Red Fort History: कहानी उस क़िले की जिस पर हर साल पीएम फहराते हैं तिरंगा कैसे बनी यह परम्परा!

देश 75 वें स्वतंत्रता दिवस का जश्न मना रहा है। आज़ादी की वर्षगांठ पर लाल क़िले का ज़िक्र भी होता है। क्योंकि इसी लाल क़िले की प्राचीन पर हर साल देश के प्रधानमंत्री भारत का ध्वज ( तिरंगा ) फ़हराते हैं, आज आज़ादी के इस मौक़े पर जानते हैं लाल क़िले के इतिहास से जुड़ी जानकारी.Red Fort History Lal Kile ka itihaas Lal Kile ki News Red Fort History in hindi

Red Fort History: कहानी उस क़िले की जिस पर हर साल पीएम फहराते हैं तिरंगा कैसे बनी यह परम्परा!
लाल किला Red Fort फ़ोटो साभार-गूगल

Red Fort History In Hindi: आज देश में स्वतंत्रता दिवस की धूम है। हर तरफ़ देश भक्ती का माहौल है। स्वतंत्रता दिवस के दिन दिल्ली स्थित लाल क़िले (Red Fort) की भी चर्चा ख़ूब होती है। क्योंकि इसी क़िले पर हर साल देश के प्रधानमंत्री भारत का राष्ट्रीय ध्वज ( तिरंगा ) फ़हराते हैं औऱ वहीं से देश की जनता को सम्बोधित करते हैं। आज़ाद भारत में पहली बार 15 अगस्त 1947 को देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने भी लाल क़िले पर ही झंडा फहराया था तभी से यह परंपरा बन गई।Lal Qila History In Hindi

लाल क़िले का इतिहास.. Red Fort History In Hindi

मुगल शासक शाहजहाँ ने 1638 में अपनी राजधानी आगरा को स्थान्तरित कर दिल्ली करने का विचार किया था। जिसके बाद दिल्ली में लाल किले का निर्माण कार्य शुरू किया गया।शाहजहाँ का पसंदीदा रंग लाल व् सफ़ेद हुआ करता था, इसलिए इसके पत्थर का चुनाव लाल रंग का हुआ।इसे उस समय के वास्तुकार उस्ताद अहमद लाहौरी ने डिजाईन किया था। La qile ka itihaas 

किले को बनने में 10 साल का समय लगा, यह 1648 में पूरा हुआ।शीश महल मुख्य किले के उत्तरी व् दक्षिणी में स्थित है।यहाँ एक खास महल भी बनाया गया है, जो राजा का निजी कक्ष हुआ करता था, यहाँ वे सोते या आराधना किया करते थे।किले के निर्माण में मुख्य रूप से इज्जत खान, अलीवर्दी खान, मुकर्मत खान का हाथ था।इन्हीं की देखरेख में किले का काम पूरा हुआ था।मुकर्मत खान शाहजहाँ के बहुत खास थे, जब किला का काम पूरा हो गया तब वे दिल्ली में नहीं थे, बल्कि सल्तनत के काम के सिलसिले में काबुल गए हुए थे।मुकर्मत खान से शाहजहाँ को ख़त लिखकर बताया कि उनका महल बन कर तैयार है। Lal qila history in Hindi

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18वी सदी आते आते मुग़ल साम्राज्य का पतन हो गया।औरंगजेब ने अपने शासन में लाल किले में मोती मस्जिद का निर्माण भी करवाया। औरंगजेब के सत्ता से हटने के बाद लाल किला 30 सालों तक, अपने शासक के इंतजार में लावारिस सा पड़ा रहा।1712 में जहंदर शाह को यहाँ का शासक बनाया गया।कुछ ही साल में इनको मार कर फर्रुखसियर राजा बन गया।फर्रुखसियर ने यहाँ बहुत लूट मचाई, चांदी से जड़ी उपरी दिवार को ताम्बे में बदल दिया गया।1719 में लाल किले में मुहम्मद शाह आ गए। उन्होंने यहाँ 1739 तक राज्य किया, इसके बाद फारसी सम्राट नादिर शाह से वे हार गए, जिससे बाद लाल किले की गद्दी नादिर शाह को मिली।नादिर शाह ने, मुग़ल साम्राज्य को अंदर से खोखला कर दिया था, यहाँ 3 महीने रहने के बाद वो वापस अपनी जगह चला गया।1752 में मराठाओं ने दिल्ली की लड़ाई जीत ली। 1761 में मराठा पानीपत की तीसरी लड़ाई हार गए, जिसके बाद दिल्ली अहमद शाह दुर्रानी की हो गई। Red Fort Fact In Hindi

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1803 में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी से मराठाओं की लड़ाई हुई, जिसमें वे हार गए, और दिल्ली व् लाल किला दोनों पर मराठा का हक नहीं रहा।लड़ाई जितने के बाद ब्रिटिश लोगों ने मुगलों की इस एतेहासिक जगह को अपना घर बना लिया।आखिरी मुग़ल बहादुर शाह ज़फ़र  थे, जो इस किले में रहे थे। Lal Qila News In hindi

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ब्रिटिशों के इस महल में कब्जे के बाद इसे पूरी तरह से बदल दिया गया, दीवाने खास, मोती महल, शीश महल, बगीचा, हरम, फर्नीचर सब कुछ तोड़ दिया गया। ब्रिटिश ने सारी कीमती चीज लूट ली, और उसे अपने गुप्त खजाने में रख दिया, या यूँ कहें यही से भारत को लूटने का उन्होंने काम शूरू कर दिया था।किले के दो तिहाई अंदरूनी भाग तोड़ दिया गया था। 1890-1900 के दौरान ब्रिटिशर लार्ड ने लाल किले के टूटे हिस्से को फिर बनवाने का आदेश दिया था। Lal qila History

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