First Menstruation Celebration : बेटी के फर्स्ट पीरियड आने पर माता-पिता ने Happy Periods Day गाकर कटवाया केक और दी शानदार पार्टी,हर तरफ हो रही चर्चा
उत्तराखंड के उधमसिंह नगर से एक ऐसी खबर सामने आ रही है जो सभी के लिए एक सबक भी है और समाज मे फैली इस भ्रांति को दूर करने की जरूरत है. यहां एक दम्पति ने अपनी बेटी की पहले पीरियड (मासिकधर्म) आने पर बढ़िया तरह से पार्टी दी और केक भी कटवाया.दम्पति की इस सोच की हर कोई तारीफ कर रहा है.
हाईलाइट्स
- उत्तराखंड में रहने वाले दम्पति ने बेटी के पहले मासिकधर्म आने पर दी पार्टी,मनाया उत्सव
- दम्पति के इस कार्य की हर तरफ़ हो रही चर्चा,आ रहे कई रियेक्शन
- समाज मे फैली मासिक धर्म को लेकर भ्रांतियां को दूर करने का एक मकसद,यह ख़ुशी का दिन
Celebration daughter's first menstruation : बर्थडे,एनिवर्सरी,में केक काटना और पार्टियां देना आम बात है..हर कोई करता है.उत्तराखंड के एक दम्पति ने बेटी के इस खास मौके पर केक काटा और बड़ी पार्टी भी दी. अब आप सोच रहे होंगे जाहिर है ,बर्थडे होगा तो केक तो कटेगा ही.जी नहीं न तो इनकी बेटी का जन्मदिन था. न ही कोई एनिवर्सरी फिर भी केक कटवाया और हर तरफ इनकी तारीफ हो रही है.अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर बिना किसी वजह के केक क्यों कटवाया गया,चलिए आपको बताते हैं..
बेटी के पहली बार मासिक धर्म आने पर माता-पिता ने इसे उत्सव के रूप में मनाया
दरअसल उत्तराखंड के उधमसिंह नगर के रहने वाले दम्पति ने बेटी के पहली दफा पीरियड (मासिक धर्म) आने पर खुशी जताते हुए happy periods day गाकर केक कटवाया और पार्टी दी.उनके इस कार्य की हर तरफ चर्चा है.यहां काशीपुर के जितेंद्र भट्ट ने बेटी के पहली बार मासिक धर्म आने पर इसे उत्सव की तरह मनाया. बेटी के पहले पीरियड पर घर को सजाया गया,गेस्ट्स को आमंत्रित किया गया फिर बेटी ने केक काटा.
समाज में मासिक धर्म को लेकर फैली भ्रांतियों को लेकर किया ऐसा
जितेंद्र ने ऐसा इसलिए किया कि समाज में मासिक धर्म को लेकर जो भ्रांतियां फैली हुई हैं, कि पीरियड्स आने पर शुद्धता नहीं रहती, न पूजन कर सकती, न ही किचन में जा सकती है ,न ही किसी चीज़ को छू सकती है.यह मासिक धर्म भी शरीर का ही हिस्सा है.इसलिए जब मेरी बेटी का पहली दफा पीरियड आया तो हमने इसे जश्न के रूप में मनाया.यह कोई छुआछूत और बीमारी नहीं है.
इस कार्य की हो रही दम्पति की तारीफ
जितेंद्र के इस कार्य की यूजर्स व अन्य लोग तारीफ और सराहना कर रहे हैं. कोई कह रहा है कि यह एक सकारात्मक सोच का परिणाम है.कोई कह रहा कि ऐसी सोच की आवश्यकता है.वहीं किसी ने यह भी कहा कि ऐसे ओपन नहीं करना चाहिए.