फ़तेहपुर:केंद्रीय राज्यमंत्री के हांथों की कठपुतली बने ज़िले के आला अधिकारी.?.खाद्यान्न दुकान के चुनाव में धांधली।
शुक्रवार को बहुआ विकास खण्ड के लमेहटा गांव में ग्रामीणों ने केंद्रीय राज्यमंत्री व जिले की सांसद साध्वी निरंजन ज्योति के खिलाफ जमकर नारेबाजी की व मुर्दाबाद के नारे लगाए...पढ़े युगान्तर प्रवाह की एक्सक्लुसिव रिपोर्ट...
फतेहपुर: सुशासन का दावा करने वाली भाजपा सरकार में जब उनके मंत्री ही सत्ता की हनक औऱ ठसक के चलते अवैध कामों में लिप्त हो तो फ़िर मौजूदा सरकार का सुशासन का दावा सिर्फ खोखला ही नज़र आता है।
मामला बहुआ विकास खण्ड के लमेहटा गांव का है। जहां शुक्रवार को एक सरकारी प्राथमिक विद्यालय में करीब दो हजार लोग गांव में सरकारी खाद्यान्न दुकान के चुनाव के लिए इकट्ठा हुए थे।सुबह से शाम हो गई लेकिन दूसरा पक्ष औऱ नोडल अधिकारी मौक़े पर पहुंचे ही नहीं। ग्रामीणों ने आरोप लगाते हुए कहा कि मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति द्वारा लगातार अधिकारियों के ऊपर दबाव बनाया जा रहा कि दुकान का चयन आरती निषाद के नाम पर किया जाए जबकि गांव के लोगों का कहना था कि यहां उपस्थित सभी ग्रामवासी शिल्पी शुक्ला के पक्ष में हैं।
युगान्तर प्रवाह से ख़ास बातचीत करते हुए चुनाव सेक्टर प्रभारी समीर शुक्ला ने कहा कि हम सभी लोग समय से उपस्थित थे। चुनाव में केवल एक ही प्रत्याशी शिल्पी शुक्ला ही मौजूद रहीं और सभी आए हुए लोगों ने हाँथ उठाकर उनका समर्थन भी किया साथ ही कार्यवाही रजिस्टर में पूरी प्रक्रिया लिख दी गई है। लेकिन नोडल अधिकारी के न आने की वहज से चुनाव की प्रक्रिया को अभी पूर्ण नहीं माना जा रहा।आखिरी निर्णय सम्बंधित अधिकारी ही लेंगे।
उत्तेजित ग्रामीणों ने लगाया मूर्दाबाद के नारे..
चुनाव की प्रक्रिया में नोडल अधिकारियों के न आने से ग्रामीणों में भारी रोष देखने को मिला। लोगों ने सत्तारूड़ पार्टी के नेताओं पर जिले के आला अधिकारियों पर सत्ता का दबाव बनाने का आरोप लगाया।प्रत्याशी शिल्पी शुक्ला के पति विनोद कुमार शुक्ला ने बताया कि इससे पहले भी यहां चुनाव हो चुका है जिसमें उनकी पत्नी पहले भी प्रत्याशी थीं सभी ग्रामीणों ने उन्हें बहुमत से जीत दिलाई थी लेकिन बिना कोई कारण बताए उस चुनाव को रद्द कर दिया गया।विनोद ने कहा कि जब मैंने अधिकारियों से इस विषय में बात की तो उन्होंने कहा कि सांसद निरंजन ज्योति के दबाव के चलते हम कुछ भी नहीं कर सकते। वहीं ग्रामीण शिवबरन सिंह ने कहा कि आज जब दोबारा चुनाव होना था तब भी नोडल अधिकारी केवल सत्ता के दबाव के चलते यहां नहीं आए।ग्रामीणों का कहना था कि निरंजन ज्योति अपनी जाति विशेष की प्रत्याशी होने के चलते आरती निषाद का चयन गलत तरीके से करने के लिए अधिकारियों के ऊपर दबाव बना रहीं हैं।