Hamirpur News: यूपी के हमीरपुर में ज़मीन घोटाले का ब्लास्ट! SDM, तहसीलदार, लेखपाल समेत 13 पर FIR
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उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के हमीरपुर (Hamirpur) में डीएम बंगले से सटी 58.14 एकड़ जमीन को अकृषिक दर्शाकर दस्तावेजों से हेराफेरी का मामला सामने आया है. सदर एसडीएम की रिपोर्ट पर तत्कालीन SDM, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, लेखपाल समेत 13 लोगों पर FIR दर्ज की गई है.

Hamirpur News: यूपी के हमीरपुर जिले में प्रशासनिक व्यवस्था की नींव को झकझोर देने वाला बड़ा मामला सामने आया है. बहुचर्चित डीएम बंगले से सटी 58.14 एकड़ बेशकीमती कृषि भूमि को अकृषिक दर्शाकर विपक्षियों को लाभ पहुंचाने के आरोप में सदर एसडीएम ने तत्कालीन प्रशासनिक अधिकारियों और अन्य व्यक्तियों पर गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज कराई है. यह जमीन विवाद हाईकोर्ट में वर्षों से लंबित है, लेकिन दस्तावेजों से छेड़छाड़ और साक्ष्य दबाने के आरोपों ने अब इस मामले को नया मोड़ दे दिया है.
कई दशक पुराना है विवाद, हाईकोर्ट में है मामला लंबित
एफआईआर के मुताबिक हमीरपुर के मेरापुर डांडा स्थित 51.89 एकड़ और भिलावां डांडा की 6.25 एकड़ कृषि भूमि, जो डीएम बंगले से लगी हुई है, को लेकर पिछले कई दशकों से न्यायिक लड़ाई चल रही है. इस भूमि पर दावेदारी और स्वामित्व को लेकर मामला इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad Highcourt) में विचाराधीन है.
एफआईआर के मुताबिक, यह जमीन सरकारी है, लेकिन दस्तावेजों में हेराफेरी कर इसे अकृषिक भूमि घोषित कर दिया गया. इस हेराफेरी का फायदा विपक्षियों को मिला और सरकारी पक्ष बार-बार अदालत में कमजोर पड़ता गया.
जांच में हुआ फर्जीवाड़े का खुलासा
जिलाधिकारी द्वारा अक्टूबर 2024 में गठित जांच समिति की रिपोर्ट में बड़ा खुलासा हुआ. रिपोर्ट में पाया गया कि रिकॉर्ड मौजूद होने के बावजूद कोर्ट में साक्ष्य पेश नहीं किए गए और अभिलेखों से जानबूझकर छेड़छाड़ की गई. इसका उद्देश्य विपक्षी पक्ष को कानूनी लाभ देना था. इस रिपोर्ट में वर्ष 2004 से 2007 तक सदर तहसील में कार्यरत रहे तत्कालीन एसडीएम विजय कुमार गुप्ता, तहसीलदार, नायब तहसीलदार जैनेंद्र सिंह और सदर लेखपाल राजकिशोर की संदिग्ध भूमिका सामने आई.
सदर एसडीएम की पहल पर दर्ज हुई एफआईआर
सदर एसडीएम शुक्रमा प्रसाद विश्वकर्मा ने 26 अप्रैल 2025 को कोतवाली हमीरपुर में इस मामले की तहरीर दी. इसके आधार पर पुलिस ने तत्कालीन एसडीएम विजय कुमार गुप्ता, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, लेखपाल समेत कुल 13 व्यक्तियों के खिलाफ भारतीय न्यायक संहिता (BNS) की धारा 256, 318 (2), 318 (4), 338, 336 (3), 340 (2), और 61 (2) में मुकदमा पंजीकृत किया है. ये धाराएं दस्तावेजों में फर्जीवाड़ा, न्याय प्रक्रिया को प्रभावित करने, और सरकारी कार्य में बाधा जैसे गंभीर अपराधों से जुड़ी हैं.
कई प्रभावशाली नाम नामजद, पूरे जिले में हड़कंप
एफआईआर में कई प्रतिष्ठित और प्रभावशाली लोगों के नाम भी शामिल किए गए हैं. इनमें स्वरूपनगर कानपुर निवासी रमेश कुमार सिंघल, जानकीशरण सिंघल, राधारमण सिंघल, तिलकनगर पूर्वी कानपुर निवासी प्रकाश मोहन सिंघल, बनारस निवासी सूर्यनारायण
लखनऊ निवासी विवेक कुमार, विशाल सिंघल, हिमांशु सिंघल और रमेड़ी के खजांची मोहल्ला निवासी आनंदेश्वर अग्रवाल शामिल हैं. ये सभी मामले में प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से जुड़े पाए गए और न्याय प्रक्रिया को प्रभावित करने की साजिश में नामजद हुए.
सरकारी तंत्र पर उठे सवाल, जल्द होगी गिरफ्तारी की कार्रवाई
इस मामले के उजागर होने के बाद हमीरपुर प्रशासन में हड़कंप मच गया है. डीएम कार्यालय के आसपास की बेशकीमती जमीन में इस तरह की हेराफेरी ने सरकारी तंत्र की पारदर्शिता और ईमानदारी पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं.
पुलिस अब नामजद आरोपियों की गिरफ्तारी की तैयारी में है, वहीं जिला प्रशासन ने पूरे मामले की निगरानी के लिए विशेष टीम गठित की है. सूत्रों के अनुसार, कुछ अन्य अधिकारियों की भूमिका की भी जांच की जा रही है और जल्द ही और नाम सामने आ सकते हैं.