Sawan Sampat Shanivaar: संपत शनिवार के दिन शनि की पूजा से बन जाएंगे बिगड़े काम शिव विष्णु और शनि की कृपा बरसेगी.ऐसे करें पूजा
संपत शनिवार सावन विशेष
सावन (sawan) का महीना भगवान शिव की आराधना के लिए विशेष महत्व रखता है.इस महीने में पड़ने वाले शनिवार को संपत शनिवार (Sampat shanivaar) कहा जाता जिसका बहुत ही बड़ा महत्व है.इस दिन शनि देव की पूजा करने से भगवान शिव (Shiv) भगवान विष्णु (Vishnu) के साथ-साथ शनिदेव (Shanidev) की विशेष कृपा मिलती हैं. आइए जानते हैं की श्रावण मास के शनिवार का आख़िर इतना महत्व क्यों हैं? (Importance of Sampat Shanivar in savan Puja Katha worship Upaye Sawan Puja Kab Hai)
हाईलाइट्स
- सावन के शनिवार का विशेष महत्व है इनको संपत शनिवार के नाम से जाना जाता है
- संपत शनिवार में शनि की पूजा करने से शिव और शनि की कृपा मिलती है
- संपत शनिवार में शनि की पूजा से शनि की साढ़ेसाती और महादशा में लाभ मिलता है
Sampat Shanivaar: सावन का महीना भगवान शिव का महीना कहा जाता है.सावन के सोमवार का भी बड़ा महत्व है।पूरे सावन भर शिव मंदिरों में पूजा दर्शन के लिए भारी भीड़ उमड़ती है ख़ासकर सोमवार के दिन विशेष रूप से भगवान शंकर का दर्शन, पूजन औऱ उपासना श्रद्धालुओं द्वारा की जाती है.लेकिन ज्योतिष औऱ अध्यात्म के जानकार बताते हैं कि सोमवार के अलावा सावन के शनिवार भी बहुत महत्व रखते हैं.
इस महीने के शनिवार को संपत शनिवार (Sampat Shanivaar) के रूप में जाना जाता है. इस महीने शनि देव (Shanidev) की पूजा औऱ उपासना करने से भगवान शिव और भगवान विष्णु के साथ-साथ शनिदेव की कृपा बरसने लगती है जिससे सभी तरह की समस्याओं से छुटकारा मिलता है.(Sampat Shanivaar Importance Puja Vidhi Upaye Katha Sawan Puja Kab Hai)
कहते हैं कि सावन का महीना जल तत्व का महीना होता है और इसमें वायु तत्व की कमी हो जाती है.इस वजह से मन, पाचन तंत्र और स्नायु तंत्र की समस्याएं लगातार व्यक्ति को परेशान करती रहती हैं.वायु तत्व और उसके स्वामी शनि को मजबूत करके हम स्वास्थ्य और मन की समस्याओं से मुक्ति पा सकते हैं.
क्या करें औऱ कैसे करें..
सावन के हर शनिवार को उपासना करने से व्यक्ति को अपार धन और संपत्ति की प्राप्ति हो सकती है.इसलिए सावन के हर शनिवार को संपत शनिवार ( Sampat Shanivaar) भी कहते हैं.कहा जाता है कि अगर शनि के लिए केवल सावन में उपासना की जाए तो वर्ष भर शनि की उपासना की जरूरत नहीं पड़ती है.
शनिवार को सायंकाल पीपल के वृक्ष के निकट जाएं वहां पर एक सरसों के तेल का बड़ा सा दीपक जलाएं,पहले शिव जी के मंत्रों का जाप करें,फिर शनिदेव के मंत्रों का जाप करें,इसके बाद किसी निर्धन व्यक्ति को भोजन कराएं या भोजन करने के लिए धन दें,शिव जी और शनिदेव से कृपा करने की प्रार्थना करें।
इसके साथ ही शनिवार की शाम को नीम की लकड़ी पर काले तिल से "ॐ शं शनैश्चराय स्वाहा" मंत्र बोलते हुए 108 बार आहुति देकर हवन करें. हवन के बाद काली चीज़ों का दान करें.(Sampat Shanivaar Importance Puja Vidhi Upaye Katha worship Sawan Puja Kab Hai)