
UP News: शिक्षामित्रों और अनुदेशकों के लिए बड़ी खुशखबरी, वेतन में होगी ऐतिहासिक बढ़ोतरी
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उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) सरकार जल्द ही 1,43,450 शिक्षामित्रों और 25,223 अनुदेशकों के वेतन में ऐतिहासिक बढ़ोतरी करने जा रही है. शिक्षामित्रों का वेतन 10 हजार से बढ़ाकर 25 हजार और अनुदेशकों का वेतन 9 हजार से बढ़ाकर 22 हजार किया जाएगा. इसके अलावा, हर तीन साल पर वेतन वृद्धि का भी लाभ मिलेगा.

UP Shiksha Mitra News: प्रदेश सरकार जल्द ही 1,43,450 शिक्षामित्रों और 25,223 अनुदेशकों के मानदेय में दोगुने से ज्यादा बढ़ोतरी करने जा रही है. प्रस्ताव को अंतिम रूप दिया जा रहा है और इसे मंजूरी के लिए कैबिनेट में पेश किया जाएगा. अगर प्रस्ताव पारित हो जाता है, तो शिक्षामित्रों और अनुदेशकों को हर तीन साल पर वेतन वृद्धि का लाभ भी मिलेगा.
शिक्षामित्रों और अनुदेशकों को कितना मिलेगा वेतन?
- शिक्षामित्रों का वेतन: 10,000 से बढ़ाकर 25,000 प्रति माह किया जाएगा.
- अनुदेशकों का वेतन: 9,000 से बढ़ाकर 22,000 प्रति माह किया जाएगा.
हर तीन साल पर होगी वेतन वृद्धि
सरकार ने शिक्षामित्रों और अनुदेशकों के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए अन्य राज्यों की तर्ज पर हर तीन साल बाद वेतन बढ़ाने की योजना बनाई है. इससे शिक्षामित्रों और अनुदेशकों को नियमित वेतन वृद्धि का लाभ मिलेगा और उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा.
यूपी सरकार ने अन्य राज्यों के मॉडल का किया अध्ययन
सूबे की सरकार ने अन्य राज्यों में शिक्षामित्रों और अनुदेशकों को दिए जाने वाले वेतन और सुविधाओं का अध्ययन किया है.
अन्य राज्यों में शिक्षामित्रों का वेतन:
- चंडीगढ़: 34,000 प्रति माह
- राजस्थान: 51,600 प्रति माह
- झारखंड: 20,000 से 28,000 प्रति माह
- उत्तराखंड: 20,000 प्रति माह (टेट पास शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक बनाया गया)
- बिहार: 26,000 से 29,000 प्रति माह (20 साल की नौकरी पूरी करने पर)
कब लागू होगा नया वेतन?
बीते 20 फरवरी को यूपी सरकार ने आउटसोर्स और संविदा कर्मियों के न्यूनतम वेतन को ₹16,000 से ₹20,000 तक बढ़ाने की घोषणा की थी. अब शिक्षामित्रों और अनुदेशकों की वेतन वृद्धि की प्रक्रिया अंतिम चरण में है. कैबिनेट की मंजूरी मिलते ही इसे लागू कर दिया जाएगा.
शिक्षामित्रों और अनुदेशकों के लिए बड़ी राहत
सरकार का यह फैसला यूपी के हजारों शिक्षामित्रों और अनुदेशकों के लिए आर्थिक मजबूती और सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करेगा. अब सभी की निगाहें कैबिनेट की बैठक पर टिकी हैं, जहां इस प्रस्ताव पर अंतिम मुहर लगेगी.
