Fatehpur Madan Gopal Verma: पूर्व विधायक मदन गोपाल वर्मा का निधन ! तीन बार जहानाबाद से रहे विधायक, जानिए उनके बारे में
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उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के फतेहपुर (Fatehpur) की जहानाबाद विधानसभा (Jahanabad Vidhansabha) से विधायक रहे मदन गोपाल वर्मा (Madan Gopal Verma) का लंबी बीमारी के बाद कानपुर में निधन हो गया.
Fatehpur Madan Gopal Verma Died: यूपी के फतेहपुर जहानाबाद विधानसभा (Jahanabad Vidhansabha) से तीन बाद विधायक रहे पूर्व विधायक मदन गोपाल वर्मा (Madan Gopal Verma) का लंबी बीमारी के बाद बुधवार देर रात निधन हो गया.
सपा के जिलाध्यक्ष सुरेंद्र यादव (Sp Surendra Yadav) ने उनके निधन पर शोक संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि समाजवादी पार्टी (Samajwadi party) के लिए ये अपूर्णीय क्षति है. उन्होंने कहा कि मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि इस दुखद समय में उनके परिवार को सहन करने की शक्ति दें. सुरेंद्र यादव ने कहा कि सुबह 11 बजे भिटौरा में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा.
मुलायम सिंह यादव के करीबी रहे मदन गोपाल वर्मा
फतेहपुर की जहानाबाद विधानसभा से तीन बार के विधायक रहे सपा के कद्दावर नेता मदन गोपाल वर्मा (Madan Gopal Verma MlA) का लंबी बीमारी के चलते बुधवार देर रात कानपुर में निधन हो गया. सपा जिलाध्यक्ष ने जानकारी देते हुए बताया कि उनको सुगर और किडनी की समस्या थी. कभी पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) के करीबियों में से मदन गोपाल की गिनती होती थी.
उनके राजनीतिक कैरियर की बात करें तो पहली बार जनता दल से चुनाव लड़के 1993 में विधायक बने थे.दूसरी बार 2002 में सपा के टिकट से चुनाव लड़ें और विधायक बने. साल 2012 में सपा ने उन पर भरोसा जताते हुए टिकट दिया और तीसरी बार वो जहानाबाद से विधायक बने लेकिन 2022 में उन्हें भाजपा के राजेंद्र पटेल ने शिकस्त देते हुए सत्ता हथिया ली. मदन गोपाल वर्मा चुनाव हारे और जीते भी लेकिन उनका दबदबा कभी कम नहीं हुआ.
अंतिम समय तक समाजवादी पार्टी का नहीं छोड़ा साथ
जहानाबाद विधानसभा से तीन बार के विधायक रहे मदन गोपाल वर्मा (Madan Gopal Verma MlA) ने जीवन की अंतिम सांसों तक समाजवादी पार्टी का साथ नहीं छोड़ा. सपा के राष्ट्रीय कार्यकारणी के सदस्य और वरिष्ठ सपा नेता संतोष द्विवेदी उनकी बात करते हुए भावुक हो गए.
उन्होंने कहा कि मदन गोपाल लंबी बीमारी की वजह से अनकॉन्शियस हो गए थे नहीं तो उनका बेटा दीपक वर्मा भाजपा में शामिल नहीं हो पाता. संतोष द्विवेदी कहते हैं कि मदन गोपाल एक सच्चे समाजवादी थे. उन्होंने कहा कि 1993 में जनता दल से चुनाव जीतने के बाद वो समाजवादी पार्टी में शामिल हुए थे. मुलायम सिंह यादव ने उनको टिकट देने का वादा किया था. लेकिन 1996 में सिटिंग एमएलए होने के बाद उनका टिकट काट कर नरेश उत्तम (Naresh Uttam MP) को दिया गया.
संतोष द्विवेदी कहते हैं कि मदन गोपाल वर्मा ने सपा का दामन नहीं छोड़ा और ना ही कोई विरोध किया और मेहनत करते हुए चुनाव में लगे. नरेश उत्तम के चुनाव हारने के बाद मुलायम सिंह यादव ने उन्हें टिकट दिया और वो जीते भी. उन्होंने कहा कि एक सच्चे समाजवादी की आज विदाई हुई है ये बहुत बड़ी अपूर्णीय क्षति है.