UP Shikshamitra News: शिक्षा मंत्री के बेतुके बयान से भड़के शिक्षामित्रों ने कहा अब होगा बड़ा आंदोलन
यूपी के बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह के बयान को लेकर प्रदेश सहित फतेहपुर के शिक्षामित्रों में भारी रोष देखने को मिला. शिक्षामित्रों ने कहा कि बेसिक शिक्षा मंत्री अगर अपना बयान वापस नहीं लेंगे तो बड़ा आंदोलन होगा
हाईलाइट्स
- बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह के बयान से भड़के शिक्षामित्र
- संदीप सिंह ने शिक्षक और शिक्षामित्रों में बताई भिन्नता
- उत्तर प्रदेश में हो सकता है शिक्षामित्रों का बड़ा आंदोलन
Fatehpur Shikshamitra News: यूपी के बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने विधानसभा में शिक्षामित्रों को लेकर ऐसा बयान दिया कि प्रदेश के सभी शिक्षामित्रों में रोष व्याप्त हो गया. रविवार को सूबे के सभी जिलों के शिक्षामित्रों ने संदीप सिंह के बयान को लेकर निंदा करते हुए प्रदेश व्यापी आंदोलन की चेतावनी दी है. दरअसल विधानसभा में एक प्रश्न का जवाब देते हुए बेसिक शिक्षा मंत्री ने शिक्षक और शिक्षामित्रों के कार्यों में भिन्नता बताई थी जिससे शिक्षामित्र आंदोलित हो उठे.
प्रदेश में मर रहे शिक्षामित्र और भाजपा मना रही अमृतकाल
बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने अपने बयान से प्रदेश की राजनीति को एक नया मोड़ दे दिया है. उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के फतेहपुर जिलाध्यक्ष सुशील तिवारी ने नहर कालोनी में साथियों संग एकत्रित होकर सरकार के मंत्री की निंदा की है. सुशील कहते हैं कि एक तरह पूरे प्रदेश में लगभग दस हजार शिक्षामित्रों की मौत हो चुकी है वहीं सरकार अमृत काल मना रही है.
उन्होंने कहा कि प्राथमिक विद्यालय में तेईस वर्षों से शिक्षामित्र कार्यरत है और इन सालों में उनके पास सहायक अध्यापकों के साथ-साथ शिक्षामित्रों के कार्य का भी अनुभव है. सरकार द्वारा शिक्षामित्रों को छात्र शिक्षक अनुपात में शामिल करते हुए शिक्षक माना गया है. सुशील तिवारी ने कहा कि सरकार शिक्षामित्रों को अगर सम्मान नहीं दे सकती तो उसे अपमान करने का भी कोई हक नहीं है, बेसिक शिक्षा इस बयान को लेकर उन्होंने प्रदेशव्यापी आंदोलन की चेतावनी दी है.
आर्थिक तंगी से गुजर रहे शिक्षामित्र 6 वर्षों से नहीं बढ़ा वेतन
उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के जिलाध्यक्ष सुशील तिवारी और शिक्षामित्र केयर समिति के जिला संयोजक ओम पटेल ने कहा कि सरकार ने शिक्षामित्रों की समस्याओं के लिए हाईपॉवर कमेटी बनाई थी लेकिन अभी तक उस कमेटी ने क्या निर्णय लिया है किसी को कुछ पता नहीं है.
प्रदेश में आर्थिक तंगी, अवसाद, और आत्महत्या से लगभग दस हजार शिक्षामित्रों की मौत हो चुकी है 40 हज़ार से हमारा वेतन दस हजार कर दिया गया है और महंगाई चरम सीमा पर है इन हालातों में हम लोग अपना भरण पोषण कैसे करें. पिछले छः वर्षों से एक रूपए वेतन नहीं बढ़ा है. सुशील तिवारी और जिला मंत्री सुमित शुक्ला ने कहा कि हमारे संगठन ने प्रदेश के मुख्यमंत्री, डिप्टी सीएम, से लेकर गृह मंत्री तक को इस सम्बंध में ज्ञापन दिया है लेकिन उसके बावजूद हमारी समस्याओं का निदान नहीं हुआ है. उसके बाद भी हमारी योग्यता पर प्रश्नचिन्ह उठाया जा रहा है जो हम बर्दाश्त नहीं करेंगे.