
Fatehpur News: फतेहपुर में प्रवेश पत्र हाथ में लेकर घूमती रही छात्रा ! नहीं मिली एंट्री, DIOs ने बैठाई जांच
Fatehpur News In Hindi
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के फतेहपुर (Fatehpur) में यूपी बोर्ड परीक्षा (UP Board Exam) के पहले ही दिन हाईस्कूल की छात्रा को परीक्षा केंद्र से बाहर कर दिया गया. प्रवेश पत्र लेकर छात्रा घूमती रही लेकिन एंट्री नहीं मिली. डीआईओएस ने इस मामले में जांच के आदेश दिए हैं.

Fatehpur UP Board News: उत्तर प्रदेश के फतेहपुर में यूपी बोर्ड परीक्षा का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसने शिक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. हाईस्कूल की एक छात्रा को, जिसके पास वैध प्रवेश पत्र था, परीक्षा केंद्र में प्रवेश नहीं दिया गया.
इस घटना ने न केवल प्रशासन की भूमिका पर संदेह पैदा किया है, बल्कि यह भी दर्शाया है कि छात्रों के भविष्य के साथ किस तरह खिलवाड़ किया जा रहा है.
सिस्टम की लापरवाही से अधर में लटका छात्रा का भविष्य
फतेहपुर (Fatehpur) के मां चंद्ररानी इंटर कॉलेज देवीगंज की छात्रा राधिका सिंह चौहान पुत्री मंगल सिंह चौहान का परीक्षा केंद्र मुस्लिम इंटर कॉलेज में था. बताया जा रहा है कि सोमवार की सुबह जब वह परीक्षा देने पहुंची, तो उसे प्रवेश देने से मना कर दिया गया. छात्रा घंटों तक परीक्षा केंद्र के आसपास भटकती रही, लेकिन उसे कक्ष में जाने की अनुमति नहीं मिली और हिंदी का पहला पेपर छूट गया.
वित्तविहीन विद्यालय संगठन के प्रधानाचार्य परिषद के अध्यक्ष मणि शंकर मौर्य ने इस मामले को उठाते हुए कार्रवाई की मांग की है. उनका दावा है कि सीसीटीवी फुटेज में छात्रा परीक्षा केंद्र के आसपास नजर आ रही है, जो इस बात का प्रमाण है कि वह परीक्षा देने आई थी.
उन्होंने कहा कि छात्रा की गलती सिर्फ ये है कि वो एक बार फेल हो चुकी है. उसके भविष्य को लेकर और ज्यादा सतर्कता बरती जानी चाहिए थी. लेकिन इसके बजाय उसे परीक्षा देने से ही रोक दिया गया.
स्कूल प्रिंसिपल का चौंकाने वाला बयान
छात्रा के विषय में जब मां चंद्ररानी इंटर कॉलेज के प्रिंसिपल विकास गुप्ता उर्फ विक्की से सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा, "मुझे इस बारे में कोई जानकारी नहीं है" अब सवाल यह उठता है कि मामला तूल पकड़ने के बाउजूद विद्यालय प्रशासन को इसकी जानकारी ही नहीं है या छात्रों के प्रति उनकी लापरवाही है.
DIOS ने लिया संज्ञान, 27 फरवरी को होगी सुनवाई
जिला विद्यालय निरीक्षक (DIOS) राकेश कुमार ने कहा कि यह मामला गंभीर है और 27 फरवरी को केंद्र व्यवस्थापक, स्कूल प्रिंसिपल, छात्रा और उसके परिजनों सहित सभी को तलब किया गया है. इसके साथ ही सीसीटीवी फुटेज और वॉयस रिकॉर्डिंग की जांच की जाएगी. जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
शासन का आदेश फिर भी लापरवाही क्यों?
माध्यमिक शिक्षा परिषद के सचिव भगवती सिंह ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि अगर किसी छात्र को प्रवेश पत्र नहीं दिया गया है, या किसी अन्य कारण से परीक्षा में बैठने से रोका जा रहा है, तो वह तुरंत सूचना दे सकता है और कार्रवाई की जाएगी.
इसके बावजूद अगर छात्रा परीक्षा से वंचित रही, तो यह शिक्षा तंत्र की बड़ी चूक है. अब देखना होगा कि 27 फरवरी की सुनवाई के बाद दोषी कौन साबित होता है या मामला यूं ही ठंडे बस्ते में चला जाएगा.
