Somvati Amavasya Kab Hai 2024: सोमवती अमावस्या कब है? किस दिन करनी है पीपल की परिक्रमा, दो दिन है शुभ मुहूर्त
Somvati Amavasya 2024 Kab Hai
Somvati Amavasya Kab Hai 2024: सोमवती अमावस्या को लेकर महिलाओं में कंफ्यूजन बना हुआ है. इसबार 2 और 3 सितंबर को अमावस्या तिथि पड़ हैं. लेकिन सौभाग्यवती स्त्रियां किस दिन व्रत और पीपल की परिक्रमा करेंगी इसका भ्रम बना हुआ है.जानिए पंडित ईश्वर दीक्षित ने क्या बताया है
Somvati Amavasya Kab 2024: हिंदू धर्म में भाद्रपद माह की अमावस्या का विशेष महत्व है. इसे भादो अमावस्या या भदई अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन पवित्र नदियों में स्नान और दान का विशेष महत्व है. शास्त्रों के अनुसार दिन इस दिन तर्पण और दान करने से पितर प्रसन्न होते हैं.
भाद्रपद माह की अमावस्या (Bhadai Amavasya) यदि सोमवार के दिन होती है तो इसे सोमवती अमावस्या या सोमबारी कहते हैं. इस दिन महिलाएं व्रत और दान करते हुए पीपल के वृक्ष परिक्रमा या फेरी करती हैं. इसबार अमावस्या तिथि 2 और 3 सितंबर को होने की वजह से महिलाओं में भ्रम बना हुआ है कि किस दिन परिक्रमा करनी है. जानिए पंडित ईश्वर दीक्षित ने इसको लेकर क्या बताया है.
अमावस्या में किस दिन महिलाएं करेंगी पीपल की परिक्रमा
भाद्र पद मास की अमावस्या तिथि इस बार दो दिन है सोमवार यानि कि 2 सिंसबर और मंगलवार 3 सितंबर को है. ज्योतिष्चार्य पंडित ईश्वर दीक्षित ने जानकारी देते हुए बताया कि अमावस्या तिथि दो दिन है लेकिन सोमवार को पड़ने की वजह से ही इसे सोमवती अमावस्या (Somvati Amavasya) कहा जाता है.
उन्होंने कहा कि ऋषिकेश पंचांग के अनुसार महिलाएं 2 सितंबर यानी सोमवार को ही व्रत दान और पीपल की परिक्रमा करेंगी जो अति शुभ बताया गया है. पंडित ईश्वर दीक्षित कहते हैं कि 3 सितंबर को पड़ने वाली अनावस्या को भौमवती अमावस्या (Bhaumvati Amavasya) कहा जाएगा इस दिन पवित्र नदियों में स्नान और दान किया जाएगा लेकिन महिलाओं के लिए सोमवार की अमावस्या ही शुभ मानी जाएगी.
जानिए भाद्रपद मास की अमावस्या का शुभ मुहूर्त
भाद्रपद मास की अमावस्या द्रिक पंचांग के अनुसार के 02 सितंबर 2024 को सुबह 05: 21 पर इसका इसका उदय होगा और इसका समापन 03 सितंबर को सुबह 07 बजकर 54 मिनट पर हो जाएगा. मंगलवार को अमावस्या तिथि पहुंचने से एक शुभ संयोग बन रहा है लेकिन महिलाओं की पूजा अर्चना और दान सोमवार के दिन ही होगा.
ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक 03 सितंबर को भौमवती अमावस्या है जो पितरों को प्रसन्न करने के लिए विशेष फलदाई है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव के रुद्र अवतार हनुमान जी की पूजा करनी चाहिए और पितरों का श्राद्ध,तर्पण और पिंडदान करने से उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है.
डिस्क्लेमर: यह लेख मान्यताओं पर आधारित है इसके लिए युगान्तर प्रवाह उत्तरदाई नहीं है इसको अपनाने से पहले विशेषज्ञ से सलाह अवश्य कर लें