West Bengal Brave Boy: रेलवे ट्रैक पर 12 वर्षीय बच्चे ने किया कुछ ऐसा ! दुनिया भर में हो रही उसकी चर्चा
पश्चिम बंगाल के मालदा रेलवे ट्रैक पर एक ऐसा मामला देखने को मिला है, जिसकी चर्चा पूरा देश कर रहा है. दरअसल ट्रेन बड़ी तेजी से ट्रैक पर चली आ रही थी, और कुछ दूर पर ही रेलवे ट्रैक टूटा हुआ था, तभी एक 12 साल के बच्चे की सूझबूझ के चलते एक बड़ा हादसा टल गया, बच्चे ने अपनी लाल कमीज उतारकर ट्रैक पर आ रही ट्रेन के ड्राइवर को दिखाया जिसके बाद चालक ने इमरजेंसी ब्रेक लगा दी. उधर किशोर की बहादुरी और बुद्धिमानी को लेकर देश भर में चर्चाएं हो रही है.
हाईलाइट्स
- पश्चिम बंगाल के मालदा में 12 वर्षीय किशोर की सूझबूझ के चलते टला बड़ा हादसा
- रेलवे ट्रैक टूटा हुआ था, चली आ रही थी तेज रफ्तार से ट्रेन, किशोर ने अपनी लाल कमीज उतारकर ड्राइवर को
- टला बड़ा हादसा, किशोर की सूझबूझ और बहादुरी की हो रही प्रशंसा
The Train was moving on the Malda yard : हमारे देश की अर्थव्यवस्था में सबसे बड़ा योगदान भारतीय रेल का है, जिसमें रोजाना लाखों लोग सफर करने के साथ-साथ करोड़ों रुपए का माल एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचाया जाता है, लेकिन कभी-कभी रेलवे कर्मचारियों की लापरवाही के चलते बड़े हादसे हो जाते हैं, तो कभी कुछ जिम्मेदार रेलवे कर्मचारियों की सूझबूझ से यह हादसे टल भी जाते हैं.
अक्सर आप सभी ने किताबों और कहानियों में किस्से सुने होंगे कि, तेज रफ्तार से आ रही ट्रेन को लोगों ने लाल कपड़ा दिखाकर रोक दिया, एक ऐसा ही वाक्या पश्चिम बंगाल के मालदा में देखने को मिला, जहां एक 12 साल के बच्चे की सूझबूझ के चलते एक बड़ा हादसा टल गया, बच्चे की बहादुरी को लेकर देश भर में चर्चाएं हो रही है.
क्या है पूरा मामला
दरअसल बीते दिनों पश्चिम बंगाल के मालदा के भालुका रोड यार के पास तेजी से एक्सप्रेस ट्रेन चली आ रही थी कि तभी एक 12 वर्षीय लड़के ने देखा कि आगे रेलवे ट्रैक टूटा पड़ा हुआ है, जिसके बाद उस किशोर ने अपनी बुद्धि का परिचय देते हुए पहनी हुई लाल टीशर्ट को उतारा और ट्रेन के सामने लेकर दौड़ने लगा.
उधर ट्रेन अपनी रफ्तार से चलती आ रही थी कि, तभी लोको पायलट की नजर उस बच्चे पर पड़ी लोको पायलट उसे बच्चे के हाथ में लाल टीशर्ट देखकर समझ गया कि, यह उसे रोकने का इशारा है. जिस पर लोको पायलट ने तुरंत ही ट्रेन में इमरजेंसी ब्रेक अप्लाई कर दी. देखते ही ट्रेन की रफ्तार धीमी पड़ गई और ट्रेन रुक गई, जब लोको पायलट को जानकारी हुई कि उस बच्चे ने ऐसा क्यों किया, जो उसने सुना वह भी उसकी बुद्धि की प्रशंसा करने लगा. जिस वजह से एक बड़ा हादसा होने से टल गया.
कौन है यह 12 वर्षीय बहादुर बच्चा
यह 12 वर्षीय लड़का कोई और नहीं बल्कि पास के गांव का ही एक प्रवासी श्रमिक का बेटा है, जिसका नाम मुरसलीन शेख है. बच्चे ने बताया कि, उसने अपनी किताब में पढ़ा था कि, यदि किसी ट्रेन को लाल कपड़ा दिखाया जाए तो रुक जाती है. जब वह सुबह रेलवे ट्रैक के किनारे टहल रहा था, तभी उसने देखा कि, रेलवे ट्रैक टूटा पड़ा हुआ है, जब उसे कुछ समझ में नहीं आया तो उसने किताब में पढ़ी हुई बात को सच साबित कर दिया. तेजी से आ रही ट्रेन के सामने उसने कमीज को लहराना शुरू कर दिया. वहीं उसके इस बहादुरी भरे कम से देश भर में चर्चा भी हो रही है.
रेलवे ने किया सम्मानित
बच्चों की इस बुद्धिमत्ता और बहादुरी के लिए रेलवे अधिकारियों ने बच्चों को बुलाकर उसे प्रमाण पत्र के साथ-साथ नगद पुरस्कार भी दिया है, साथ ही रेलवे के अधिकारियों ने शासन को पत्र लिखकर यह मांग करते हुए कहा है कि, रेलवे की ओर से बच्चों को पुरस्कार के रूप में उसकी पढ़ाई का खर्चा भी रेलवे उठाये ताकि बच्चे का भविष्य उज्ज्वल बन सके.
कैसे टूटा रेलवे ट्रैक
दरअसल बीते कुछ दिनों से रुक-रुक कर हो रही बारिश की वजह से रेलवे ट्रैक किनारे मिट्टी और कंकड़ जमा हो गए थे, जिसकी वजह से पटरियो में जंग लग गई और लगातार वहां से गुजर रही ट्रेनों के दबाव की वजह से रेलवे ट्रैक क्षतिग्रस्त हो गया था, हालांकि इस पूरे मामले में कहीं ना कहीं रेल कर्मचारियों की चूक भी देखी जा रही है, क्योंकि जब ट्रैक क्षतिग्रस्त था, तो किसी ने ध्यान क्यों नहीं दिया, वही इस घटना के बाद अब रेलवे की ओर से ट्रैक को भी सुधारा जा रहा है.