Navratri2019: मॉ ब्रह्मचारिणी के पूजन मात्र से पूरी होती हैं मनोकामनाएं..जान ले ये विधि।
मां ब्रह्मचारिणी के नाम ब्रह्म का मतलब होता है तपस्या और चारिणी मतलब होता है आचरण करना। मां की उपासना अनंत फल प्रदान करने वाली है। मां का स्मरण करने से तप, त्याग, वैराग्य, सदाचार और संयम में वृद्धि होती है..प़़ढ़ें एक रिपोर्ट..
Navratri 2019: आज नवरात्र का दूसरा दिन है। मां नव दुर्गा के दूसरे रूप मां ब्रह्मचारिणी की पूजा अर्चना की जाती है। ब्रह्म का मतलब होता है तपस्या और चारिणी मतलब होता है आचरण करना। मान्यता के अनुसार, मां ब्रह्मचारिणी ने भगवान शिवको पति के रूप में पाने के लिए कठोर तपस्या की थी। यही वजह है कि उनका नाम ब्रह्मचारिणी पड़ा।
मां ब्रह्मचारिणी के दाएं हाथ में माला है और देवी ने बाएं हाथ में कमंडल धारण किया है।धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जो साधक विधि विधान से देवी के इस स्वरूप की पूजा अर्चना करता है, उसकी कुंडलिनी शक्ति जाग्रत हो जाती है। संन्यासियों के लिए देवी की पूजा विशेष रूप से फलदायी है।आइए जानते हैं नवरात्र के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी को प्रसन्न करने के लिए करें किस मंत्र का जाप और किस तरह करें मां की पूजा अर्चना।
मां ब्रह्मचारिणी की पूजा अर्चना के लिए पढ़ें ये मंत्र:
या देवी सर्वभूतेषु ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।
नवरात्र के दूसरे दिन इस तरह करें मां ब्रह्मचारिणी की पूजा:
नवरात्र के दूसरे दिन भोर में उठकर नित्यकर्म और स्नान के बाद सफेद अथवा पीले रंग का कपड़े धारण करें। इसके बाद पूजा घर की साफ सफाई कर नवरात्र के लिए स्थापित किए गए कलश में मां ब्रह्मचारिणी का आह्वान करें।मां को सफ़ेद रंग की पूजन सामग्री मिश्री, शक्कर या पंचामृत अर्पित करें।घी का दिया जलाकर मां की प्रार्थना करें।दूध, दही, चीनी, घी और शहद का घोल बनाकर मां को स्नान करवाएं।मां की पूजा करें और उन्हें पुष्प, रोली, चन्दन और अक्षत अर्पित करें. इसके बाद बाएं हाथ से आचमन लेकर दाएं हाथ पर लेकर इसके ग्रहण करें. हाथ में सुपारी और पान लेकर संकल्प लें।इसके बाद नवरात्र के लिए स्थापित कलश और मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करें।