Fatehpur News: अस्पताल की अवस्थाओं के चलते जिले के दो मानिध्य व्यक्तियों की मौत।
फ़तेहपुर में ऑक्सीजन की सही आपूर्ति न होने के चलते लगातार लोगों की मौत हो रहीं हैं।जिला प्रशासन इन अवस्थाओं को लेकर मूकदर्शक बना हुआ है।ज़िले के मानिध्य परिवारों से ताल्लुक़ रखने वाले दो व्यक्ति सरकारी सिस्टम की नाकामी के चलते काल के गाल समा गए।पढ़ें युगान्तर प्रवाह की एक रिपोर्ट.(Fatehpur Latest News)
Fatehpur Latest News Today: यूपी सहित पूरे देश में कोरोना(Corona Virus)की बीमारी के चलते चारो ओर मौत का तांडव मचा हुआ है।लोगों का धन बल सब धराशाही हो गया है।बची कुची कसर इस सरकारी सिस्टम ने तबाह कर दिया है जो नेता चुनाव के दौरान हाथ जोड़कर वोट मांगने आते थे उन्ही की आस लगाए सरकारी अस्पताल की खिड़की से लोग मौत का मंजर देख रहें हैं।
लग रहा है मानो कोरोना ने पूरी प्रकृति से जीवन दायनीय प्राण वायु को छीन लिया हो।फ़तेहपुर जिले में ऑक्सीजन लेवल कम होने से दो व्यक्तियों की मौत ने सरकार की व्यवस्थाओं की पोल खोल दी है। बुधवार को लगभग साढ़े चार बजे एलआईसी के सीनियर अभिकर्ता और व्यापार मंडल के प्रदेश अध्यक्ष के भाई छवि प्रकाश दुबे की मौत हो गई।
व्यापारी नेता रवि प्रकाश दुबे बतातें हैं कि उनके भाई छवि को सुबह के समय ऑक्सीजन की कमी महसूस हो रही थी जिसकी वजह से उन्हें कोविड सेंटर में भर्ती किया गया था। दोपहर बाद शुगर लेवल बढ़ने लगी जिसकी वज़ह से उनका पल्स रेट डाउन होने लगा और लगभग साढ़े चार बजे उनके भाई की मौत हो गई। रवि प्रकाश दुबे ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टर कोई ध्यान नहीं देते हैं अगर किसी मरीज को ऑक्सीजन की कमी है या कोविड की भी परेशानी है तो उसको अन्य कौन सी बीमारी है इसका इलाज नहीं किया जाता है उन्होंने कहा कि प्रशासन की शिथिलता की वज़ह से उनके भाई की मौत हो गई है। आपको बतादें कि छवि प्रकाश दुबे के बड़े भाई मणि प्रकाश दुबे सीनियर एडवोकेट भी हैं।
पत्रकार दिनेश मिश्रा भी हुए सरकारी अवस्था के शिकार..
खागा के नज़दीक कोविड सेंटर में भर्ती पत्रकार दिनेश मिश्रा भी सरकारी अवस्थाओं के शिकार हो गए। देर शाम उनकी मौत से जिले के पत्रकार स्तब्ध हैं। वरिष्ठ पत्रकार करुणा सिंधु चतुर्वेदी बतातें हैं कि ऑक्सीजन की कमी के चलते दो दिन पहले दिनेश मिश्रा को अस्पताल में भर्ती किया गया था लेकिन कोविड सेंटरों में ऑक्सीजन की स्थिति बद से बत्तर है कम ऑक्सीजन की आपूर्ति की वज़ह से वहां का स्टाफ़ बीच बीच मे ऑक्सीजन रोंक देता था। उन्होंने कहा जिले के हालात काफी खराब हो चुके हैं। आलाधिकारी कोविड काल मे हो रहीं समस्याओं को सुधारने में नाकाम शाबित हो रहें हैं।