ अहम सुराग जुटाए हैं, जिनमें मौके पर मिली गोलियों के खोखे, एक संदिग्ध बाइक के टायर के निशान और कुछ चश्मदीदों की गवाही शामिल है. पुलिस आसपास के सीसीटीवी फुटेज भी खंगाल रही है ताकि हमलावरों की पहचान हो सके. राघवेंद्र अपने पीछे पत्नी के अलावा 8 साल की बेटी अस्मिता और 10 वर्षीय बेटा आराध्य को छोड़ गए हैं.
सीसीटीवी फुटेज से सुराग की तलाश, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में अहम खुलासा
पुलिस को घटनास्थल के पास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज मिली है, जिसमें दो बाइक सवार संदिग्ध नजर आ रहे हैं. संभावना जताई जा रही है कि हत्या के बाद बदमाश लखनऊ की तरफ भाग गए. इसके अलावा, अस्पताल में जब पुलिस ने राघवेंद्र बाजपेई के शव का एक्स-रे कराया तो उनके कपड़ों में एक गोली फंसी मिली, जो हमलावरों की तरफ से नजदीक से चलाई गई थी.
पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक, राघवेंद्र को चार गोलियां मारी गईं, जिनमें से एक सिर और दो सीने में लगीं, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई. पुलिस को शक है कि हत्या के पीछे कोई पुरानी रंजिश, पेशेवर दुश्मनी या पत्रकारिता से जुड़ा कोई बड़ा मामला हो सकता है.
राजनीतिक बवाल, सरकार और विपक्ष आमने-सामने
पत्रकार की हत्या के बाद उत्तर प्रदेश की राजनीति गरमा गई है. भाजपा विधायक शशांक त्रिवेदी जिला अस्पताल पहुंचे और परिजनों को हरसंभव मदद का आश्वासन दिया. उन्होंने कहा,
यह बेहद दुखद घटना है. पुलिस जल्द ही अपराधियों को गिरफ्तार करेगी और सख्त सजा दिलाई जाएगी. सरकार पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर प्रतिबद्ध है
वहीं, समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने इस घटना को लेकर सरकार पर हमला बोला है. सपा महासचिव अनूप गुप्ता और कांग्रेस जिला अध्यक्ष उत्कर्ष अवस्थी ने इसे "यूपी में जंगलराज" करार देते हुए कहा कि अब तो पत्रकार भी सुरक्षित नहीं हैं, अपराधी खुलेआम घूम रहे हैं और सरकार मूकदर्शक बनी हुई है.
परिवार ने सरकार से मामले की उच्च स्तरीय जांच और मुआवजे की मांग की है. वहीं पत्रकार संगठनों ने भी विरोध दर्ज कराया है. पुलिस का कहना है कि मामले की गहनता से जांच की जा रही है और जल्द ही हमलावरों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा.
