गोवा की राजनीति का सूर्य अस्त!..नहीं रहे मनोहर।
ईमानदार छवि व सादगी पूर्ण जीवन जीने वाले गोवा के मुख्यमंत्री व देश के रक्षा मंत्री रहे मनोहर पर्रिकर ने रविवार देर शाम अपने जीवनकाल की अंतिम सांस ली..पढ़े युगान्तर प्रवाह की एक रिपोर्ट।
मनोहर पर्रिकर जैसे नेता भारतीय राजनीति के वो शख्स थे जिनकी सादगी पूर्ण जीवन शैली लोगों को ख़ासा प्रभावित करती थी।
गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर का 63 वर्ष की आयु में रविवार को निधन हो गया।पर्रिकर पिछले एक साल से अग्नाशय के कैंसर से पीड़ित थे।उनका इलाज अमरीका के साथ-साथ नई दिल्ली स्थित एम्स और मुंबई के एक निजी अस्पताल में इलाज हो रहा था।
चौथी बार बने थे गोवा के मुख्यमंत्री...
बीते 2014 के लोकसभा चुनाव में एनडीए को मिली जीत के बाद मोदी ने पर्रिकर को गोवा से दिल्ली बुला लिया था और उन्हें रक्षा मंत्री जैसा महत्वपूर्ण मंत्रालय अपने कैबिनेट में दिया।लेक़िन मनोहर के साथ काम करने वाले लोग बताते हैं कि गोवा छोड़ने के बाद पर्रिकर का दिल्ली में ज्यादा मन नहीं लगा और वह अक्सर गोवा से दूर होने का दुःख सबके बीच कह देते थे।
इसी के चलते जब गोवा में विधानसभा के चुनाव हुए और भाजपा वहाँ सबसे बड़ी पार्टी के रूप में सीटें जीतकर आई तो मनोहर रक्षा मंत्री के पद से इस्तीफा दे वापस दिल्ली से गोवा चले गए और 14 मार्च 2017 को चौथी बार गोवा के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली।
इससे पहले वो 2000 से 2002, 2002 से 2005 और 2012 से 2014 में भी गोवा के मुख्यमंत्री रहे।
2014 से 2017 तक भारत के रक्षा मंत्री के कार्यकाल के दौरान वो उत्तर प्रदेश से राज्य सभा के सांसद थे।
पर्रिकर का जन्म गोवा की राजधानी पणजी से क़रीब 13 किलोमीटर दूर मापुसा में 13 दिसंबर 1955 को हुआ था।
उन्होंने मडगांव के लोयला हाई स्कूल से पढ़ाई की और आईआईटी मुंबई से 1978 में मेटलर्जिकल इंजीनियरिंग में स्नातक की पढ़ाई पूरी की।
वो किसी भी भारतीय राज्य के विधायक बनने वाले पहले आईआईटी स्नातक थे।
राष्ट्रपति,प्रधानमंत्री,राहुल गांधी सहित तमाम पक्ष विपक्ष के नेताओ ने ट्वीट कर मनोहर पर्रिकर की मौत पर गहरा शोक व्यक्त किया है।