नई दिल्ली:विपक्ष के जोरदार हंगामे के बीच लोकसभा में पेश हुए नागरिकता संशोधन बिल में आख़िर क्या है..?
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को लोकसभा में नागरिकता संशोधन बिल पेश किया.पढ़े युगान्तर प्रवाह की एक रिपोर्ट।
नई दिल्ली:सोमवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में नागरिकता संशोधन बिल पेश किया।जिस वक्त यह बिल लोकसभा में पेश हुआ तो कांग्रेस, टीएमसी समेत कई विपक्षी दलों ने जोरदार हंगामा किया।
कांग्रेस, टीएमसी समेत कई विपक्षी पार्टियों ने नागरिकता संशोधन बिल का विरोध किया और इसे संविधान के खिलाफ बताया।इसी विरोध के बाद बिल को पेश करने के लिए लोकसभा में मतदान कराना पड़ा, नागरिकता संशोधन बिल पेश करने के पक्ष में 293 और पेश करने के विरोध में 82 वोट पड़े।सोमवार को सदन में कुल मतदान 375 हुआ था।हालांकि इस बिल पर शिवसेना ने सरकार का समर्थन किया।
नए बिल के तहत पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश से आए हिंदू, जैन, बौद्ध, ईसाई, सिख शरणार्थियों को नागरिकता मिलने में आसानी होगी।इसके अलावा अब भारत की नागरिकता पाने के लिए 11 साल नहीं बल्कि 6 साल तक देश में रहना अनिवार्य होगा।विपक्ष इस बिल को गैर संविधानिक बता रहा और मुस्लिम विरोधी करार दे रहा है।