Maha kumbh 2025 Kinnar Akhara: ममता कुलकर्णी और लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को किन्नर अखाड़े से किया गया निष्कासित
Maha kumbh Mela 2025
बॉलीवुड एक्ट्रेस ममता कुलकर्णी (Mamta Kulkarni) और किन्नर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी (Laxmi Narayan Tripathi) को संस्थापक अजय दास ने अखाड़े से निष्कासित कर दिया. आपको बतादें कि Maha kumbh में ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर बनाए जाने पर लगातार विवाद हो रहा था.
Mahakumbh Kinnar Akhada: प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ 2025 के दौरान किन्नर अखाड़े में बड़ा फेरबदल हुआ है. बॉलीवुड की पूर्व अभिनेत्री ममता कुलकर्णी (Mamta Kulkarni) और आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को किन्नर अखाड़े से निष्कासित कर दिया गया है साथ ही, ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर के पद से भी हटा दिया गया है. आपको बतादें कि यह फैसला किन्नर अखाड़े के संस्थापक अजय दास ने लिया और उन्होंने नए सिरे से अखाड़े के पुनर्गठन की घोषणा की है.
क्यों हटाई गईं ममता कुलकर्णी और लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी?
महाकुंभ 2025 के दौरान किन्नर अखाड़े में ममता कुलकर्णी (Mamta Kulkarni) को महामंडलेश्वर बनाए जाने पर लगातार विवाद चल रहा था. सवाल उठाए जा रहे थे कि एक स्त्री को किन्नर अखाड़े का महामंडलेश्वर कैसे बनाया जा सकता है साथ ही इसके लिए कोई अनुमति नहीं ली गई. ना ही सिर मुड़वाया गया.
इस मुद्दे पर अखाड़े के कई संतों और विद्वानों ने आपत्ति जताई थी. अखाड़े के संस्थापक अजय दास ने शुक्रवार को ममता कुलकर्णी और लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को हटाने का ऐलान किया है.
किन्नर अखाड़े में नए महामंडलेश्वर का होगा ऐलान
अजय दास ने यह भी कहा कि जल्द ही किन्नर अखाड़े का नया आचार्य महामंडलेश्वर नियुक्त किया जाएगा और अखाड़े का पुनर्गठन होगा. फिलहाल, यह मामला धार्मिक और सामाजिक स्तर पर चर्चा का विषय बना हुआ है.
कैसे बनीं ममता कुलकर्णी किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर?
बॉलीवुड में अपने अभिनय से प्रसिद्ध ममता कुलकर्णी (Mamta Kulkarni) ने कुछ समय पहले सन्यास धारण कर लिया था. प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ के दौरान उन्होंने पिंडदान किया और फिर एक भव्य पट्टाभिषेक कार्यक्रम में उन्हें किन्नर अखाड़े का महामंडलेश्वर बनाया गया. उनका नया सन्यासी नाम "श्री यामाई ममता नंद गिरी" रखा गया.
ममता कुलकर्णी ने क्या कहा?
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए ममता कुलकर्णी ने कहा था कि लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी (Laxmi Narayan Tripathi) ने उनकी 23 साल की तपस्या को समझा था और उनकी परीक्षा लेने के बाद ही उन्हें महामंडलेश्वर बनने का न्यौता दिया गया था. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया था कि वह अब बॉलीवुड में वापसी नहीं करेंगी और पूरी तरह से सनातन धर्म के प्रचार में समर्पित रहेंगी.
किन्नर अखाड़े में बढ़ता विवाद
किन्नर अखाड़े की स्थापना 2015 में हुई थी और यह किन्नर समुदाय को सनातन धर्म से जोड़ने के लिए बना पहला अखाड़ा है. लेकिन हाल के घटनाक्रमों के बाद यह अखाड़ा विवादों में आ गया है.
ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर बनाए जाने से लेकर अब उनके निष्कासन तक, यह मामला धार्मिक और सामाजिक स्तर पर गहन चर्चा का विषय बना हुआ है.अब देखना होगा कि किन्नर अखाड़ा अपने नए महामंडलेश्वर का चयन किस तरह करता है और आगे इस विवाद का क्या असर पड़ता है.