लॉकडाउन-2:जब देश का प्रधानमंत्री सुबह उठाकर प्लान की बजाय भाषण देता है तो ये स्थिति तो पैदा होना ही थी-कांग्रेस..!
मुंबई के बाँद्रा रेलवे स्टेशन में प्रवासी मजदूरों की भारी भीड़ इकठ्ठा हो गई।यहाँ लॉकडाउन सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियाँ उड़ गईं..पढ़े युगान्तर प्रवाह की एक रिपोर्ट।
डेस्क:पीएम मोदी ने मंगलवार को ही लॉकडाउन बढ़ाने का फ़ैसला किया।और उसी शाम होते होते मुंबई के बांद्रा रेलवे स्टेशन पर लॉकडाउन की धज्जियां उड़ गईं।
जानकारी के अनुसार बांद्रा रेलवे स्टेशन पर मजदूरों की भारी भीड़ इकठ्ठा है।पुलिस का बर्बरता पूर्ण चेहरा भी सामने आया है।पुलिस ने इकट्ठा हुए भीड़ को तितर बितर करने के लिए लाठी भी भांजी हैं।कई मजदूरों के चोटिल होने की खबर है।
बताया जा रहा है इस भीड़ में ज्यादातर लोग यूपी और बिहार के हैं।जो लॉकडाउन के चलते वहाँ फंसे हुए हैं।मजदूरों को उम्मीद थी कि शायद अब लॉकडाउन में कुछ ढील हो और वह सभी अपने अपने घरों को जा सकें।लेकिन जब लॉकडाउन बढ़ने की घोषणा हुई तो मजदूरों का सब्र टूट गया।और वह घर जाने की ज़िद में सड़को में निकल आए।massive crowd of migrant workers gathered at bandra railway station
इस मामले में अब राजनीति शुरू हो गई है।भीड़ के लिए भाजपा की तरफ़ से प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि महाराष्ट्र की उद्धव सरकार मजदूरों को खाने रहने का इंतजाम नहीं कर पा रही है।
वहीं इस पर शिवसेना की तरफ़ से आदित्य ठाकरे ने ट्वीट करते हुए कहा कि "बांद्रा स्टेशन की मौजूदा स्थिति, जो अब छितरी हुई है या यहां तक कि सूरत में दंगा भी हो रहा है, संघ सरकार द्वारा प्रवासी श्रमिकों के लिए घर वापस जाने के रास्ते की व्यवस्था करने में सक्षम नहीं होने का एक परिणाम है। वे भोजन या आश्रय नहीं चाहते, वे घर वापस जाना चाहते हैं।"
इस पर कांग्रेस का भी रिएक्शन आया है।यूपी कांग्रेस के हैंडल से किए गए ट्वीट में कहा गया है कि-"जब देश का प्रधानमंत्री सुबह उठाकर प्लान की बजाय भाषण देता है तो ये स्थिति तो पैदा होना ही थी।पहले दिल्ली और अब मुंबई।उस एक दिन पहले ही भाषण देकर पल्ला झाड़ लिया था। आज भी केवल भाषण।कोई प्लान नहीं।कोई राहत के शब्द नहीं।कोई मदद की रूपरेखा नहीं।"