Nanded Hospital Deaths: नांदेड़ के मेडिकल कॉलेज में बीते 48 घंटे में हुई 31 मौतें ! प्रदेश और स्वास्थ्य विभाग में मचा हड़कम्प
Nanded Hospital Deaths: महाराष्ट्र राज्य के नांदेड़ में स्थित एक सरकारी अस्पताल से बड़ा ही हैरान कर देने वाला मामला सामने आ रहा है, जिसे सुनकर आप सभी के होश उड़ जाएंगे. दरअसल इस सरकारी अस्पताल में बीते 48 घंटे में 31 लोगों की मौत हो गई, इसके बाद से स्वास्थ्य विभाग और प्रदेश भर में हड़कंप मचा हुआ है.
हाईलाइट्स
- महाराष्ट्र के नांदेड़ स्थित अस्पताल में पिछले 48 घण्टे में 31 की मौत से हाहाकार
- मौत की वजह स्पष्ट नहीं, स्वास्थ्य विभाग की खामियों पर आरोप
- सांसद के सामने डीन साफ करने लगे टॉयलेट
Panic after 31 deaths hospital in Nanded : प्रदेश कोई भी हो सरकारें आती और चली जाती है और अपने कार्यकाल के दौरान प्रदेशवासियों को मूलभूत सुविधाओं में से एक बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था देने का वायदा भी करती है, प्रदेशवासी बेहतर इलाज मिलने के उद्देश्य से सरकारी अस्पताल पहुँचते है लेकिन सरकारी अस्पतालों की स्थिति दिनबदिन बत से बत्तर होती जा रही है, महाराष्ट्र के नांदेड़ स्थित सरकारी अस्पताल में 48 घण्टों में 31 लोग दम तोड़ चुके है, ऐसे में इतनी बड़ी लापरवाही किसकी है. यह देखने वाली बात होग.
आखिरकार इन मौतों का जिम्मेदार कौन
इस सरकारी अस्पताल में 48 घंटे के भीतर 31 मरीजों की मौत हो गई है, सोमवार को इस अस्पताल में 12 नवजातों समेत 24 की मौत हो गई थी एक साथ हुई इतनी मौतों के बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा हुआ है, तो वही अस्पताल में भर्ती 71 मरीजों की हालत भी नाजुक बताई जा रही है, ऐसे में अस्पताल में भर्ती बाकी मरीज भी घबरा रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ इस घटना के बाद विपक्ष भी सत्ताधारी पार्टी पर हावी हो गया है, आपको बता दे की सत्ताधारी गठबंधन में बीजेपी शिवसेना और एनसीपी विपक्ष पर हमलावर है.
सांसद ने अस्पताल का किया निरीक्षण
वही इस घटना के बाद एनसीपी नेता और सांसद जयंत पाटील सरकारी अस्पताल का निरीक्षण करने पहुंचे. इस दौरान उन्होंने अस्पताल के चप्पे-चप्पे का जायजा लिया, साथ ही अस्पताल में फैली गंदगी को लेकर अस्पताल स्टाफ की जमकर क्लास भी लगाई, यही नहीं अस्पताल के टॉयलेट में फैली गंदगी को देख नेताजी भड़क गए और उन्होंने अस्पताल के डीन श्याम राव वाकोडे को बुलाकर डीन के हाथों टॉयलेट को साफ करवाया, इस दौरान सांसद के हाथ में पानी की पाइप थी यानी वे खुद डीन को पानी दे रहे थे और डीन ब्रश व वाइपर से कमोड साफ करते हुए नजर आ रहे थे, जिसका वीडियो भी वायरल हुआ है.
किस वजह से गई मरीजों की जान?
एक साथ हुई इतनी मौतों के बाद अस्पताल प्रशासन भी सवालों के घेरे में है, वहीं अस्पताल में भर्ती मरीज के तीमारदारों ने आरोप लगाते हुए बताया कि अस्पताल में ना तो समय पर इलाज मिल पा रहा है और ना ही यहां पर पर्याप्त मात्रा में दवाइयां है, जिस वजह से यहां पर भर्ती मरीज एक-एक कर दम तोड़ रहे हैं. इसी बीच अस्पताल प्रशासन ने भी सफाई देते हुए कहा है कि इस अस्पताल में केवल 500 बेड की ही व्यवस्था है, लेकिन मरीजों की संख्या बढ़कर 1200 हो गई है और पर्याप्त मात्रा में स्टाफ भी नहीं है, साथ ही 70 से 80 किलोमीटर की दूरी पर कोई और अस्पताल भी नहीं है जिस वजह से मरीजों को रेफर करने में काफी समस्या होती है.
एक साथ इतनी मौतों का होना कोई मामूली बात नहीं है, ऐसे में सरकार को इस और कठोर कदम उठाने की आवश्यकता है, क्योंकि स्वास्थ्य सेवाएं प्रदेशवासियों को मिलने वाली मूलभूत सुविधाओं में से एक हैं, ऐसे में यदि विपक्ष भी सत्ताधारी पक्ष के ऊपर सवाल ना उठाते हुए इन समस्याओं के प्रति सजग हो जाए तो शायद प्रदेश की स्थिति बदल सकती है.