Kanpur IIT News : अच्छी खबर-कानपुर आईआईटी का 'शुद्धम' कम कीमत पर देगा शुद्ध जल
ग्रामीण अंचलों और मध्यम वर्गीय वाले लोगों को अब शुद्ध जल के लिए इधर-उधर या बाजार से महंगा प्यूरीफायर खरीदने के लिए नहीं भटकना होगा कानपुर आईआईटी के वैज्ञानिकों ने वाटर प्यूरीफायर सह कूलर इजाद किया है जिसका नाम शुद्धम है, ये शुद्धम वाटर फिल्टर कम लागत में लोगों को स्वास्थ्यवर्धक शुद्ध और ठंडा जल देगा.
हाईलाइट्स
- कानपुर आईआईटी के वैज्ञानिकों ने बनाया शुद्धम वाटर फिल्टर
- सिर्फ 4 हज़ार रुपये का होगा प्यूरीफायर
- ग्रामीण और मध्यम वर्गीय लोगों को ध्यान में रखकर किया विकसित
Shuddham of Kanpur IIT will clean water at low cost : आईआईटी कानपुर अपने शोधों को लेकर हमेशा ही चर्चा में रहता है वही आईआईटी के वैज्ञानिकों ने अपनी टीम के साथ मिलकर शुद्धम वाटर फिल्टर बनाया है, जिसे खास तौर पर ग्रामीण क्षेत्रों व मध्यम वर्गीय लोगो को देखते हुए बनाया गया है, इस शुद्धम को इमेजिनियरिंग लैब में बनाया गया है.
इमेजिनियरिंग लैब के कोऑर्डिनेटर प्रोफेसर जे रामकुमार और रिसर्च इस्टेबलिशमेंट ऑफिसर डॉ अमनदीप सिंह ने न्यू उन्नत इंडिया टेक्नो सल्यूशन एंड इनोवेशन की टीम के जितेंद्र सिंह चौधरी ने साथ मिलकर इस शुद्धम वाटर फिल्टर को बनाया है, जिसकी कीमत करीब 4 हज़ार रुपये होगी इतना ही नहीं ये शुद्धम वाटर फिल्टर, जल को भी साफ करेगा तो प्यूरीफायर पानी को ठंडा भी करेगा यानी इस गर्मी में ये फिल्टर काफी कारगर साबित होने वाला है.
कम कीमत का रखा गया ध्यान
आईआईटी के वैज्ञानिकों ने कम कीमत को ध्यान में रखते हुए इसे विकसित किया है अक्सर देखा जाता है ग्रामीणों को शुद्ध जल के लिए बड़ी समस्या आती है और आजकल पानी यदि शुद्ध है तो आप स्वस्थ है पानी शुद्ध नहीं तो बीमारियां घेरने लगती है, बाजार में प्यूरीफायर है भी तो उनकी कीमत बहुत होती है.
जिसे ग्रामीण लोगो व मध्यम वर्गीय लोगों को खरीद पाना कहीं न कहीं मुश्किल होता है,आईआईटी ने इन सब बातों को ध्यान रखते हुए कम कीमत वाला शुद्धम को वाटर फिल्टर के रूप में बनाया था, वही टीम वर्क ने इस पर गम्भीरता से कार्य किया और इसे वाटर प्यूरीफायर कम कूलर के रूप में विकसित किया.
तीन चरणों में होगा शुद्धिकरण
इसके शुद्धिकरण के लिए तीन चरण निर्धारित किये गए है ,जिसमें पहले चरण में ठोस अशुद्धियों को कॉटन फिल्टर के माध्यम से हटाया जाता है,वहीँ सक्रिय कार्बन के साथ एक कार्टिज के माध्यम से दुर्गंध और क्लोरीन को भी साफ करके हटा दिया जाता है.
इस कार्बन को संस्थान की इमेजिनियरिंग लैब में नारियल के गोले और मित्रा नाम की हिटिंग भट्टी का उपयोग करके तैयार किया गया है, तीसरे और अंतिम चरण में पॉलीमर मेंब्रेन का प्रयोग आयन एक्सचेंज के लिए किया इसमें शुद्ध पानी तांबे से बने रिजर्व टैंक में एकत्र हो जाता है दोनों टैंकों को एक मिट्टी के बर्तन में रखा जाता है.जो अलग शीतलता भी प्रदान करता है.साथ ही एक पंखे की मदद से टेम्परेचर को कम भी करता है इसके लिए 10 वाट की एक मिनी सौर प्लेट पर चलाने के लिए डिजाइन किया गया है.
आईआईटी के निदेशक प्रोफेसर अभय करंदीकर ने टीम को बधाई देते हुए कहा कि इस उन्नत जल शोधक और कूलर, “शुद्धम” का विकास संस्थान द्वारा किए जा रहे कम लागत वाले नवाचारों की श्रृंखला में एक अतिरिक्त उपलब्धि है, कहा कि उम्मीद करता हूं कि यह बेहतर उपयोगिता और स्वच्छ पानी के मुद्दे को हल करने के लिए जनता तक पहुंचेगा.