UP News In Hindi: फतेहपुर में किसानों का अनिश्चित कालीन धरना ! बरसात की रात भी नहीं डिगा संकल्प
Fatehpur News In Hindi
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के फतेहपुर (Fatehpur) में गांवों व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ किसान लामबंद होकर बहुआ ब्लॉक (Bahua Block) में धरने में बैठ गए हैं. सुबह से शुरू धरना रात्रि कालीन भी जारी है.
UP News In Hindi: यूपी के फतेहपुर में कई सूत्री मांगों और गांवों में हो रहे भ्रष्टाचार के खिलाफ भारतीय किसान यूनियन (टिकैट ग्रुप) के साथ बड़ी संख्या में किसानों ने गुरुवार को बहुआ ब्लॉक (Bahua Block) के अंदर अनिश्चित कालीन धरना शुरू कर दिया.
किसानों का कहना है कि जब तक गांवों में हो रहे भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई नहीं होगी तब तक धरना अनवरत चलता रहेगा.
शासन की गाइडलाइन के बाद भी बीडीओ रहे नदारत
फतेहपुर (Fatehpur) के बहुआ ब्लॉक (Bahua Block) में सैकड़ों की संख्या में पहुंचे किसानों ने गांव में सचिवों की मनमानी आवास के नाम पर पैसा लेना सहित विकास के कामों में व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ लामबंद दिखे.
जिन गांवों के ग्रामीण परेशान हैं उनमें कंजरनपुर, करसवां, हथेमा, कठवारा, मिर्जापुर, भगवानपुर, अयाह, बनकटा, अहिरणखेडा, सुकेती, धनसिंहपुर, मर्दनपुर, पखरौली, बिझौली, पमरौली सहित कुछ अन्य गांव भी शामिल हैं.
किसान यूनियन ने कहा कि बार-बार कहने के बाद भी मनमाने तरीके से गांवों में लूट मची हुई है. उन्होंने बीडीओ मनोज अग्रवाल पर आरोप लगाते हुए कहा कि शासन की गाइडलाइन है कि खंड विकास अधिकारी का रात्रि विश्राम ब्लॉक में होना चाहिए लेकिन वो नदारत हैं.
रात में भी जारी है बहुआ ब्लॉक में धरना
भारतीय किसान यूनियन (टिकैत ग्रुप) का रात्रि कालीन धरना जारी है. बताया जा रहा है अपनी कई सूत्री मांगों को लेकर किसान परिसर में ही डटें हुए हैं. जानकारी के मुताबिक जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होंगी तब तक धरना समाप्त नहीं किया जाएगा.
खिचड़ी खाकर स्वाभिमान को जिंदा किए किसान
बहुआ ब्लॉक में किसानों ने रात के भोजन में खिचड़ी (तहरी) खाकर धरने में बैठे हुए हैं. एक किसान नेता कहते हैं कि पूरे ब्लॉक में भ्रष्टाचार व्याप्त है. राजनीतिक संरक्षण के चलते अधिकारी अपनी मनमानी करते हुए सरकारी योजनाओं में पलीता लगा रहे हैं.
किसान गरीब होता जा रहा है और सचिव अधिकारी करोड़पति. आपको बतादें कि इससे पहले भी बहुआ ब्लॉक की कई शिकायते हो चुकी हैं जिसमें डीएम सी इंदुमति ने बड़ी कार्रवाई भी की है लेकिन सचिवों की मनमानी अपने चरम पर है.