कोरोना का ख़तरा:क्या टोटकों से भागेगा कोरोना..शहर से लेकर गाँवो तक फ़ैली हुईं हैं ये अफवाहें..!
कोरोना वायरस के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए लोग दहशत में हैं।लेक़िन इन सबके बीच शहर से लेकर गाँवो तक कई तरह के टोटकों और अंधविश्वासो को हवा दी जा रही है..पढ़े युगान्तर प्रवाह की एक रिपोर्ट।
डेस्क:दुनियां के 168 से ज़्यादा देश कोरोना वायरस की चपेट में हैं।भारत में भी कोरोना के मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है।केंद्र सरकार के साथ साथ प्रदेशों की सरकारें भी कोरोना वायरस के प्रभाव को ख़त्म करने के लिए रात दिन एक किए हुए हैं। (these rumors corona virus)
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मेडिकल में कोरोना की वैक्सीन बनाने के लिए रिसर्च चल रहीं हैं।लेक़िन यहाँ तेज़ी से अफवाहें भी खूब फ़ैल रहीं हैं।
पहली अफवाह:रविवार शाम उत्तर प्रदेश के कई जिलों में यह अफवाह फैली कि रामचरित्र मानस(रामायण) के अंदर अचानक से एकाएक बाल(शरीर में होने वाले बाल) मिल रहे हैं।कई लोग फोन से एक दूसरे को सूचना देने लगे।कुछ लोग सोशल मीडिया में रामायण में बाल मिलने की फ़ोटो डालने लगे।
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कई जानकरों का कहना है कि रामायण या कोई भी ऐसी मोटी किताब जो लगातार पढ़ी जाती हो, चलन में हो उसमें बाल के एक आधे छोटे टुकड़े, कण मिलना साधारण बात है।क्योंकि पढ़ते वक़्त कई बार हाँथ, सिर या शरीर के बाल गिरकर किताबों के बीच में चिपक जाते हैं।
जानकारों के इस तर्क को पुख़्ता करने के ठोस कारण भी हैं।क्योंकि बाल उन्ही रामायणों में मिले हैं जो चलन में हैं।नई रामायण या जो रामायण घरों में केवल रखी हुईं और ज्यादा पढ़ने में प्रयोग नहीं हुईं उनमें बाल मिलने की सूचना नहीं है।
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दूसरी अफवाह:कुछ इलाकों में यह सूचना तेज़ी से फैल रही है।महिलाएं कुओं के अंदर बाल्टी से भरकर भरकर के पानी डालें।जिससे उनके बच्चों की कोरोना महामारी से रक्षा हो सके।यह अफवाह कई इलाकों में फैली हुई है जिसके चलते सोमवार सुबह से कई इलाकों में महिलाएं कुओं के अंदर पानी डाल रहीं हैं।
तीसरी अफवाह:इसी तरह एक अफवाह पिछले दो दिनों से चल रही है।कि सभी लोग अपने अपने घरों के बाहर घी या तेल का दीपक जलाएं जिससे कोरोना रूपी शैतान से बचा जा सके।
चौथी अफवाह:बीती रात उत्तर प्रदेश समेत देश के कई हिस्सों में यह अफवाह उड़ी कि आज रात सोएं नहीं अन्यथा पत्थर के हो जाएंगे।
इसी तरह की अफवाहें लगातार पूरे समाज मे फैल रहीं हैं।और सबसे खास बात तो यह है कि इन अफवाहों को गाँवो में ही नहीं अच्छे खासे पढें लिखे शहरी भी सही मान रहें हैं।और अफवाहों में जो करने के लिए कहा जा रहा है कर रहें हैं।
युगान्तर प्रवाह अपने सभी पाठकों से यह अपील करता है कि ऐसी किसी भी प्रकार की अफवाहों को हवा न दे।और न ही उन अफवाहों का पालन करें।कोरोना वायरस का इलाज केवल सावधानी है।कोशिश करें घरों में रहें।बिना काम घरों से बाहर न निकलें।साफ़ सफाई का ध्यान रखें।एक दूसरे से दूरी बनाएं रखें।भीड़ में जाने से बचें और ख़ुद भी भीड़ न लगाएं।सबसे ख़ास बात घबराएं नहीं।कोरोना एक संक्रमित वायरस है और कुछ नहीं।भारत में अब तक कोरोना वायरस से जितने संक्रमित मरीज़ मिले हैं।उनमें से कई मरीज़ ठीक भी हो रहे हैं।