
Kanpur News: कानपुर से पकड़ा गया ISI का एजेंट ! ऐसे दे रहा था महिला को जानकारी, ATS की जांच में हो सकते हैं बड़े खुलासे
Kanpur News In Hindi
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के कानपुर (Kanpur) ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में काम करने वाले एक कर्मचारी को यूपी एटीएस (UP ATS) ने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी (ISI) से जुड़े होने के चलते गिरफ्तार कर लिया.

Kanpur News: उत्तर प्रदेश एटीएस (ATS) ने एक बड़े जासूसी नेटवर्क का पर्दाफाश किया है, जिसमें ऑर्डिनेंस फैक्ट्री, हजरतपुर (फिरोजाबाद) और ऑर्डिनेंस फैक्ट्री, कानपुर के कर्मचारी शामिल पाए गए हैं. बताया जा रहा है कि ये कर्मचारी पैसों के लालच में भारतीय रक्षा प्रतिष्ठानों से जुड़ी संवेदनशील और गोपनीय जानकारियां पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी (ISI) को लीक कर रहे थे.

कैसे हुआ जासूसी नेटवर्क का खुलासा?
उत्तर प्रदेश एटीएस (UP ATS) को गुप्त सूचना मिली थी कि ऑर्डिनेंस फैक्ट्री, हजरतपुर (फिरोजाबाद) में कार्यरत रविंद्र कुमार, एक कथित पाकिस्तानी महिला एजेंट के संपर्क में था. जांच में सामने आया कि वह संवेदनशील रक्षा दस्तावेज और ऑर्डिनेंस फैक्ट्री की गोपनीय जानकारियां ऑनलाइन माध्यम से साझा कर रहा था.
इसी दौरान, एटीएस को यह भी पता चला कि ऑर्डिनेंस फैक्ट्री, कानपुर (Kanpur) में जूनियर वर्क्स मैनेजर के पद पर तैनात कुमार विकास पुत्र अशोक कुमार निवासी थाना सट्टी, जनपद कानपुर देहात (Kanpur Dehat) भी इसी जासूसी रैकेट का हिस्सा है.
जब इसकी जांच की गई तो विकास भी इसमें संलिप्त पाया गया. एटीएस ने कुमार विकास को गिरफ्तार कर लिया. जांच में यह भी सामने आया कि दोनों आरोपियों ने यह जानकारी एक कथित पाकिस्तानी महिला एजेंट को दी, जिसने खुद को भारत हैवी इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BHEL) की कर्मचारी बताया था.
सोशल मीडिया और गेमिंग ऐप के जरिए हुआ संपर्क
एटीएस (UP ATS) जांच में खुलासा हुआ कि जनवरी 2025 में कुमार विकास की फेसबुक पर एक महिला से दोस्ती हुई, जिसने खुद को BHEL की इंजीनियर बताया. धीरे-धीरे दोनों के बीच व्हाट्सएप पर बातचीत शुरू हुई और फिर संवेदनशील जानकारियों का आदान-प्रदान होने लगा.
लेकिन सबसे हैरान करने वाली बात यह थी कि आरोपी ने व्हाट्सएप के अलावा लूडो गेमिंग ऐप का भी इस्तेमाल किया, जिससे सुरक्षा एजेंसियों की नजर से बचा जा सके. इस गेमिंग ऐप की इन-ऐप चैट में बातचीत करने के बाद मैसेज खुद ही डिलीट हो जाते हैं, जिससे कोई डिजिटल सबूत नहीं बचता.
किन गोपनीय जानकारियों को किया लीक?
एटीएस की जांच में सामने आया कि दोनों आरोपियों ने पैसों के बदले पाकिस्तानी एजेंट को ऑर्डिनेंस फैक्ट्री से जुड़ी कई गोपनीय सूचनाएं भेजी थीं, जिनमें शामिल हैं:
- ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में बनाए जा रहे हथियारों और गोला-बारूद की तकनीकी जानकारी.
- फैक्ट्री के अंदर कार्यरत कर्मचारियों की अटेंडेंस शीट और संवेदनशील डेटा.
- फैक्ट्री में इस्तेमाल हो रही मशीनों और उनके संचालन की जानकारी.
- हथियार उत्पादन और परीक्षण से जुड़े दस्तावेज एवं चार्ट.
एटीएस की कार्रवाई में हो सकते हैं बड़े खुलासे
एटीएस ने कुमार विकास को हिरासत में लेकर उससे गहन पूछताछ शुरू कर दी है. अब यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि इस जासूसी रैकेट में और कौन-कौन शामिल हो सकता है.
इसके अलावा, यह भी जांच की जा रही है कि क्या इससे पहले भी कोई संवेदनशील जानकारी लीक हुई थी और क्या इसका कोई विदेशी नेटवर्क भी है? आरोपियों के खिलाफ आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम और अन्य धाराओं में मामला दर्ज किया गया है.