Fatehpur News: बीजेपी जिलाध्यक्ष पर गिरी गाज, लेकिन खुल गई ‘राजनीतिक तिजोरी’! भ्रष्टाचार और साजिश के आरोपों से गरमाई सियासत
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उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के फतेहपुर (Fatehpur) में बीजेपी जिलाध्यक्ष मुखलाल पाल (Mukhlal Pal) पर आरोप सिद्ध होने के बाद जिले का सियासी मिजाज़ गर्म हो गया है. राजनीतिक तिजोरी से आरोप प्रत्यारोप की बौछार ने सफेदपोश नेताओं की कलई खोल डाली, कुछ लोग इसे चुनावी सरगर्मी बता रहे हैं तो कुछ कुर्सी के खेल से जोड़ कर देख रहे हैं.

Fatehpur News Mukhlal Pal: यूपी के फतेहपुर में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के अंदरूनी कलह अब सतह पर आ चुकी है. मौजूदा बीजेपी जिलाध्यक्ष मुखलाल पाल पर पार्टी में महत्वपूर्ण पद दिलाने के नाम पर 50 लाख रुपये लेने का गंभीर आरोप लगा था, जिसके बाद पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने इस मामले की जांच कराई. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जांच के बाद मुखलाल पाल दोषी पाए गए हैं.
लेकिन यह मामला यहीं नहीं रुका. मुखलाल पाल ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर खुद को निर्दोष बताते हुए इसे एक बड़ी साजिश करार दिया. उन्होंने सीधे तौर पर पूर्व केंद्रीय मंत्री और सांसद साध्वी निरंजन ज्योति और पूर्व जिलाध्यक्ष आशीष मिश्रा को इस साजिश का हिस्सा बताया. इतना ही नहीं, उन्होंने इन नेताओं पर अवैध रूप से अकूत संपत्ति अर्जित करने और सरकारी तंत्र का दुरुपयोग करने के भी गंभीर आरोप लगाए.
साध्वी पर अवैध संपत्ति और चुनावी धांधली के आरोप
पार्टी हाईकमान से दोषी ठहराने के बाद मुखलाल पाल ने बेहद आक्रामक तेवर अपनाते हुए पूर्व सांसद और केंद्रीय राज्यमंत्री साध्वी निरंजन ज्योति (Sadhvi Niranjan Jyoti) पर बड़े पैमाने पर अवैध संपत्ति इकट्ठा करने का आरोप लगाया.
उनके मुताबिक, साध्वी के पास 300 बीघे जमीन और 50 डंपर हैं, जो कि हमीरपुर तक चलते हैं. उन्होंने दावा किया कि मोरंग घाटों से अवैध वसूली की जाती थी, जिसमें स्थानीय प्रशासन की भी भूमिका संदिग्ध रही.
इतना ही नहीं, मुखलाल पाल (Mukhlal Pal) ने साध्वी निरंजन ज्योति पर चुनाव के दौरान कक्षा 8 की फर्जी मार्कशीट का उपयोग करने का सनसनीखेज आरोप भी लगाया. हालांकि पूर्व सांसद से उनका पक्ष जानने का प्रयास किया गया लेकिन कार्यक्रम की व्यस्तता बताते हुए उनसे बात नहीं कराई गई.
पूर्व जिलाध्यक्ष आशीष मिश्रा पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप
मुखलाल पाल ने बीजेपी के पूर्व जिलाध्यक्ष आशीष मिश्रा पर भी सीधा हमला बोला. उन्होंने आरोप लगाया कि जो व्यक्ति कभी घर-घर 5 हज़ार रुपये में आरओ सिस्टम लगाता था, वह बीजेपी जिलाध्यक्ष बनने के बाद 200 करोड़ रुपये की संपत्ति का मालिक कैसे बन गया?
उन्होंने कहा कि इन नेताओं ने अवैध रूप से संपत्ति अर्जित कर पार्टी की छवि को धूमिल किया है. वहीं मुखलाल पाल के बयानों पर पलटवार करते हुए पूर्व बीजेपी जिलाध्यक्ष आशीष मिश्रा कहते हैं कि मुखलाल पाल मेरे बड़े भाई जैसे हैं मैं उनका सम्मान करता हूं लेकिन उन्हें कौन गुमराह कर रहा है, यह उन्हें भी नहीं पता
सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जे का मुद्दा
बीजेपी जिलाध्यक्ष कहते हैं कि सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर सरकारी जमीनों को अतिक्रमण मुक्त कराने की कार्रवाई शुरू की गई थी लेकिन, उन्होंने दावा किया कि स्थानीय बीजेपी नेताओं और प्रशासनिक अधिकारियों की मिलीभगत के चलते यह अभियान प्रभावित हुआ.
उन्होंने कहा कि आज भी कई सरकारी जमीनों पर बीजेपी नेताओं और उनके संरक्षण में पल रहे भू-माफियाओं का कब्जा बरकरार है. मुखलाल पाल (Mukhlal Pal) ने डीएम और एसडीएम पर भी गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने सिर्फ कागजों में सरकारी संपत्तियों को कब्जा मुक्त दिखाने की रिपोर्ट भेजी है, जबकि हकीकत इससे बिल्कुल अलग है.
बीजेपी में बढ़ती खींचतान, पार्टी में गुटबाजी तेज?
जिले में बीजेपी जिलाध्यक्ष पर कार्रवाई के बाद एक बार फिर गुटबाजी खुलकर सामने आ गई है. मुखलाल पाल ने जिले से लेकर शीर्ष नेताओं पर साजिश के आरोप लगाए हैं.
लोकसभा, विधानसभा और निकाय चुनावों में भी पार्टी की भीतरी अंदरूनी कलह किसी से छिपी नहीं है. लगातार हो रहे मतभेदों को लेकर जहां विपक्ष सवाल खड़े कर रहा है वहीं बीजेपी को इसका भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है.