Fatehpur UP News: फतेहपुर के डीआईओएस कर्मी ने हड़प लिए 25 लाख रुपए ! एक नहीं कई हुए इस बाबू के शिकार
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उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के फतेहपुर (Fatehpur) के डीआईओएस ऑफिस में तैनात रहे लिपिक सत्य प्रकाश वर्मा (Satya Prakash Verma) ने नौकरी के नाम पर लोगों से 25 लाख की ठगी की है. कोर्ट के आदेश पर बाबू पर धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया गया है
फतेहपुर के डीआईओएस कर्मी का बड़ा खेल, ठग लिए 25 लाख
यूपी (UP) के फतेहपुर (Fatehpur) जनपद में तत्कालीन डीआईओएस ऑफिस में तैनात रहे लिपिक सत्य प्रकाश वर्मा पर लोगों से नौकरी के नाम पर धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया गया है. कोर्ट के आदेश पर सदर कोतवाली में सत्य प्रकाश वर्मा (Satya Prakash Verma) के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है. जानकारी के मुताबिक बाबू ने 100 रुपए के स्टांप पेपर में बकायदा इकरारनामा भी किया था. 25 लाख रुपए लेने के बाद लिपिक फरार चल रहा है और उसका कुछ पता नहीं चल पा रहा है.
नौकरी के नाम पर पैसे ऐठने वाला सत्य प्रकाश ऐसे करता था ठगी
फतेहपुर के जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय में लिपिक के पद पर तैनात रहा सत्य प्रकाश वर्मा पुत्र रामस्वरूप वर्मा हिमगिरि कालोनी कांठ रोड़ मुरादाबाद (Muradabad) रहने वाला है. प्रतापगढ़ जिले के रहने वाले पद्मेश मिश्रा ने बताया कि कोरोना काल के दौरान प्रयागराज में सत्य प्रकाश से उनकी मुलाकात हुई थी. उसने अपने आपको डीआईओएस ऑफिस फतेहपुर में लिपिक के पद कार्यरत बताया और कहा कि विभाग में नौकरी करना हो तो बताना लेकिन 15 लाख रुपए लगेंगे.
पद्मेश उसके झांसे में आ गया पहले उसने 1 लाख रुपए दिए और फिर अगस्त 2023 में बकायदा 100 रुपए के स्टांप पेपर पर इकरार नामा करते हुए 14 लाख रुपए दिए. सत्य प्रकाश लगातार पद्मेश को झांसा देता रहा. जानकारी के मुताबिक अंतिम बार जब उनकी बात हुई तो बाबू ने कहा कि मेरा ट्रांसफर प्रयागराज हो गया है ज्वाइन करने के बाद तुम्हारा नियुक्ति पत्र दिला दिया जाएगा. इसके बाद उसका कुछ पता नहीं है.
फतेहपुर खखरेरू इंटर कॉलेज के प्रिंसिपल से ठगी
फतेहपुर के खागा के रहने वाले रमेश सिंह खखरेरू इंटर कॉलेज में बतौर प्रधानाचार्य के पद पर तैनात है. बताया जा रहा है कि वह भी जाल साज सत्य प्रकाश वर्मा के चंगुल में फंस गए. जानकारी के मुताबिक रमेश सिंह अपने रिश्तेदार की नौकरी लगवाना चाह रहे थे. साल 2020 में उन्होंने एक लाख रुपए दिए और बाद में नकद 9 लाख रुपए दिए जिसका बकायदा इकरारनामा भी किया गया था.
एक दो नहीं कई हुए सत्य प्रकाश के शिकार, अधिकारियों को भी मिलता था पैसा
फतेहपुर का डीआईओएस ऑफिस हमेशा से बदनाम रहा है. यहां तैनात कई ऐसे लिपिक रहे हैं जो सांठ गांठ में माहिर रहे हैं. वेतनमान और एरियर निकलवाने के नाम पर भी यहां 15 प्रतिशत का रेट फिक्स है. बताया जा रहा है कि डीआईओएस नंदलाल के समय कुछ लोगों ने लिपिक सत्य प्रकाश को कमरे में घुसकर मारा पीटा भी था उसके बाद इसको सस्पेंड भी किया गया लेकिन सांठ गांठ में माफिर इस सख्स ने जल्द ही अपनी बहाली करा ली.
जानकारी के मुताबिक डीआईओएस महेंद्र सिंह की तैनाती के दौरान भी इसको सस्पेंड किया गया था. लेकिन फिर भी ऑफिस भी बैठकर इसने एक नहीं कई लोगों से नौकरी के नाम पर लाखों रूपए ऐंठ लिए. उसके बाद इसको प्रयागराज में संबध कर दिया गया.
बताया जा रहा है कि दो तीन महीने पहले सत्य प्रकाश वर्मा रिटायर हो गया था तब से फरार है और इसका कुछ पता नहीं चल पा रहा है. दो लोगों ने कोर्ट के आदेश पर इसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है वहीं कुछ लोग अभी भी नौकरी की आस लगाए बैठें है.