UP:फतेहपुर में जिला अस्पताल के नर्सिंग स्टाफ़ पर लगे गम्भीर आरोप..प्रसूता ने गेट पर जन्मा शिशु..मौत!
शुक्रवार दोपहर जिला अस्पताल पहुंची प्रसूता को अस्पताल में दाख़िल नहीं किया गया..मौजूद स्टाफ़ पर परिजनों ने गम्भीर आरोप लगाए हैं...क्या है पूरा मामला जानें..युगान्तर प्रवाह की इस रिपोर्ट में...
फतेहपुर:जिला अस्पताल (District women hospital) में तैनात डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ़ पर आए दिन गम्भीर आरोप लगते रहते हैं।बावजूद इसके अस्पताल की व्यवस्थाओं में कोई सुधार देखने को नहीं मिल रहा है।अस्पताल में तैनात डॉक्टरों और कर्मियों के लापरवाही पूर्ण रैवये के चलते जिला प्रशासन पर भी सवालिया निशान लगने शुरू हो गए हैं! आख़िर डीएम और सीडीओ के बार-बार औचक निरीक्षणों के बावजूद क्यों अस्पताल में समस्याएं जस की तस बनी हुई हैं!ये अपने आप में गम्भीर विषय है! (Fatehpur news)
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शुक्रवार को एक बार फ़िर जिला अस्पताल के डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ़ पर गम्भीर आरोप लगे।दरअसल शुक्रवार दोपहर जिला महिला अस्पताल के गेट के बाहर एक प्रसूता की डिलवरी हो रही थी।अस्पताल के बाहर मौजूद महिलाओं ने किसी तरह चारों तरफ़ से घेरा बनाया और डिलवरी कराई।लेक़िन जन्मे नवजात बच्चे को बचाया नहीं जा सका।
प्रसूता के पति राकेश निवासी थरियांव (thariyao thana) ने बताया कि वह अपनी पत्नी विजमा को लेकर जिला महिला अस्पताल आया हुआ था।लेक़िन अस्पताल में मौजूद डॉक्टर और नर्सों द्वारा भर्ती ही नहीं किया गया।वह क़रीब दो घण्टे तक अस्पताल में चक्कर लगाता रहा।जब उसकी पत्नी अस्पताल में भर्ती नहीं हो पाई तो निजी अस्पताल में भर्ती कराने के लिए अस्पताल से जा रहा था।लेक़िन वह जा नहीं पाई और गेट पर ही उसे बच्चा हो गया।
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वहीं इस मामले जिला महिला अस्पताल की सीएमएस डॉक्टर रेखा रानी ने बताया कि प्रसूता अस्पताल में भर्ती ही नहीं हुई थी।वह जब अस्पताल आ रही थी तभी उसको लेबर पेन हुआ और गेट पर डिलवरी हो गई।उन्होंने इस बात से साफ तौर पर इंकार किया कि प्रसूता को दो घण्टे पहले अस्पताल लाया गया था।उन्होंने यह भी बताया कि बच्चा पेट के अंदर ही मर चुका था।