Ayodhya News: सज गयी रामनगरी ! प्राण-प्रतिष्ठा से पहले अद्भुत वाद्य यंत्रों की मंगल ध्वनि से गूंजेगा परिसर, हर किसी के लिए अद्भुत क्षण
Ram Mandir Ayodhya
22 जनवरी को अयोध्या धाम में श्री राम जन्मभूमि पर होने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह (Pran Pratistha Celebration) में अब ज्यादा समय नहीं बचा है. लगभग सभी तैयारियां पूरी (Prepration Completed) की जा चुकी है. प्राण प्रतिष्ठा की शुरुआत मंगल ध्वनि (Auspicious Sound) से होगी. इस पावन बेला पर परिसर में 2 घण्टे तक अद्भुत संगीत और वाद्ययंत्रों द्वारा वादन होगा. भाव-विभोर वाले क्षण (Overwhelmed With Emotions) को देखने की हसरत सभी की है.
आ गयी मंगल बेला, मंगल ध्वनि से गूंजेगा परिसर
सोमवार को जब अयोध्या में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह (Pran Pratistha Celebration) की शुरुआत होगी. हर देशवासी की नजर भगवान राम के अद्भुत दर्शन पर होगी. आख़िर 500 सालों के इस संघर्ष के इतिहास की गाथा को उकेरे अयोध्या नगरी में अब खुशियों के दीप जलाए (Lighting Diyas) जाएंगे. मंगल गीत (Auspicious Songs) गाये जा रहे हैं. हर कोई इस दिन की एक दूसरे को बधाई दे रहा है.
प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले भव्य राम मंदिर परिसर मंगल ध्वनि (Auspicious Sound) से गूंज उठेगा. 2 घण्टे तक विभिन्न वाद्य यंत्रों की ध्वनि गूंजेगी. यह क्षण हर भारतीय के लिए अद्भुत क्षण (Wonderful Moment) होगा. अलग-अलग राज्यों से आए कलाकार अपनी संगीत की प्रस्तुति देंगे. इस मांगलिक संगीत कार्यक्रम के संयोजक यतीन्द्र मिश्र हैं, जो प्रख्यात लेखक, अयोध्या संस्कृति के जानकार और कलाविद् है.
हर भारतीय के लिए अद्भुत क्षण
श्री रामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय (Champat Roy) ने बताया कि यह दिन हर भारतीय के लिए गर्व (Proud) का दिन है. प्रभू की प्राण प्रतिष्ठा (Pran Pratistha) होगी. हर तरफ भाव विभोर (Overwhelmed) कर देने वाला अद्भुत दृश्य है. सभी लोग मंगलगीत गा रहे हैं. इस प्राण प्रतिष्ठा से पहले कई विधान हमारी सांस्कृति में होते हैं. किसी भी शुभ कार्य, अनुष्ठान, पर्व के अवसर पर प्रभू के सामने आनन्द और मंगल के लिए पारम्परिक ढंग से मंगल- ध्वनि का आयोजन किया जा रहा है. देश के तमाम जगहों से संगीतकार अपने वाद्य यंत्रों का वादन करेंगे. जिन्हें कलाकार प्रस्तुत करेंगे.
प्रेरणा आयी और चले आये
इनमें उत्तर प्रदेश का पखावज, बांसुरी, ढोलक, कर्नाटक का वीणा, महाराष्ट्र का सुंदरी, पंजाब का अलगोजा, ओडिशा का मर्दल, मध्यप्रदेश का संतूर, मणिपुर का पुंग, असम का नगाड़ा और काली, छत्तीसगढ़ का तंबूरा, बिहार का पखावज, दिल्ली की शहनाई, राजस्थान का रावणहत्था, बंगाल का श्रीखोल, सरोद, आंध्र का घटम, झारखंड का सितार, गुजरात का संतार, तमिलनाडु का नागस्वरम,तविल, मृदंग और उत्तराखंड का हुड़का, ऐसे वाद्ययंत्रों का वादन करने वाले अच्छे से अच्छे वादकों का चयन किया गया है. ये वादन उस समय होगा, जब प्राण प्रतिष्ठा का मंत्रोच्चार और देश के नेतृत्व का उद्बोधन न हो रहा हो. ऐसे श्रेष्ठ लोग यहां खुद की प्रेरणा से आ रहे हैं.
100 मंचों पर 2500 कलाकार देंगे प्रस्तुति
इसके साथ ही 22 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुख्य यजमान होंगे. उनके स्वागत को लेकर संस्कृति विभाग ने खास तैयारी कर ली है. संस्कृति विभाग की ओर से 100 मंच सजाए जाएंगे जहां पर 2500 लोक कलाकार मंच की शोभा बढ़ाएंगे. यहां नृत्य-गायन और वादन के जरिये त्रेतायुग जैसा माहौल बनाने की कोशिश की जाएगी. एयरपोर्ट से लेकर जगह-जगह 100 मंचों पर कार्यक्रम होगा. यह समझ लें कि पूरे उत्तर प्रदेश की तस्वीर दिखाई देगी.
डमरू वादन के लिए वाराणसी के मोहित चौरसिया, राजेश उपाध्याय, दीपक शर्मा, डमरू वादन से जहां रामनगरी में काशी की महिमा के जरिए प्रधानमंत्री का स्वागत करेंगे. अयोध्या के राजीव लोचन मिश्र, शंख वादन से अतिथि देवो भवः की परंपरा का साक्षात्कार कराएंगे. गाजीपुर के सल्टू राम, संजय कुमार, आजमगढ़ के सुनील कुमार, मुन्ना लाल मंचों पर धोबिया लोकनृत्य की बहार बहाएंगे, गोरखपुर के छेदी यादव, रामज्ञान, विंध्याचल आजाद फरुआही नृत्य से माटी की खुशबू बिखरेंगे तो गोरखपुर की ही सुगम सिंह शेखावत व राकेश कुमार टीम के साथ वनटांगिया जनजातीय लोकनृत्य का दीदार कराएंगी.
लखनऊ की जूही कुमारी अवधी, मानसी विष्ट उत्तरांचल के नृत्य से अभ्यागतों का स्वागत करेंगे, मथुरा के खजान सिंह व महिपाल बम रसिया तो राजेश शर्मा-मणिका, माधव आचार्य, गीतकृष्ण शर्मा मयूर लोकनृत्य से बृज की खुशबू से अवध को महकाएंगे. झांसी के प्रदीप सिंह भदौरिया की टीम राई लोकनृत्य प्रस्तुत करेगी. सोनभद्र के कतवारू मादल वादन तो महेंदर् कर्मा आदिवासी नृत्य पेश करेंगे.