Pcs Topper Nidhi Shukla Success Story: पिता के सपने को बेटी ने अफसर बन किया पूरा ! जानिए कौन हैं निधि शुक्ला? जो बन गयी अफसर बिटिया
UPPSC PCS Nidhi Shukla
UPPSC 2023 परीक्षा का परिणाम घोषित हो चुका है. रामनगरी अयोध्या (Ayodhya) की निधि शुक्ला (Nidhi Shukla) ने अपने स्वर्गीय पिता के सपने को पूरा कर जिले का नाम रोशन किया है. पीसीएस परीक्षा की टॉप-10 सूची में निधि ने प्रदेश में आठवां स्थान प्राप्त हुआ है.
रामनगरी से निधि शुक्ला ने बढ़ाया मान, बनीं एसडीएम
यूपीपीएससी 2023 की परीक्षा का परिणाम जारी कर दिया है. प्रदेश के जो टॉप-10 अभ्यर्थी हैं, उनमें अयोध्या (Ayodhya) की निधि शुक्ला (Nidhi Shukla) भी शामिल है. जिन्हें प्रदेश में 8वीं रैंक प्राप्त हुई है. निधि की इस सफलता (Success) के पीछे उनके स्वर्गीय पिता का आशीर्वाद और माता की प्रेरणा है. निधि को यह मुकाम दूसरे प्रयास में मिल गया. उनका कहना है कि अंत समय तक अपने लक्ष्य के लिए लड़ते रहिए, हताश न होइए मंजिल जरूर मिलेगी.
कौन हैं निधि शुक्ला?
अयोध्या (Ayodhya) की निधि शुक्ला (Nidhi Shukla) पीसीएस 2023 परीक्षा (Pcs Exam 2023) में प्रदेश में 8वीं रैंक मिली, जबकि छात्रा वर्ग में दूसरी रैंक है. निधि जब कक्षा 10 में पढ़ती थी तब उनके सिर से पिता का साया छिन गया था. पिता संतोष शुक्ला छतीसगढ़ के कोरिया में आदिवासी जनजाति विभाग में कार्यरत थे. उनके निधन के बाद सभी अयोध्या लौट आये. निधि तीन बहनों में सबसे छोटी हैं. हाईस्कूल छतीसगढ़ से किया, फिर इंटर वापस आकर अनिल सरस्वती विद्या मंदिर से किया. फिर आगे स्नातक और परास्नातक भी किया.
पहले प्रयास में इंटरव्यू तक, दूसरे प्रयास में हुई सफ़ल
पिता का सपना था कि बेटी अफसर बने. निधि ने यूपीपीएससी की तैयारी करना शुरू कर दिया पहले एक साल प्रयागराज, फिर दिल्ली में तैयारी (Prepration Delhi) की. साल 2021 में पहला प्रयास किया इंटरव्यू तक पहुंची लेकिन कामयाबी नहीं मिली. फिर अगली दफा पीसीएस 2023 परीक्षा में बैठी. अबकी दफा उसने आख़िर परचम लहरा दिया. दूसरे प्रयास में निधि पीसीएस अफसर बन (Got Pcs Officer) गयी. यही नहीं प्रदेश में उसकी 8वीं रैंक (Eighth Rank) आयी है.
पिता के सपने को साकार किया
निधि के एसडीएम (Sdm) बनने की खबर लगते ही जिले के लोगों, रिश्तेदारों में बधाई देने वालो का तांता लग गया. माँ मनोरमा शुक्ला बेटी की इस उपलब्धि पर बेहद खुश हैं उनका कहना है बेटी ने अपने पिता के सपने को साकार कर दिया. यह उसकी कड़ी मेहनत का नतीजा है. निधि ने अपनी इस सफलता (Success) का श्रेय पूरे परिवार को दिया है. खासतौर पर अपने स्वर्गीय पिता को दिया. निधि का कहना है कि यह उनका आशीर्वाद था कि मुझे यह मुकाम मिल सका. सबको संदेश भी दिया कि जीवन में अगर अंत में भी असफलता मिले तो निराश न होना, बल्कि आगे बढ़ते रहिए.