UP Fatehpur News: फतेहपुर के इस सरकारी अस्पताल में अब फ्री में नहीं होगी प्रसूता की डिलीवरी ! खर्च होगी मोटी रकम
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उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के फतेहपुर (Fatehpur) में अब प्रसूता को डिलीवरी कराने के लिए पैसे देने होंगे. क्यों कि इस सरकारी अस्पताल की इंचार्ज फ्री में महिलाओं की डिलीवरी नहीं करातीं हैं. मामला भिटौरा ब्लाक के उप स्वास्थ्य केंद्र ढकौली का है. जहां का एक ऑडियो पीड़ित ने उपलब्ध कराते हुए सीएमओ से लिखित शिकायत की है.
UP Fatehpur News: यूपी की स्वास्थ्य व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए स्वास्थ्य मंत्री और सूबे के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक (Brajesh Pathak) अक्सर अस्पतालों के चक्कर काटते हुए पीड़ितों से बात करते दिखाई पड़ते हैं. सरकारी अस्पताल में महिलाओं को प्रसव कराने के लिए आर्थिक मदद भी की जाती है.
लेकिन फतेहपुर (Fatehpur) के इस सरकारी अस्पताल में अब फ्री में डिलीवरी नहीं होगी. ऐसा कहना है भिटौरा ब्लाक के उप स्वास्थ्य केंद्र में तैनात एक एएनएम का जो अस्पताल में डिलीवरी कराने के लिए मोटी रकम लेती हैं वो फ्री में प्रसव नहीं करातीं हैं. पीड़ित ने घटना का ऑडियो रिकार्ड करते हुए लिखित में सीएमओ से शिकायत की है.
प्रसव के दौरान पीड़ित दलित से पैसे मांगने का ऑडियो हुआ रिकार्ड
फतेहपुर (Fatehpur) के मदरियापुर (Madriyapur) मजरे केवई के रहने वाले दलित मजदूर हरिशंकर पुत्र रामकुमार बीते 4 सितंबर तकरीबन साढ़े आठ बजे भिटौरा ब्लॉक के उप स्वास्थ्य केंद्र ढकौली अपनी गर्भवती पत्नी सपना को प्रसव पीड़ा के दौरान लेकर गया था.
सेंटर की एएनएम ने पत्नी का प्रसव कराया और कहा कि पत्नी को टांके लगाने के लिए दो हजार रुपए लगेंगे. फ्री में यहां कोई काम नहीं होता है नहीं तो अपनी पत्नी को लेकर जिला अस्पताल चले जाओ.
बताया जा रहा है कि काफी जद्दोजहद के बाद पंद्रह सौ रुपए लिए. पीड़ित हरिशंकर ने पूरी बातचीत का ऑडियो रिकार्ड करते हुए सीएमओ से शिकायत की है. हरिशंकर ने बताया कि एएनएम बिना रिश्वत लिए किसी भी महिला की डिलीवरी नहीं करवाती हैं. हालाकि युगान्तर प्रवाह किसी भी ऑडियो की पुष्टि नहीं करता है.
जब ई रिक्शा चालक से जन्म प्रमाण पत्र के लिए मांगे थे 15 सौ रुपए
ऑडियो में हरिशंकर से बातचीत करते हुए एएनएम कहती हैं कि तुम्हारा भाई शिवशंकर पहले अपनी पत्नी की डिलीवरी कराने आया था तो केवल दो तीन सौ रुपए देकर बाकी का उधार कर गया था फिर बाद में नेता नगरी करने लगा.
युगान्तर प्रवाह ने हरिशंकर के भाई शिवशंकर से जब बात की तो उसने बताया कि वो एक ई रिक्शा चालक है. मेहनत मजदूरी करते हुए किसी तरह से घर गृहस्थी चला रहा है. उसने कहा कि एक साल पहले उसने अपनी पत्नी का प्रसव इसी अस्पताल में कराया था.
प्रसव के बाद जब जन्म प्रमाण लेने गया तो मुझसे 15 सौ रुपए मांगे गए. किसी तरह मैंने पांच सौ रुपए देने की बात कही जब नहीं माना तो मैंने ग्राम प्रधान सहित आस-पास के रसूखदार लोगों से शिकायत की. शिवशंकर कहते हैं कि इसके बाद उसने प्रमाण पत्र मुझे दिया.
किसी की धौंस सहकर काम नहीं करती हूं
पीड़ित पति हरिशंकर के ऑडियो में एएनएम दलित परिवार को उग्र लहजे में कहती है कि मैं किसी की धौंस सहकर काम नहीं करती हूं चाहे जहां शिकायत कर दो किसी से डरती नहीं हूं. काम करवाना हो तो पैसे लगेंगे फ्री में यहां काम नहीं होता है.
पीड़ित ने शिकायती पत्र में कहा कि एएनएम का व्यवहार गर्भवती महिलाओं के लिए सदैव तानाशाहीपूर्ण रहा है. मामले में सीएमओ डॉ. राजीव नयन गिरि ने जांच करते हुए कड़ी कार्रवाई की बात कही है.