Sultanpur News: छाती में घुसी लोहे की सरिया लिए घायल 22 किलोमीटर ई रिक्शा चला कर पहुंचा हॉस्पिटल ! डॉक्टर भी हुए हैरान
यूपी (Up) के सुल्तानपुर (Sultanpur) से एक ऐसा मामला सामने आया है जिसे सुनकर आप सभी के होश उड़ जाएंगे, दरअसल यहाँ पर एक ई-रिक्शा चालक की छाती से सरिया आर-पार (Bar Crossed Drivers Chest) हो गई जिससे वह बुरी तरह से घायल हो गया. इसके बावजूद वह ई-रिक्शा चालक अपने घर से तकरीबन 22 किलोमीटर दूर अस्पताल रिक्शा चलाकर पहुँचा जहां पर उसे इस अवस्था मे देखकर हॉस्पिटल प्रशासन भी हैरान रह गया फिलहाल उसकी हालत को देखते हुए बेहतर इलाज के लिए उसे लखनऊ रिफर कर दिया.
छाती के आरपार हुई सरिया हालत थी गंभीर
जानकारी के मुताबिक उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के सुल्तानपुर (Sultanpur) जिले के दुर्गापुर इलाके में रहने वाला मन्नीलाल अपने घर में साफ सफाई कर रहे थे इस दौरान वह मचान से 10 फुट नीचे गिर गए. वहां पर खड़े आकार में खड़ी एक सरिया उनकी छाती के आरपार हो गई. मन्नी लाल बुरी तरह लहूलुहान हालत में घायल होकर इधर-उधर दर्द से तड़पने लगा. ऐसे में उनके घर से हॉस्पिटल करीब 22 किलोमीटर दूर था, अपनी हिम्मत को न टूटने की इच्छा शक्ति लिए वह खुद ई रिक्शा चला कर अस्पताल पहुंचा जहां पर उसकी हालत को देखते हुए डॉक्टर ने उसे लखनऊ के केजीएमयू हॉस्पिटल भेज दिया घंटे हुई सर्जरी के बाद उसे बचा लिया गया.
डॉक्टर के लिए चैलेंजिंग था टास्क
केजीएमयू के डॉक्टरो (Kgmu Doctors) ने बताया कि घायल अवस्था में अस्पताल पहुंचे. मन्नीलाल की हालत काफी खराब थी साथ ही यह उनके लिए एक चैलेंजिंग भी था, क्योंकि सरिया उनके छाती के आरपार हो गई थी लेकिन इसमें एक चौका देने वाली बात यह भी है कि वह खुद ई रिक्शा चला कर अस्पताल पहुंचे थे डॉक्टरो ने काफी कड़ी मशक्कत के बाद उनका सफल ऑपरेशन किया. फिलहाल वह अब खतरे से बाहर हैं कुछ दिन हॉस्पिटल में रहने के बाद उन्हें छुट्टी भी दे दी जाएगी लेकिन कहीं ना कहीं डॉक्टर की टीम उनके जज्बे को भी सलाम कर रही है क्योंकि इतनी बड़ी इंजरी होने के बावजूद उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और इलाज करवाने के लिए खुद अस्पताल पहुंचे थे.
4 घंटे तक चला ऑपरेशन
घायल मन्नीला का जब चेकअप किया गया तो यह पाया गया कि उनकी छाती में घुसी हुई सरिया दिल को छेदते हुए पार हो गई है जिस वजह से उनके लंग्स में भी चोटें आई हैं इसलिए उन्हें हॉट गन मशीन में रखा गया जहां पर उन्हें बेहोश करके डॉक्टरों की टीम के द्वारा लगातार परीक्षण किया गया जिससे उनका दिल भी धड़कता रहा और उनकी सांस भी चलती रही करीब 4 घंटे की मशक्कत के बाद यह सर्जरी कामयाब रही और जो उनके फेफड़े और दिल में चोटें आई थी डॉक्टर के लिए यह टास्क काफी चुनौतीपूर्ण था हालांकि यह ऑपरेशन सक्सेसफुल रहा अब वह खतरे से बाहर है.