Fourth Phase Loksabha Election: 13 मई को यूपी की इन 13 लोकसभा सीटों पर मतदान ! जानिए कहां-कहां किससे है लड़ाई
लोकसभा चुनाव (Loksabha Election) के चौथे चरण (Fourth Phase) में 13 मई को यूपी की 13 लोकसभा सीटों पर मतदान (Voting) होगा. जिन 13 लोकसभा क्षेत्रों में चुनाव होना है उनमें खीरी, शाहजहांपुर, धौरहरा, मिश्रिख, सीतापुर, हरदोई, उन्नाव, कानपुर, अकबरपुर, इटावा, कन्नौज, फर्रुखाबाद और बहराइच शामिल हैं. यही नहीं तमाम लोकसभा सीटों पर कड़ा मुकाबला दिखाई दे रहा है.
13 मई को यूपी की इन लोकसभा सीटों पर वोटिंग
लोकसभा चुनाव (Loksabha Election) के तीन चरण पूरे हो चुके हैं, 13 मई को चौथा चरण (Fourth Phase) का मतदान होना है. प्रचार भी थम चुका है. अब यूपी की इन 13 लोकसभा सीटों पर कड़ी टक्कर देखी जा रही है. जानिए इन लोकसभा सीटों में कौन-कौन सी सीटों में टक्कर दिखाई दे रही है.चौथे चरण के चुनाव में सबसे ज्यादा नजर कन्नौज के चुनाव को लेकर देखी जा रही है. जिन 13 लोकसभा क्षेत्रों में चुनाव होना है उनमें खीरी, शाहजहांपुर, धौरहरा, मिश्रिख, सीतापुर, हरदोई, उन्नाव, कानपुर, अकबरपुर, इटावा, कन्नौज, फर्रुखाबाद और बहराइच शामिल हैं.
कन्नौज सीट मानी जा रही अहम
दरअसल कन्नौज से इस बार सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) खड़े हुए है, उनके सामने भाजपा के सुब्रत पाठक (Subrat Pathak) है. अखिलेश यादव के यहां से लड़ने के बाद से ही यह सीट सबसे खास और अहम मानी जा रही है. वर्ष 1998 से 2014 तक इस सीट पर सपा का कब्जा रहा है. 2019 के चुनाव में यहां तख्तापलट हुआ भाजपा प्रत्याशी सुब्रत पाठक ने डिम्पल यादव को हरा कर सांसद बने. इस दफा सुब्रत के सामने अखिलेश होंगे यह कहना गलत नहीं होगा कि भरपूर चुनौती मिलने की संभावना है. राजनैतिक गलियारों में भी इस सीट को लेकर जोर-शोर से चर्चा है. खैर यहां की जनता किसे जीत का ताज पहनाएगी, यह तो 4 जून को पता चल जाएगा. फिलहाल दोनों प्रत्याशी पूरी ताकत झोंक चुके है. मुकाबला कड़ा होता दिख रहा है.
उन्नाव में साक्षी महाराज के सामने अन्नू टण्डन
अब बात आती है उन्नाव की तो यहां वर्तमान सांसद साक्षी महाराज को भाजपा ने फिर टिकट दिया. उनके सामने इंडिया गठबंधन सपा से उम्मीदवार अनु टण्डन है. वर्ष 2009 के चुनाव में अन्नू टण्डन ने कांग्रेस से यहां चुनाव लड़ा था और लोकसभा पहुंची थीं. फिर 2014 और 2019 के चुनाव में बीजेपी के साक्षी महाराज ने जीत दर्ज कर सांसद बने. एक बार फिर राजनीतिक गलियारों में हलचल है कि यह सीट इस बार भाजपा को कुछ हद तक चुनौती दे सकती है. फिर भी बीजेपी प्रत्याशी भी एक मजबूत उम्मीदवार है जो पहले भी जनता के दिलो में जगह बना चुके है. अब देखना होगा इस बार गेंद किसके पाले में आती है.
कानपुर सीट पर है मुकाबला
कानपुर लोकसभा सीट की बात करें तो इस बार इंडिया गठबंधन ने कांग्रेस उम्मीदवार आलोक मिश्रा को टिकट दिया, वहीं बीजेपी ने भी ब्राह्मण कार्ड खेलते हुए एक नया चेहरा सबके सामने मैदान में उतार दिया. भाजपा ने रमेश अवस्थी को टिकट दिया, जबकि बसपा ने कुलदीप भदौरिया को उतारा है. ऐसे में जो राजनीतिक गलियारों में गूंज है वह तो कांग्रेस और बीजेपी प्रत्याशी के बीच दिखाई दे रही है. दोनों प्रत्याशियों ने इस चुनाव में अबतक पूरी ताकत झोंक डाली. फिलहाल कई मायनो में कानपुर के चुनाव इस बार बेहद दिलचस्प दिखाई दे रहा है. दोनों ही प्रत्याशी ब्राह्मण है और कानपुर का काफी क्षेत्र ब्राह्मण बाहुल्य आता है. ऐसे में दोनों में सीधी टक्कर देखने को मिल रही है. इससे पहले यहां 2014 और 2019 में बीजेपी का डंका बजा. अब 4 जून को पता चल जाएगा कि कानपुर की इस अहम सीट का ताज किसके सिर पर सजेगा.
अकबरपुर सीट पर भी कड़ा मुकाबला
अकबरपुर सीट की बात करें तो आधे से ज्यादा अकबरपुर लोकसभा क्षेत्र कानपुर देहात में आता है. अकबरपुर लोकसभा सीट में लगातार दो बार बीजेपी के देवेंद्र सिंह भोले जीतकर संसद पहुंचे. एक बार फिर उन्हें मौका मिला है, वहीं उनके सामने इंडिया गठबंधन के सपा प्रत्याशी राजा राम पाल होंगे, वे भी इस चुनाव में पूरी ताकत झोंकते दिखाई दे रहे हैं. बसपा ने राजेश द्विवेदी को उम्मीदवार बनाया है. फिलहाल यहां पर भी लड़ाई बीजेपी और इंडिया गठबंधन में है. हालांकि राजनीतिक पंडितों की माने तो इस बार यह सीट बीजेपी के लिए आसान नहीं लग रही है. दो बार मोदी लहर में भोले चुनाव जीते. इससे पहले 2009 में यहां कांग्रेस के राजा राम पाल भी लोकसभा पहुंच चुके हैं. कई मायनों में दोनों प्रत्याशियों में कड़ी लड़ाई है.