Fatehpur News: फतेहपुर में क्यों हो रही है हिंदू महापंचायत ! हजारों की संख्या में पहुंचने का अनुमान
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उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के फतेहपुर (Fatehpur) में आगामी 21 जुलाई को हिंदू महापंचायत (Hindu Mahapanchayat) का आयोजन मलवां (Malwan) में किया जा रहा है. अनुमान है कि अपनी दस सूत्री मांगों को लेकर हिंदू संगठन के करीब दस हजार लोग पहुंच रहे हैं. जिसमें मलवां में बनी मस्जिद का मुद्दा सबसे ऊपर है. इस महापंचायत को लेकर प्रशासन के हांथ पैर फूलते नज़र आ रहे हैं.
Fatehpur News: यूपी के फतेहपुर में होने वाली हिंदू महापंचायत (Hindu Mahapanchayat) को लेकर वीएचपी सहित तमाम हिंदू संगठन अपनी दस सूत्री मांगों को लेकर हुंकार भरने वाले हैं वहीं जिला प्रशासन भी संवेदनशील होता दिखाई दे रहा है.
बताया जा रहा है कि इन मांगों में सबसे बड़ा मुद्दा मलवां (Malwan) में बनी मस्जिद की ज़मीन है. साथ ही जिले में घटित कुछ ऐसी घटनाएं हैं जिनसे हिंदू संगठन लगातार नाराज़ हो रहा है. जानकारी के मुताबिक वीएचपी ने डीएम को ज्ञापन देकर दस दिन में कार्रवाई की बात कही थी लेकिन संगठन इसे प्रशासनिक अमले की हीलाहवाली मानते हुए आगामी 21 जुलाई को महापंचायत करने जा रहा है.
मलवां की मदीना मस्जिद को लेकर क्या है नाराज़गी
फतेहपुर (Fatehpur) के मलवां (Malwan) में कोटिया रोड पर बनी मदीना मस्जिद की ज़मीन को लेकर हिंदू संगठन पिछले 19 सालों से लड़ाई लड़ रहे हैं. विहिप के प्रांतीय उपाध्यक्ष वीरेंद्र पांडेय कहते हैं कि हमारी लड़ाई साल 2005 से चल रही है. जिला प्रशासन को लगातार ज्ञापन दिया गया और जांच के नाम पर उनकी हीलाहवाली चलती रही.
उन्होंने कहा कि मलवां में बनी मदीना मस्जिद तालाबी और ऊसर भूमि पर बनी है जो की नियम विरुद्ध है. वीरेंद्र पांडेय बताते हैं कि उनके पास वहां का पूरा नक्शा है. विहिप नेता कहते हैं कि हमारे लिए "राष्ट्र पहले है धर्म बाद में है" अगर कोई मंदिर या मस्जिद गलत इरादे अथवा गलत जगह पर बनाई गई है तो उसको हटाना प्रशासन की जिम्मेदारी है.
उन्होंने कहा कि वक्फ बोर्ड में मस्जिद रजिस्टर्ड होने से ज़मीन रजिस्टर्ड नहीं हो जाती है. वीरेंद्र पांडेय ने कहा कि 21 जुलाई को सभी हिंदू संगठन मलवां पंचायत भवन में महापंचायत करेंगे और मस्जिद के अलावा अपनी दस सूत्री मांगों को लेकर वार्ता करेंगे इसके बाद जिला प्रशासन कार्रवाई नहीं करता है तो बड़ा आंदोलन होगा.
1976 में मदीना मस्जिद के नाम पर हुआ था पट्टा
मलवां (Malwan) गांव में बनी मदीना मस्जिद की ज़मीन को लेकर हो रहे विवाद पर मस्जिद कमेटी (Tawalliat) के सदस्य छेदी अली पुत्र अशरफ़ अली कहते हैं कि साल 1976 में ग्राम प्रधान ने मस्जिद के नाम पर तीन बिस्वा जमीन पट्टे के रूप में दी थी.
कई सालों बाद मदीना मस्जिद को सुन्नी वक्फ बोर्ड में भी रजिस्टर्ड कराया गया था. उन्होंने कहा कि हम सभी लोग आपसी भाई चारा पसंद करते हैं इसी के चलते कब्रिस्तान के पास बने शिव मंदिर के चबूतरे के लिए जब ज़मीन कम पड़ रही थी तब कब्रिस्तान की ज़मीन भी मिलाकर बाबा का चबूतरा बनाया गया था.
छेदी अली कहते हैं कि हमारी कमेटी प्रशासन के साथ है कई बार इसकी जांच हो चुकी है फिर भी मस्जिद का कोई हिस्सा गलत तरीके से बना है तो उसको हटाने में प्रशासन का सहयोग करेंगे.
हिंदू महापंचायत को लेकर प्रशासन अलर्ट
फतेहपुर (Fatehpur) के मलवां में 21 जुलाई को होने वाली हिंदू महापंचायत में करीब दस हजार लोगों की पहुंचने की संभावना है. सौरा गांव में बने मदरसे के कर्मचारियों द्वारा छात्र की कुकर्म के बाद हत्या और फिर संचालक पर कार्रवाई न होना, आर्य समाज के मंदिर को हरे रंग से पेंट करना सहित दस सूत्री मांगों को लेकर महापंचायत की जाएगी. बताया जा रहा है कि जिला प्रशासन इसके लिए अलर्ट पर आ गया है. SDM बिंदकी अर्चना अग्निहोत्री ने युगान्तर प्रवाह से बातचीत करते हुए कहा कि...
मलवां में बनी मदीना मस्जिद वक्फ बोर्ड में रजिस्टर्ड है. उसकी जांच की जा चुकी है. मस्जिद के आस-पास का कुछ हिस्सा सरकारी ज़मीन पर है जिसके लिए धारा 67 के तहत कार्रवाई की जा रही है. महापंचायत शांति पूर्ण तरीके से होने पर कोई आपत्ति नहीं है अगर लॉ-एंड-आर्डर की कोई समस्या होगी तो कार्रवाई के लिए प्रशासन तैयार है.
वहीं फतेहपुर बजरंग दल के सह संयोजक धर्मेंद्र सिंह जनसेवक कहते हैं कि महापंचायत में मुख्य अतिथि के रूप में प्रांत मंत्री विहिप राजू पोरवाल और मुख्य वक्ता प्रांत उपाध्यक्ष विहिप वीरेंद्र पांडेय के नेतृत्व में सभी हिंदू संगठन दस सूत्री मांगों को लेकर एक बड़ी परिचर्चा करेंगे. उन्होंने कहा कि प्रशासन लगातार जांच के नाम पर हीलाहवाली कर रहा है जो कि अब बर्दास्त नहीं किया जाएगा.