Who Is SN Khandelwal: 400 किताबों के लेखक, 80 करोड़ की संपत्ति ! वृद्धाश्रम में बीता समय, कंधा देने भी नहीं पहुंचे बच्चे
Varanasi News Today
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के वाराणसी (Varanasi) में लेखक श्रीनाथ खंडेलवाल (shrinath khandelwal) ने 86 वर्ष की उम्र में अंतिम सांस ली. करोड़ों की संपत्ति होने के बावजूद अंतिम समय वृद्धाश्रम में बीता. कंधा देने के लिए भी उनके बेटे-बेटी को समय नहीं मिला
Who Is SN Khandelwal: यूपी के वाराणसी (Varanasi) में 400 किताबों के लेखक श्रीनाथ खंडेलवाल ने शनिवार को 86 वर्ष की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया. करोड़ों की संपत्ति होने के बाउजूद उनका अंतिम समय एक वृद्धाश्रम में बीता.
ये समाज की विडंबना है या क्रूरता कि कंधा देने के लिए ना तो उनके परिवार से कोई आया ना ही सगे बेटा-बेटी ही पहुंचे. बताया जा रहा है कि सामाजिक कार्यकर्ता अमन कबीर (Aman Kabir) ने अपने साथियों के साथ मिलकर सराय मोहना घाट में उनको मुखाग्नि दी.
जब बेटे ने काट दिया फोन..अंतिम संस्कार में नहीं हुए शामिल
श्रीनाथ खंडेलवाल (SN Khandelwal) बीते एक महीने से बीमार चल रहे थे. उन्हें किडनी लीवर और हृदय रोग की समस्या थी. वाराणसी (Varanasi) के एक प्राइवेट अस्पताल में शनिवार को उनका देहांत हो गया. सामाजिक कार्यकर्ता अमन कबीर (Aman Kabir) अपने फेसबुक में लिखते हैं कि जब उनके बच्चों को फोन से जानकारी दी गई तो उन्होंने फोन काट दिया.
आखिरकार उन्होंने पुत्र की तरह उनका अंतिम संस्कार किया. वरिष्ठ पत्रकार विश्वनाथ गोकर्ण कहते हैं कि खंडेलवाल जी यानी तमाम भारतीय भाषाओं का मर्मज्ञ..तंत्र साधना से लेकर अष्टादश पुराणों का गहन अध्येता..ऐसा सनातनी जिसने पंथ के लिए जो भी किया चुपचाप किया..कोई प्रचार नहीं..और मृत्यु भी सन्नाटे से उठा ले गई.
वीडियो हुआ था वायरल, पद्मश्री लेने से किया मना
श्रीनाथ खंडेलवाल (SN Khandelwal) का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हुआ था. उन्होंने कहा था कि बच्चों ने उन्हें घर से निकाल दिया है. बेटी और दामाद सुप्रीम कोर्ट में वकील है. बेटा भी बड़ा बिजनेसमैन है.
बताया जा रहा है कि खंडेलवाल पिछले कई महीनों से हीरामनपुर (सारनाथ) स्थित एक कुष्ठ सेवा संघ वृद्धाश्रम में अपना जीवन बीता रहे थे. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उन्होंने कहा था कि 80 करोड़ की संपत्ति से उनको बेदखल कर दिया गया है. बताया जा रहा है कि उन्होंने पद्मश्री सम्मान लेने से भी मना कर दिया था.
10वीं फेल साहित्यकार ने लिख डाली 400 किताबें
बनारस के प्रसिद्ध लेखक श्रीनाथ खंडेलवाल (SN Khandelwal) कई भाषाओं के मर्मज्ञ थे. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उन्होंने 15 वर्ष की आयु में पहली किताब लिखी थी. पद्मपुराण, मत्स्य पुराण से लेकर तंत्र पर 300 पन्नों की किताब लिखी थी.
बताया जा रहा है कि अभी 22 उपपुराणों का उन्होंने अनुवाद किया है. अंतिम समय में वो नरसिंह पुराण लिख रहे थे जो अधूरी रह गई है. कुछ किताबें अभी भी पब्लिश नहीं हुई हैं और अधिकतर पुस्तकें ऑनलाइन उपलब्ध हैं. जानकारों की मानें तो खंडेलवाल 10वीं फेल थे लेकिन लेखन से उन्होंने बहुत प्रेम था. बनारस में जन्में और वहीं उनका अंतिम संस्कार भी हुआ.